पंचायतों में परिवहन की नहीं सुविधाएं
अनूपपुर।
भीषण गर्मी के दौरान जलसंकट से प्रभावित ग्रामों में पानी के लिए फिर से त्राहि
त्राहि मचेगी। हर बार जलापूर्ति के सम्बंध में शासन-प्रशासन द्वारा जारी किए गए
आदेश में विभाग बिगड़े परियोजनाओं की सुधार के लिए गम्भीरता नहीं दिखाता। अप्र्रैल
से पडऩे वाली गर्मी में जिले में जलसंकट प्रभावित गांवों के सर्वेक्षण के साथ
जलापूर्ति की व्यवस्थाओं का शत प्रतिशत उपाय नहीं किया गया है। जिले के चारों
विकासखंडों में 11 नलजल योजना सहित 103 से अधिक हैंडपम्प मेंटनेंश के
अभाव में बंद है, या हवा उगल रहे हैं। पीएचई विभाग खुद गर्मी के दिनों में गिरने
वालेे जलस्तर में 10 नलजल योजनाओं से अधिक के प्रभावित होने की आशंका जता रही है।
जबकि इसी जलस्तर में लगभग 300 हैंडपम्पों के बंद होने की बात मान रही
है। बहरहाल अनूपपुर जिले के अधिकांश ग्रामीण अचंल जलसंकट की समस्या से जूझ रहे
हैं। जिले के अनूपपुर, कोतमा,
जैतहरी
तथा पुष्पराजगढ़ के पठारी क्षेत्र में निवासरत लोग कुछ स्थानों पर बूंद-बूंद पानी
के लिए ग्रामीण अब भी तरस रहे हैं। ग्रामीण पानी के अभाव में तालाब, झिरिया,
नाला
सहित दूर-दराज के जलस्त्रोत से पानी लाकर अपनी दैनिक जरूरतें पूरी कर रहे हैं।
इनमें अनूपपुर के पडौर, भाद, भालूमाड़ा,
पयारी,
लतार,
क्योंटार,
आमाडांड
क्षेत्र, राजनगर, बिजुरी, रामनगर,
जैतहरी
ग्रामीण अंचल सहित पुष्पराजगढ़ के बड़ी तुम्मी सहित पड़मनिया, गिरारी,
तथा
छोटी तुम्मी जैसे सुदूरीय ग्राम पानी की समस्या से परेशान है। बावजूद जिला प्रशासन
द्वारा जलसंकट से प्रभावित गांवों के सम्बंध में न तो सर्वे कराया गया है और ना ही
बंद पड़े नलजल योजनाओं को चालू कराने निर्देशित किया है। विभागीय जानकारी के
अनुसार आंकड़ों में देखा जाए तो जिले में 9723 हैंडपम्प और
193
नलजल योजनाएं लगाई गई है। इनमें अनूपपुर विकासखंड में 2209 हैंडपम्प
हैं, जिनमें
2184
चालू तथा 25 बंद हैं, जबकि जैतहरी विकासखंड में 3096 हैंडपम्प
है इनमें चालू 3075 तथा 21 बंद है। इसी तरह कोतमा में कुल 1528 हैंडपम्प
जिनमें चालू 1510 तथा बंद 18 और पुष्पराजगढ़ में कुल 2890 हैंडपम्पों
में 2851 चालू तथा 39 बंद हैं। जबकि नलजल योजनाओं में जिलेभर
में 193 परियोजनाएं है जिनमें 182 चालू और 11 बंद
है। इनमें अनूपपुर विकासखंड में कुल 54 नलजल योजनाओं में 50 चालू
और 4
बंद हैं। जैतहरी विकासखंड में स्थापित 52 नलजल योजनाओं में 50 चालू
और 2
बंद हैं। कोतमा में कुल 28 नलजल योजनाओं में 27 चालू
और 1
बंद हैं। वहीं पुष्पराजगढ़ विकासखंड में 59 नलजल योजनाओ में ५५ चालू और ४ बंद
हैं। विभाग का मानना है कि गर्मी के दिनों में जलस्तर कम होने के कारण उंची
स्थानों वालों नलजल योजनाओं तथा हैंडपम्पों में पानी उपर आने में समस्या बनती है।
फिलहाल लगभग दो सैकड़ा हैंडपम्प बंद तथा 11 से अधिक नलजल योजनाएं विभिन्न
कारणों से बंद पड़ी है। असल में यह समस्या अनूपपुर जिले में प्रत्येक वर्ष बनती है,
जिनमें
पुष्पराजगढ़ विकासखंड सबसे अधिक प्रभावित होता है। दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीण
व्यवस्थाएं बनी होने के कारण ऐसे स्थानों पर तकनीकि कर्मियों के अभाव में पानी की
समस्या से लोगों को सालों पर जूझना पड़ता है।
गांवों में
जल परिवहन की नहीं सुविधा
जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने सेक्टर बाइज स्तर पर
विकासखंड स्तर पर 10-10 पानी
टैंकर की सुविधा प्रदान करते हुए गर्मी के दिनों में जल परिवहन की व्यवस्था बनाई
थी। लेकिन ग्राम पंचायतों का कहना है कि पानी टैंकर के खींचने के लिए ट्रैक्टर
वाहन जैसी सुविधा का अभाव है। गांवों में बैलों की सेवाएं देने किसान आगे नहीं
आते। शासकीय स्तर पर बैल से परिवहन कराने तथा उनके भुगतान की व्यवस्था है। लेकिन
उनके भुगतान में अधिक समय लगने के कारण किसान पीछे हट जाते हैं। जिसके कारण ग्राम
पंचायतों में पानी का टैंकर खड़ा रह जाता है और गांव में जलसंकट की समस्या बनी रह
जाती है। पूर्व में ग्राम पंचायतों में 40 से अधिक पानी टैंकर
उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें
अधिकांश पानी टैंकर उपयोग के अभाव में सड़ गए और कुछ ट्रैक्टर के अभाव में
अनुपयोगी बनकर पंचायत भवनों पर खड़े रह गए।
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