दो अन्य फरार,चेक
बाउंस मामले में पीडि़त ने थाने में दर्ज कराई थी शिकायत
अनूपपुर। रामनगर थाना क्षेत्र में आवेदक राजेन्द्र साहू की शिकायत पर 14 मार्च
को लोन प्रकरण मामले में लोकायुक्त द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब रामनगर पुलिस
ने लोन धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने विवेचना के दौरान आरोपी राजेन्द्र साहू को 20 मार्च
को राजनगर से गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया है।
इस मामले में
35
वर्षीय मदन पनिका पिता स्व. अख्तियारदास पनिका निवासी इन्द्रानगर ने राजनगर ने
रामनगर थाने में वर्ष 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें मदन
पनिका ने शिकायत करते हुआ बताया था कि राजेन्द्र साहू ने मदन पनिका के पूरे
रिकार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड, अंक सूची,
कोरे
चेक बुक तथा आवेदक से कोरे कागजों में हस्ताक्षर कराया था। जिनको लेकर तत्कालीन
शाखा प्रबंधक सेंट्रल बैंक राजनगर अविनाश
कुमार साहू से सांठगांठ कर ९.९५ लाख रूपए का लोन स्वीकृत कराया था। और आवेदक मदन
पनिका के खाते में लोन का पैसा ट्रांसफार
कराकर सिम्पू उर्फ शत्रुंजय पांडेय से किराना के सामान का कोटेशन लेकर उसके खाते
में 8.95 लाख रूपए तत्कालीन शाखा प्रबंधक अविनाश साहू द्वारा डीडी जारी
कर ट्रांसफर कर दिया । वहीं 1 लाख रूपया राजेन्द्र साहू अपने खाते
में ट्रांसफर करा लिया। इसके बाद राजेन्द्र साहू ने 2 लाख रूपए का
चेक मदन पनिका के नाम जारी कर थमा दिया था जो बैंक से बाउंस हो गया। इस प्रकरण में
मदन पनिका को न किराना का सामान मिला और ना ही पैसा, इस प्रकार
आरोपियों द्वारा छल और धोखाधड़ी मदन पनिका के नाम जारी 9.95 लाख की लोन
की राशि हड़प ली। शिकायत के बाद जांच करते हुए पुलिस ने राजेन्द्र साहू पिता
मूलचंद्र साहू निवासी राजनगर, सिम्पु उर्फ शत्रुंजय पांडेय, पिता
श्यामबिहारी पांडेय निवासी कपिलधारा कॉलोनी बिजुरी, अविनाश कुमार
साहू पिता रमेश कुमार साहू प्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बूटी मोर रांची के
विरूद्ध अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी राजेन्द्र
साहू को 20 मार्च को राजनगर से गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया है।
जबकि प्रकरण में 2 अन्य आरोपी सिम्पु उर्फ शत्रुंजय पांडेय एवं अविनाश कुमार
साहू फरार है, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। कार्रवाई में थाना प्रभारी बीएन
प्रजापति, सहायक उपनिरीक्षक रंगनाथ मिश्रा, रामभुवन
शर्मा, आरक्षक कपिलदेव चक्रवर्ती, सनत द्विवेदी,
संजीव
त्रिपाठी, अमित पटेल, राहुल प्रजापति, रिंकू गोले
शामिल रहे। विदित हो कि लोन प्रकरण में आपसी लेन देन को लेकर और खुद को बचाने के
चक्कर में राजेन्द्र साहू ने 12 मार्च को रीवा लोकायुक्त में रामनगर
थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक रामप्रसाद प्रजापति, सेंट्रल बैंक
हेडकैशियर कमलदेव मंडल के खिलाफ 60 हजार रूपए रिश्वत मांगने की शिकायत
दर्ज कराई थी। जिसमें 14 मार्च को लोकायुक्त की टीम ने दबिश
देकर बैंककर्मी धीरेन्द्र पटेल को रंगे हाथ ट्रैप किया था। कार्रवाई के दौरान
प्रधान आरक्षक थाना से फरार हो गया था, जबकि बैंक हेडकैशियर कमलदेव मंडल
बिहार गए होने के कारण गिरफ्तार नहीं हो सका था।
इस पूरे
प्रकरण में बताया जाता है कि राजेंद्र साहू द्वारा पूर्व में मदन दास पनिका को 2
लाख
का चेक दिया गया था, जो बाउंस हो गया था। इसकी शिकायत मदन दास पनिका द्वारा रामनगर
थाने में दर्ज कराई गई थी। बाद में राजेंद्र साहू द्वारा मनेंद्रगढ़ न्यायालय में 50
रूपए
के स्टांप पर दोनों पक्षों ने 23 जनवरी को लिखा-पढी किया कि हम दोनों का
लेनदेन समाप्त हो चुका है और हम दोनों एक दूसरे के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं चाहते
हैं। मदनदास पनिका के द्वारा रामनगर थाना प्रभारी को 23 जनवरी को एक
आवेदन दिया गया जिसमें कहा गया कि मेरे द्वारा राजेंद्र साहू के खिलाफ की गई शिकायत को मैं वापस लेता हूं एवं
राजेंद्र के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं
चाहता हूं। लेकिन पूरे मामले में प्रधान आरक्षक राम प्रसाद प्रजापति विवेचना
अधिकारी थे, जिन्होंने लगातार राजेंद्र साहू को मामला निपटाने के एवज में
पैसा देने के लिए दबाव बनाया और न देने पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। जिससे
परेशान होकर राजेंद्र साहू द्वारा 60 हजार रुपए देने की बात पर सौदा
तय किया गया और यह बोला गया कि मैं धीरे-धीरे पैसा दे दूंगा।
लेकिन
राम प्रसाद द्वारा एकमुश्त की मांग की गई। इसपर राजेंद्र साहू द्वारा राम प्रसाद
की शिकायत 12 मार्च को लोकायुक्त रीवा कर दी थी। लेकिन अब पाशा उलटा पड़ गया
और पुलिस ने लोकायुक्त के आवेदक रहे राजेन्द्र साहू को ही गिरफ्तार कर मामले का
पर्दाफाश किया है।
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