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शुक्रवार, 20 मार्च 2020

जलसंकट से निटपने पीएचई ने 75 हैंडपम्प और 50 पम्प का शासन को भेजा कार्ययोजना का प्रस्ताव

परिवहन के लिए पांच पानी टैंकर की होगी सुविधा, 83 हजार प्रभावित परिवारों को पेयजल आपूर्ति की होगी व्यवस्था
अनूपपुर जिले में आगामी गर्मी के दिनों में बनने वाली पानी की समस्याओं को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अनूपपुर ने शासन को पेयजल समस्या से निटपने कार्ययोजना भेजी है। जिसमें आगामी ग्रीष्मकाल में लगभग 220 पेयजल समस्या सम्भावित बसाहटो के 83489 लोगों को जलापूर्ति की सुविधा बनाने संसाधनों की मांग की है। पीएचई विभाग शासन को भेजे गए रिपोर्ट में 90 ऐसी बसाहटों एवं उनमें स्थापित 345 हैंडपम्पों जिनमें राइजर पाइप बढ़ाकर पुन: चालू कराया जाने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि यहां लगभग 5176 मीटर लम्बी आवश्यक राइजर पाइप की जरूरत पड़ेगी। जबकि शेष बसाहटो जिनमें स्थापित हैंडपम्पों को राइजर पाइप बढ़ाकर चालू नहीं किया जा सकता है में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवीन 75 हैंडपम्प स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा 50 हैंडपम्पों में सिंगल फेस मोटर पम्प स्थापित किए जाने की बात कही है।
ऐसी बसाहट जहां पेयजल व्यवस्था के लिए अन्य विकल्प न होने से 5 परिवहन करने पानी टैंकर व्यवस्था बनाने की रिपोर्ट तैयार किया है। विभागीय जानकारी में जिले के २२० स्थानों पर पानी की समस्या बनती है, जहां जलस्तर के कारण गर्मी के दिनों में हैंडपम्पों से पानी कम निकलता हैं या फिर हैंडपम्प हवा उगलने लगता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिले के चारो विकासखंड में कुछ स्थानों पर ही ऐसी अव्यवस्था बनती है। इनमें पुष्पराजगढ़ पठारी क्षेत्र होने के कारण उमरिया जिले से लगे पश्चिमी क्षेत्र में अधिक समस्या गहराती है।
जिले में जो भी हैंडपम्प बिगड़े हैं और नलजल योजना बंद पड़ी है उसके सुधार के लिए टीम को लगाया गया है, जहां सुधार नहीं होने की स्थिति में राइजर पाइप बढ़ाने के साथ  नवीन हैंडपम्प स्थापित करने या फिर परिवहन जैसी व्यवस्था बनाई जाये जाने की बात कहीं। विभाग का मानना है कि गर्मी के दिनों में जलस्तर कम होने के कारण उंची स्थानों वालों नलजल योजनाओं तथा हैंडपम्पों में पानी उपर आने में समस्या बनती है। फिलहाल लगभग दो सैकड़ा हैंडपम्प बंद तथा 11 से अधिक नलजल योजनाएं विभिन्न कारणों से बंद पड़ी है। यह समस्या अनूपपुर जिले में प्रत्येक वर्ष बनती है, जिनमें पुष्पराजगढ़ विकासखंड सबसे अधिक प्रभावित होता है। दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीण व्यवस्थाएं बनी होने के कारण ऐसे स्थानों पर तकनीकि कर्मियों के अभाव में पानी की समस्या से लोगों को सालों पर जूझना पड़ता है।  

कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एसके शाल्व ने बताया कि हमने कार्ययोजना शासन को भेजा है, इसमें एक अप्रैल से 31 जुलाई तक जिले के जलाभाव से ग्रस्ति क्षेत्रों में जलापूर्ति कराई जा सकेगी।

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