तीन दिनों में मांगा जबाव,वरिष्ठ
अधिकारियों को पत्राचार करने दी चेतावनी
अनूपपुर। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग धरती के भगवान डॉक्टरों की टीम अमले
के साथे प्रभावितों को नया जीवन दिलाने के विश्वास में जुटी है वहीं सोमवार को
अनूपपुर जिला चिकित्सालय में चिकित्सको की लापरवाही सामने आई है। जिसमें
चिकित्सकों को सामूहिक रूप में ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित पाया गया। इसपर गम्भीरता
और चिंता जताते हुए सिविल सर्जन डॉ. एससी राय ने मंगलवार 31 मार्च को
ड्यूटी में गायब दस चिकित्सकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस थमाते हुए तीन दिनों के
अंदर जवाब मांगा हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उनके जवाब संतोषप्रद नही हुए तो
उनके खिलाफ अनुशासनात्क कार्रवाई करते हुए उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया
जाएगा। सिविल सर्जन द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में कहा कि वर्तमान में पूरा देश
कोरोना संक्रमण के कारण ग्रसित है, उनके द्वारा किया गया कार्य सिविल सेवा
आचरण नियम 1965 के विपरीत है और कदाचार की श्रेणी में आता है। वहीं नोटिस के
बाद भी मंगलवार को भी कई डाक्टर समय से जिला चिकित्सालय नही पहुंचे।
सिविल सर्जन
डॉ. एससी राय ने बताया कि जिला चिकित्सालय निरीक्षण के दौरान सम्बंधित चिकित्सक
अनुपस्थित पाए गए। जिसपर इसे लापरवाही मानते हुए सभी चिकित्सकों के खिलाफ कारण
बताओं नोटिस जारी किया गया है। उन्होने बताया की अगर स्थिति नही सुधरी तो
उच्चधिकारियो को लिख कार्यवाही की जाएगी।
सिविल सर्जन
के अनुसार अनुपस्थित चिकित्सकों की सूची में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. डीके कोरी,
शिशु
रोग विशेषज्ञ डॉ. एसआर परस्ते, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी एनए खान,
वरिष्ठ
चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीआर सिंह, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. केबी प्रजापति,
शिशुरोग
विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र खेस्स, चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनपी मांझी,
चिकित्सा
अधिकारी डॉ.हेमेन्द्र चौहान एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ.अंशुमन मिश्रा शामिल हैं।
वहीं सिविल सर्जन के नोटिस के बाद कुछ चिकित्सकों ने चिकित्सालय परिसर में ही
उपस्थित रहने की सफाई पेश की है, लेकिन सिविल सर्जन ने इस प्रकार की
लापरवाही को भारी चूक बताया है। फिलहाल जिला चिकित्सालय में सामूहिक रूप में दस
चिकित्सकों के खिलाफ जारी हुए कारण बताओ नोटिस के बाद हडकम्प मचा हुआ है। विदित हो
कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही का सिलसिला वर्षो से चला रहा है,
जहां
चिकित्सक अपनी मनमर्जी अनुसार अस्पताल परिसर में पहुंचकर मरीजों का इलाज करते रहे
हैं। इनमें मरीजों के साथ साथ परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। हाल
के दिनों में कायाकल्प में बदली गई चिकित्सालय की तस्वीर के बाद चिकित्सकों की कमी
के बावजूद किसी प्रकार की कोई शिकायत सामने नहीं आई। लेकिन कोरोना वायरस के खौफ से
सहमी दुनिया और प्रभावित होकर आने वाले मरीजों के इलाज में शासन और जिला प्रशासन
द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियों में सिविल सर्जन ने चिकित्सकों की लापरवाही पर
सख्ती बरतते हुए सामूहिक रूप में ही नोटिस जारी कर दिया है।
जिला चिकित्सालय जाओ तो वहां पर बोलते हैं ड्यूटी में है अभी आ रहे हैं अभी आ रहे हैं पूरा दिन खत्म हो जाता है और यह नहीं आते यह सभी फर्स्ट डॉक्टर हैं यह पहले अपना पर्सनल क्लीनिक तो चला ले
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