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रविवार, 22 मार्च 2020

जिले की सीमाएं हुई सील, कलेक्टर ने लॉकडाउन के जारी किए आदेश

धारा 144 के तहत 22 की रात से 31 मार्च तक प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा जारी
अनूपपुर। जबलपुर में कोरोना संक्रमण के चार मरीजों पॉजीटिव मिलने के बाद अनूपपुर कलेक्टर ने जिले को तत्काल प्रभाव से पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया है। साथ ही जिले की सीमाओं को आगामी ३१ मार्च की रात १२ बजे तक सील कर दिया है। जिला लॉकडाउन में किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।

वहीं सड़क व रेल से जिले की सीमा में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा पूर्ण लॉकडाउन में अतिआवश्यक दुकानो के अलावा जिले के समस्त शासकीय और अद्र्धशासकीय कार्यालय, व्यवसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहेगी। वहीं अति आवश्यक सेवाएं जिनमें राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस, विद्युत, पेट्रोल तथा डीजल पंप, दूरसंचार, नगर पालिका, पंचायत आदि इससे मुक्त रहेंगे। अन्य सभी कार्यालय तत्काल प्रभाव से बंद रहेंगे। कलेक्टर ने बताया कि जो व्यक्ति 1 जनवरी के बाद अनूपपुर जिले की सीमा में आए हों तथा जिन्हें सर्दी, खांसी अथवा बुखार जैसे लक्षण का आभास हो रहा हो वे अपने निकटतम शासकीय अस्पताल अथवा थाना, तहसील को सूचित करें। यदि अन्य स्त्रोतों से ऐसी सूचना प्राप्त होती है और जांच करने पर संबंधित व्यक्ति द्वारा जानबूझकर जिले की सीमा से बाहर से आने के बारे में जानकारी छिपाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिन व्यक्तियों को मेडिकल जांच उपरांत होम क्वरेन्टाइन घर में 14 दिवस तक रहने के लिए निर्देशित किया जाता ह उन्हें किसी भी परिस्थिति में 14 दिन तक घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।

अति आवश्यक वस्तु की दुकानें दो घंटे खुलेंगी
इमरजेंसी ड्यूटी वाले शासकीय कर्मचारी केवल ड्यूटी के प्रयोजन से पूर्ण लॉकडाउन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। इन कर्मचारियों को अपने साथ शासकीय पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले दूध विके्रता सुबह 6 बजे से 9 बजे तक पूर्ण लॉकडाउन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। जबकि अति आवश्यक वस्तुएं जैसे खादय सामग्री, राशन, पीडीएस दुकान, सब्जी की दुकाने दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक खुली रहेंगी। इन आवश्यक सामग्रियों की खरीदी के लिए आम जनता को प्रतिदिन इन दो घंटों में छुट प्रदाय की जाएगी। यह छूट होम क्वरेन्टाइन में रखे गए व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी।
जनता कफ्र्यू रहा प्रभावी, बाजार व सड़के रहीं सूनी

नोवेला कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और उसके संक्रमण श्रृंखला को तोडऩे २२ मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जनता कफ्र्यू का जिलेभर में व्यापक असर रहा, जिला मुख्यालय अनूपपुर से लेकर जैतहरी, पसान, बदरा, कोतमा, बिजुरी, राजनगर, चचाई, अमरकंटक, रामनगर, राजेन्द्रग्राम की बाजारें वीरान पड़ी रही, जबकि जिलेभर की समस्त मुख्य सड़कों से लेकर नगर की गलियों व ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें सूनी पड़ी रही। बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों का कहीं अता पता नहंी था। नगर से लेेकर गांव के घरों में आम नागरिक दुबके रहे, जो सामूहिक रूप में संक्रमण को मात देने और कफ्र्यू को सफल करने दिनभर अपने परिजनों के साथ कमरे में बंद रहे। वहीं शाम 5 बजे जिलेवासियों ने थाली बजाकर, शंखनाद कर, और तालियों से अभियान को सफल बनाने वाले वॉरियर्स को सम्मानित कर रहे थे। शाम को मानों धरती और गगन शंखनाद और थाली के साथ ताली की ध्वनि से गुजायमान हो गई थी। इस दौरान जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य अमला, पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी व कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ जिलेभर की हर गतिविधियों पर नजर बनाए रखे रहें। हालांकि जिला प्रशासन ने 22 मार्च की शाम जिले को लॉकडाउन घोषित कर दिया। बावजूद जनता कफ्र्य को आम नागरिकों ने काफी सराहा की। 
ट्रेन से पहुंचे यात्रियों की स्वास्थ्य टीम ने की जांच

जनता कफ्र्यू के बाद भी लंबी दूरी से चलने वाली रीवा बिलासपुर, हरिद्वार-पुरी(उत्कल), शालीमार-भुज, इंदौर-बिलासपुर, पुरी-हरिद्वार (उत्कल), विशाखपत्तन- भगत की कोठी, रात बारह बजे हीराकुंड का परिचालन हुआ। इन ट्रेनो में 22 मार्च की शाम तक लगभग 200 यात्रियों के अनूपपुर रेलवे स्टेशन में उतरने पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए स्थानीय पुलिस द्वारा तत्काल सभी यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर ही रोककर उनकी जानकारी लेने के साथ ही स्वास्थ्य टीम को सूचना देकर यात्रियों की जांच परीक्षण कराकर उन्हें चिह्नित किया गया और वाहन के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई।
सुरक्षा व्यवस्थाओं में पुलिस रही अलर्ट
जनता कफ्र्यू को सफल बनाने में पुलिस की भूमिका 21 मार्च की रात से ही सक्रिय रही, जो 22 मार्च की देर रात शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बनी रही। थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ यातायात पुलिस अमला भी सड़कों पर उतरकर आम नागरिकों को जनता कफ्र्यू के मद्देनजर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए घरों के अंदर रहने की लगातार अपील करते नजर आई। सड़को पर नजर आने वाले यात्रियों को अनावश्यक रूप में बाहर नहीं निकलने, मास्क का उपयोग करने की भी सलाह देती रही। 22 मार्च को पुलिस अधीक्षक किरणलता केरकेट्टा सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए सभी थाना क्षेत्रों की जानकारी लेते रहें और पुलिस पदाधिकारियों को विशेष सतर्कता के साथ सुरक्षा के लिए भी निर्देशित किया। अनूपपुर जिला मुख्यालय में कोतवाली प्रभारी प्र$फुल्ल राय, कोतमा में आरके वैस, बिजुरी में संजय पाठक, रामनगर में बीएन प्रजापति, भालूमाड़ा थाना प्रभारी आरएन आर्मो, फुनगा चौकी प्रभारी विशाखा उर्वेदी, अमरकंटक भानू प्रताप सिंह सहित अन्य थाना प्रभारी सुरक्षा व्यवस्थाओं में मुस्तैद नजर आए।
शराब दुकानें खुलीं, प्रशासन ने कराया बंद

प्रधानमंत्री के आह्वान पर रविवार को जनता कफ्र्यू के समर्थन में जहां चाय-पान के ठेले सहित बाजार के छोटे-बड़े व्यापारिक सभी प्रतिष्ठान बंद रहें। वहीं इसका असर जिलभर की शराब दुकानों में देखने को नहीं मिला। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित अन्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की शराब दुकानें सुबह से ही खुली रहीं। जिसकी सूचना  स्थानीय और मीडिया द्वारा प्रशासन को दिए जाने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने गंभीरता दिखाते हुए तत्काल सभी दुकानों को बंद कराया। इस दौरान जिले भर के समस्त देशी एवं विदेशी शराब दुकानो को पुलिस ने पहुंच कर बंद कराई। 
31 तक बंद रहेंगे शासकीय कार्यालय
नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शासन ने समस्त शासकीय कार्यालयों एवं शासकीय संस्थाओं में कार्यरत अमले को अस्थायी रूप से 31 मार्च तक अपना कार्यालयीन कार्य अपने निवास स्थान से सम्पादित करने की अनुमति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। 23 से 31 मार्च तक की अवधि को समस्त प्रयोजनों के लिए कर्तव्य अवधि माना जाएगा। यह आदेश उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा अथवा उस सीमा तक लागू नहीं होगा जो इस अवधि में अथवा इसके किसी अंशभाग के लिए किसी भी स्वरूप के पूर्व से अवकाश पर है। उक्त अवधि का उपयोग अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कार्यालयीन कार्य निवास से सम्पादित करने के लिए किया जाएगा। किसी भी तात्कालिक आवश्यकता की स्थिति में अधिकारियों-कर्मचारियों को उनके निवास से कार्यालय में शासकीय कार्य के लिए आहूत किया जा सकेगा। इसके लिए शासकीय सेवकों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपना मोबाइल नंबर, लैंडलाइन नंबर एवं निवास का पता कार्यालय में तथा कार्यालय संस्था प्रमुख को तत्काल प्रदान करेंगे। यह आदेश प्रदेश की किसी भी अत्यावश्यक सेवाएं जैसे स्वास्थ्य, पुलिस, पेयजल व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, साफ सफाई से जुडा अमला, अग्निशमन सेवाएं, दूरसंचार सेवाएं पर लागू नहीं होगा।  इस तिथि के बाद तत्समय की परिस्थितियों के आधार पर पुन: परीक्षण कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
व्यवधान करने वालों को होगी 3 माह की जेल

कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने म0प्र0 पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 में प्रावधानित ऐसे समस्त अधिकार जो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षकों को प्रदत्त किये गये हैंजन स्वास्थ्य एवं लोकहित में आवश्यकतानुसार म0प्र0 पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 में निहित शक्तियों का उपयोग कर कोरोना संक्रमण वायरस से बचाय हेतु आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया है। उल्लेखनीय है कि म0प्र पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर तीन माह की सजा एवं जुर्माना भी किया जा सकता है। इसके साथ ही आपने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु क्वॉरंटीन/ आइसोलेट किये गये व्यक्ति अथवा चिकित्सा जांच/परामर्श के उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर अविलंब कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया है। आपने कहा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पुलिस एवं प्रशासन से पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।

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