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शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

राष्ट्रीय पर्व मनाने से राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी पूर्ण नहीं होगी - विकाश चंदेल


प्रणाम नर्मदा युवा संगठन ने पेड़ो को बचाने
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किमी निकाली साईकिल रैली,पेड़ो में कील लगाने का किया विरोध

अनूपपुर हरियाली की चादर ओढ़े पवित्र नगरी अमरकंटक में हरे भरे पेड़ो को बचाने शुक्रवार को प्रणाम नर्मदा युवा संघ संगठन ने 35 किलोमीटर की साईकिल रैली रैली ग्राम भेजरी से पेड़की होते हुए अमरकंटक पहुंची। जहां लोगों को हरे भरे पेड़ो को न काटने के लिए जागरूकता का संदेश दिया। वहीं अमरकंटक में लगे पेड़ो पर कील लगाकर बैनर व पोस्टर हटाने तथा भविष्य में इस तरह से ना लगाने एसडीओ वन विभाग अमरकंटक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर पंचायत अमरकंटक ज्ञापन सौंपकर बैनर पोस्टर निकालने का अग्रह किया।


नर्मदा युवा संघ ने रैली के दौरान रास्ते में पेड़ों में लगे बैनर पोस्टर को निकाला। जिसमे भेजरी से अमरकंटक तक 185 बैनरों से 740 कील निकाले गए।  निकाले गए कीलों को नगर पंचायत के समक्ष रखकर पेड़ों को बचाने के लिए लोगों का जागरूक कर पेड़ों की व्यथा को कार्यकर्ताओं ने रखा।

साइकिल रैली के बाइ नर्मदा मंदिर परिसर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया,युवा संघ के अध्यक्ष विकास चंदेल ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व मनाने बस से राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का संपूर्ण निर्वहन नहीं होगा बल्कि हमें अपने आसपास हो रहे अन्याय के प्रति आवाज उठानी होगी और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक नागरिक को आगे आना होगा।  हरीश धुर्वे ने कहा कि यह साइकिल रैली का प्रथम चरण है, जिसमें अमरकंटक में बैनर पोस्टर निकालने और ना लगने देना के लिए कार्य किया गया है। आने वाले दिनों में जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाएगा की संपूर्ण जिले में यह अभियान शासन के माध्यम से किया जाए।इस दौरान सुधीर कुमार, एकता पटनायक, शिवभक्त सिंह, आनंद किशोर द्विवेदी,मोहन राजपूत, जगजीवन सिंह, करण पटेल,तरूण कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता व स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

बुधवार, 27 जनवरी 2021

किसी अफवाहों और न ही भयभीत हो बेझिझक लगवायें कोविड का टीका -डां. बृजनंदन शुक्ला

 


कोरोना टीकाकरण के लिए दो नये केंद्र बनाये,
दूसरे दिन 6 केंद्रों में 289 को लगा

अनूपपुर जिला चिकित्सालय में बुधवार को टीकाकरण  के बाद डां. बृजनंदन शुक्ला ने सभी से अनुरोध है कि किसी के अफवाहों में न आये,न ही किसी प्रकार से भयभीत हो जब भी आप की बारी आये बेझिझक कोविड-19 का टीका अवश्य लगवाए यह हम सभी की जिम्मेदारी और जरूरत भी। उन्होंने जिला स्वास्थ्य विभाग,देश के वैज्ञानिकों व जिला प्रशासन का धन्यवाद दिया।

कोरोना से नागरिकों के बचाव 25 जनवरी को अनूपपुर जिला अस्पताल सहित तीन अन्य सेंटरों पर कोरोना के टीके लगाए गए। 27 जनवरी को दो और नये टीकाकरण केन्द्र करपा और फुंनगा बनाये गयें। बुधवार को टीकाकरण जिला चिकित्सालय अनूपपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतमा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्रग्राम,करपा और फुंनगा में 593 के लक्ष्य 289 लोगों को टीका लगाया गया।

बुधवार को जिला चिकित्सालय में 24, कोतमा में 36, जैतहरी में 74,राजेन्द्रग्राम में 78,करपा 47 तथा फुंनगा 30 कुल 289 लोगों को टीका लगाया गया। टीकाकरण नोडल अधिकारी डॉ.एसबी चौधरी ने बताया कि जिले में छोड़कर टीकाकरण केन्द्रों के अलावा दो नये टीकाकरण केन्द्र बनाये गयें हैं। जहां पहली बार टीकाकरण कराया गया। वहीं राजेन्द्रग्राम में सबसे अधिक 70 लोगों ने टीका लगाए हैं। अन्य सेंटरों पर भी अधिक टीकाकरण के लिए प्रेरित करने प्रचार कराया जाएगा। प्रत्येक सेंटर पर रोजाना (निर्धारित तिथि) 100 टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।

मंगलवार, 26 जनवरी 2021

किसान आन्दोलन के सर्मथन में निकली टैक्ट्रर रैंली


अनूपपुर
किसान आन्दोलन के सर्मथन में मप्र किसान सभा एवं संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन (सीटू) के आह्वान पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंगलवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला। ट्रैक्टर मार्च में शामिल किसान एवं मजदूरों ने किसान विरोधी काला कानून, मजदूर विरोधी श्रम संहिता को रद्द करो, पुनर्वास के शर्तों के अनुसार मोजर बेयर पावर प्लांट में खातेदारों को नौकरी दो, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव के विरुद्ध कायम फर्जी मुकदमा रद्द करनें सहित कई मांगो को लेकर नारा लगाते हुए रैंली निकाली।

किसान नेताओं ने बताया कि जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन का नेतृत्व मप्र किसान सभा के जिला अध्यक्ष रमेश सिंह, महासचिव दलवीर केवट, संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष जुगल किशोर, कोषाध्यक्ष सहसराम चौधरी एवं सीटू महासचिव इंद्र पति सिंह ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

सस्ती बिजली उत्पादन कर देश की तरक्की में योगदान देना हिंदुस्तान पावर का लक्ष्य-बसंत कुमार मिश्रा


संयंत्र परिसर में 72वें गणतंत्र दिवस का समारोह सम्पन्न

अनूपपुर गणतंत्र दिवस पर हमें अपने सपनों और आकांक्षाओं को सच में ढालने का प्रण दिलाता है। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तरक्की का प्रतिमान छूते हुए हमारे देश ने दुनिया में अहम स्थान बनाया है। पर्यावरण के मानकों का ध्यान रखते हुए सस्ती बिजली का उत्पादन कर देश की तरक्की में योगदान देना हिंदुस्तान पावर का लक्ष्य है। हिंदुस्तान पावर जैतहरी सीओओ एवं प्लांट हेड बसंत कुमार मिश्रा ने संयंत्र परिसर में आयोजित 72वें गणतंत्र दिवस समारोह में कही। कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन करतें हुए समारोह का आयोजन किया गया।

72वें गणतंत्र दिवस पर परिसर में आयोजित समारोह में उन्होंने ध्वजारोहण किया। संयंत्र के सुरक्षा प्रभारी अरविंद कुमार सिंह की अगुवानी में सुरक्षा जवानों ने उन्हें परेड की सलामी दी। इस मौके पर ओएंडएम हेड अजित चोपड़े समेत वरिष्ठ प्रबंधन के सदस्य मौजूद रहें।

मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग के महाप्रबंधक आरके खटाना ने कहा देश की गणतांत्रिक व्यवस्था और भारत के संविधान की खूबियों पर संक्षिप्त रोशनी डाली। एमबी पावर बच्चों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों में देशभक्ति के गीतों पर उनकी जीवंत प्रस्तुतियों और कोरोना पर जागरुकता भरी नाट्य प्रस्तुति दी। इस दौरान समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ कर्मियों को पुरस्कृत किया। जिसमे अविनाश,दीपक, बेग और चंदन सिंह को सर्वश्रेष्ठ कर्मी का पुरस्कार,अनुबंधित एजेंसियों के कर्तव्यनिष्ठ कर्मियों को भी पुरस्कृत किया गया।   

प्रगति के सोपान तय कर अंतरराष्ट्रीय फलक पर मानक विश्वविद्यालय बनाना है - कुलपति

 


इंगांराजवि कुलपति ने किया ध्वजारोहण,
बच्चों ने देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुति

अनूपपुर आज का दिन गौरव दिवस है। इस गौरव दिवस के दिन हम उमंग उत्साह एवं आल्हद से परिपूर्ण होते हैं। गौरव पुरुषों को नमन करते हैं जिनके कारण हमें स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई। आज के दिन हम संवैधानिक मूल्यों का ध्यान करते हैं। संविधान देश का सर्वाेच्च कानून और संविधान मर्यादाओं, मान्यताओं का कुंज और पुंज भी है। संकल्पों को सिखाता है। सभी के लिए समानता का भाव है। मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में आयोजित 72वें गणतंत्र दिवस समारोह में कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहीं।

उन्होंने देश के संविधान, मूल्यों, मान्यताओं परंपरा एवं संस्कृति में निष्ठा व्यक्त करते हुए जननी जन्मभूमिस्च स्वर्गादपि गरीयसी के उद्घोश करते हुए कहा कि आज हमारा देश रामराज्य के पथ पर अग्रसर है। किसी भी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने एवं सुशासन लाने हेतु चार बातों का ध्यान रखना होता है साधुमत, शास्त्रमत, लोकमत एवं राजज्ञमत। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। ऋषि,कृषि परंपरा, विविधता में एकता, विहंगम संस्कृति का देश है। हमारे संस्कारों में प्रकृति वंदन है, नारी वंदन है।


ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्कृति सभी में नेतृत्व प्रदान करने का कार्य आचार्य ही करते हैं। शिक्षण संस्थान में हम विकासार्थ आते हैं एवं बाहर कल्याणार्थ जाते हैं। हमने वर्तमान में बहुत प्रगति की है परंतु हमें अभी भी उन स्वप्नों को पूर्ण करना है जो हमारे राष्ट्र नायकों ने देखे हैं।

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग निरंतर शोध एवं अनुसंधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं परंतु हमें अभी भी प्रगति के कई सोपान तय करने हैं। अंतरराष्ट्रीय फलक पर मानक विश्वविद्यालय बनाना है। नई शिक्षा नीति की आत्मा भारतीय एवं स्वरूप वैष्विक है। हमें स्वतंत्रता से स्वालंबन की ओर जाना है।

इसके पूर्व विश्वविद्यालय के सुरक्षा प्रहरी छविलाल के नेतृत्व में सुरक्षाकर्मियों ने मार्चपास्ट करे ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर विष्वविद्यालय में लगन एवं निष्ठा से कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरूस्कृत भी किया गया।

इस दौरान आलोक श्रोत्रिय, निदेशक (अकादमिक), कुलसचिव पी.सिलुवैनाथन सहित संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में शिक्षक और विवि के कर्मचारी उपस्थित थे।

सोमवार, 25 जनवरी 2021

लक्ष्य निर्धारण के आदेश को निरस्त करने हेतु शिक्षक संगठनों ने सौंपा ज्ञापन


अनूपपुर
वैश्विक महामारी कोविड-19 की स्थिति में परीक्षा परिणाम के लक्ष्य निर्धारण में वृद्धि करना एवं लक्ष्य पूर्ति न होने पर शिक्षक संवर्ग के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के जारी आदेश को निरस्त करने के लिए 25 जनवरी को प्राचार्य शासकीय मॉडल उत्तर माध्यमिक विद्यालय जैतहरी ओंकार सिंह धुर्वे के नेतृत्व में समस्त शिक्षक संगठनों ने जिला शिक्षा अधिकारी टीआर आर्मो के माध्यम से आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को तीन सूत्रिय ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में संगठनों ने कहा हैं कि अभिभावकों की सहमति न मिलने से छात्रों को विद्यालय उपस्थित करा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में परीक्षा परिणाम में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर पाना संभव नहीं है। कई विद्यार्थी कोविड-19 का बहाना बनाकर अन्य सभी जगह तो घूम रहे हैं परंतु विद्यालय नहीं आ रहे हैं,इस बार नाम नहीं काटा जा सकता और न ही प्राइवेट किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में उन्हें भी पास करवाना क्या हास्यास्पद नहीं है?। अधिकांश शासकीय विद्यालय में निर्धन व साधन विहीन बच्चे अध्ययनरत हैं। जिसे शिक्षक तराश कर शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का हर संभव प्रयास करता है। परंतु वर्तमान स्थिति भिन्न है। इन परिस्थितियों में शिक्षकों के लिए शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित करना अप्रसांगिक एवं अव्यवहारिक है। इस दौरान आरके वाधवा,अनिल कुमार सिंह,पुरुषोत्तम पटेल,नरेन्द्र पटेल,अनिल कुमार गुप्ता, एके जैन,मनोज कुमार खर्द, जीडी शर्मा,संतोष कुमार परस्ते,डॉ कौशलेंद्र सिंह, राम भरोसे प्रजापति सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

ललई और भूरी बाई ने श्रीराम मन्दिर के लिये अर्पित किया एक माह का वेतन


संपर्क महाअभियान में दिखी सामाजिक समरसता की मिठास

अनूपपुर/अमरकंटक अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विश्वहिन्दू परिषद के रामसेवकों द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण महासंपर्क अभियान देश भर में चलाया जा रहा है। मन्दिर निर्माण के लिये शहर से लेकर गाँव स्तर के लोगों में श्रद्धा की भावना उफान मार रही है। हर छोटा - बड़ा व्यक्ति / परिवार पूरी आस्था के साथ भगवान श्रीराम के चरणों में अपना सब कुछ समर्पित कर देना चाहता है। इस अटूट समर्पण भाव के दर्शन मां नर्मदा की उद्गम नगरी अमरकंटक में सोमवार को वार्ड क्रमांक 13 अयोध्या बस्ती की भूरी बाई और ललई मोंगरे का गरीब परिवार निधि समर्पण के लिये आगे बढ़ कर सामने आया। अनुसूचित जाति परिवार के इन भक्तों के असीम प्रेम के आगे मृत्युंजय आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी स्वत: श्रद्धा वनत होकर इनके दरवाजे जा पहुंचे। जहां भूरी बाई ने अपने एक माह का वेतन 5500 रुपये एवं ललई मोगरे ने 5100 रुपये की मजदूरी मन्दिर निर्माण के लिये अर्पित की।


अमरकंटक में गरीब परिवार के लोगों ने नगर में भ्रमण कर रहे राम सेवकों से संपर्क कर श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिये राशि अर्पित करने की इच्छा प्रकट की। सूचना मिलने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक राकेश द्विवेदी , महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी महाराज के साथ ललई और भूरी बाई के घर पहुंचे। राम सेवकों को अपने घर पर पाकर परिवार के लोग गदगद हो गये। घर के आंगन में रंगोली सजाई गयी थी। मंगल कलश के पूजन उपरांत स्वामी हरिहरानंद जी ने भगवान श्री राम के आदर्शों तथा जीवन चरित्र के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए लोगों को इसे अपने चरित्र में अपनाने की बात कही।

विभाग प्रचारक ने कहा कि इस शुभ वेला मे इस परिवार मे आना हुआ। पूरे देश मे अयोध्या जी में श्री रामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण को लेकर उत्साह है। उन्होंने श्री राम जी की कथा, मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन का विस्तार से उल्लेख किया। उनके संस्कार, देशभक्ति, कर्तव्यपरायणता, मातृ पितृ भक्ति, उनके जीवन की महानता अनुकरणीय है। रामराज्य की कल्पना आज सुशासन के लिये की जा रही है। मुगलों के शासन मे बाबर के सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर विध्वंस करके मस्जिद बनाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर बन रहा है। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तीर्थ न्यास का गठन हुआ है। रामसेतु के निर्माण में गिलहरी ने अपना सहयोग किया। उसी गिलहरी की तरह आज हमे मन्दिर के निर्माण में प्रत्येक छोटे-बड़े व्यक्ति को अर्पण करना चाहिए।

भूरी बाई ने अपने एक माह का वेतन 5500 रुपये एवं ललई मोगरे ने 5100 रुपये की मजदूरी मन्दिर निर्माण के लिये अर्पित की। भूरी बाई, ललई मोंगरे की छवि मोहल्ले में धार्मिक,समाजसेवी के रुप में है। भगवान श्री राम के अनन्य भक्तों की छवि वाले ऐसे गरीब परिवारों की श्रद्धा, समर्पण की सर्वत्र सराहना हो रही है। वहीं दूसरी ओर समाजसेवी संत स्वामी हरिहरानंद जी महाराज के साथ राम सेवकों के रुप में दलित परिवारों के बीच उनके पारिवारिक सदस्यों की तरह का व्यवहार सामाजिक समरसता का अनुकरणीय उदाहरण माना जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

अवैध उत्खनन से नदियों की सीना हो रही छलनी,नाकों पर ठेकेदार का कब्जा


रेत के बैरियर लगने से कीमतों में बढ़ोत्तरी,
मिडिया की हिस्सेदारी में प्रशासन और पुलिस से तालमेल

अनूपपुर प्रति वर्ष नदियों की सरंक्षण में शासन द्वारा बनाए गए नियम कानून अब रेत माफियाओं के लिए कोरा कानून बनकर रह गया है। राजनीतिक संरक्षण में रेत माफियाओं के हौसले और पुलिस दरियादिली कार्रवाई ने रेत उत्खनन और परिवहन को सबसे बड़ा व सरल कारोबार बना दिया है। परिणामस्वरूप जिला मुख्यालय अनूपपुर से गुजरी सोननदी भी मुख्यालय व सटे चचाई व जैतहरी क्षेत्रों में सुरक्षित नहीं बची है। खदान की आड़ में दिन रात रेत का अवैध उत्खनन किया जारी है। आलम यह है कि प्रशासन द्वारा रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाने प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में बनाए गए 6 जांच नाकों के बाद भी नदियों से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के काम पर अंकुश नहीं लग सका है। जबकि रेत के बैरियर लगने से कीमतों एक से डेंढ़ हजार की बढ़ोत्तरी हो गई हैं।

सोन, तिपान, चंदास, केवई, गोडारू, अलान सहित अन्य नदियों से रेत अवैध तरीके से निकाले जा रहे हैं। जिसमें रेत माफियाओं के लिए सोन, तिपान और केवई नदी मुख्य रेत उत्खनन का अड्डा बन गया है, जहां दिन और रात नदियों की सीना छलनी कर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। इनमें शासन द्वारा नर्मदा को छोड़कर अन्य नदियों में मशीन के माध्यम से भी रेत खनन की दी गई अनुमति में नदियों से रेत का दोहन तेजी से हो रहा है। लेकिन आश्चर्य रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में कार्रवाई एक भी नहीं हो रही है।

जैतहरी व भालूमाड़ा क्षेत्रों में अवैध कारोबार में अग्रणी

जैतहरी विकासखंड की तिपान नदी के बलबहरा, सिवनी, गोबरी घाट,सेंदुरी, बघहा, कछरा, राजेन्द्रग्राम पहुंच मार्ग के घाटों से चौंबीसों घंटों लगातार ट्रेक्टर ट्राली व हाइवा वाहनों से रेत का परिवहन किया जा रहा है। वहीं रात के अंधेरे में इन रेतों के उत्खनन में जेसीबी मशीन का भी उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा चोलना, छातापटपर, रोहिला कछार, महुदा से भी अवैध रेत का उत्खनन किया जा रहा है। जबकि भालूमाड़ा क्षेत्र की केवई नदी में पसान रेत खदान, सोननदी के पोंडीघाट, चोलना, गोडारू नदी में दैखल, हरद, बदरा पुल क्षेत्र हैं। वहीं कोतमा के केवईनदी में जमड़ी घाट, पिपरियानाला, चेंगरीघाट, जोगीटोला, बेलियाघाट,  बरनी नदी में निगवानी, खोडरी, उरतान जैसे क्षेत्रों में रेत का अवैध कारोबार संचालित है।

बदले नियम से रेत उत्खनन आसान

पूर्व में नदियों से मशीन से रेत निकासी पर पाबंदी थी, वहीं एनजीटी ने 5 हेक्टेयर से कम रकबे की रेत खदानों पर प्रतिबंध लगा रखा था। लेकिन अब नियमों की फेरबदल में 4 हेक्टेयर के रकबे वाले खदान भी उत्खनन के लिए उपलब्ध करा दिए गए हैं। वहीं नर्मदा नदी को छोड़कर अन्य नदियों में मशीनों से भी उत्खनन की अनुमति देकर रेत माफियाओं के काम और आसान बना दिया है। यही कारण है कि अनूपपुर के सीतापुर रेत खदान दो साल बाद अब फिर से रेत खदान में तब्दील हो गई है।

कार्रवाई बन रही दिखावा

हाल के दिनों में रेत के अवैध खनन और परिवहन पर कार्रवाई के लिए पहुंचे वनविभाग टीम के साथ रेत माफियाओं ने मारपीट कर ट्रैक्टर को छुड़ा भागे। जिसमें घायल डिप्टी रेंजर और आरक्षक द्वारा दर्ज कराए गए शिकायत के बाद पुलिस सप्ताहभर बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस की इस दिखावटी कार्रवाई से रेत माफियाओं में पुलिस और विभागीय कार्रवाई का कोई खौफ नहीं रह गया है।

रेत के बैरियर लगने से कीमतों में बढ़ोत्तरी

कलेक्टर के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में बनाए गए 6 जांच नाके बनाये गयें जहां सिर्फ ठेकेदार के लोग ही रहतें हैं जिन लोंगो की तैनाती की गई हैं शिवाय उनके सभी लोग जांच के लिए बैठे हैं। जांच नाके बनने से उपभोक्ताओं को की जेब और अधिक ढीली होने लगी हैं। पहले एक गाड़ी 3 हजार में आती थी अब 4 से साढ़े चार हजार रुपए की हो गई। इसके बाद भी नदियों से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के काम पर अंकुश नहीं लग सका है।

मिडिया की संलिप्ता

रेत के करोबार में मिडिया की भी हिस्सेदारी हो गई हैं अब बराबर के हिस्सेदार बनें हैं। सोनमौहरी खदान में मिडिया पार्टनर चला रहें हैं और लीज की छोड़ दूसरे स्थान से अवैध उत्खनन की शिकायतें मिली हैं। इतना ही नहीं एक बड़े बैनर की हिस्सेदारी प्रशासन और पुलिस के साथ मिडिया साथियों के बीच तालमेल बनाने की हैं।

जिला खानिज अधिकारी पीपी राय का कहना हैं कि जिले में अवैंध उत्खनन पर समय-समय में कार्यवाई होती हैं। अइ तो जांच नाका बनाया गया हैं जहां से निकलने वाले प्रत्येक गाडिय़ों की जांच होती हैं।

श्रीराम मंदिर निर्माण में कल्याण आश्रम अमरकंटक ने 5 लाख 1 हजार रुपए का किया सर्मपण


अनूपपुर
पूज्य कल्याण बाबाजी के मार्गदर्शन में मंदिर अभियान के प्रथम दिन से तन मन समय का समर्पण में अग्रणी रहे,अब जब सपना पूर्ण हो रहा भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में धन के समर्पण में भी सबसे अग्रणी हैं। पूज्य संत तपस्वी बाबा कल्याण दासजी महाराज कल्याण आश्रम अमरकंटक द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में पांच लाख एक हजार रूपए की राशि का निधि समर्पण किया।

सोमवार को बाबा कल्याण दासजी के आदेशानुसार कल्याण सेवा आश्रम प्रमुख हिमाद्री मुनि महाराज ने 5 लाख 1 हजार रुपए का चेक संघ के विभाग प्रचारक रोंश द्विवेदी को भेंट किया।

ज्ञात हो कि कल्याण सेवा आश्रम सदैव धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता रहा है। पवित्र नगरी अमरकंटक में नर्मदा पर बने पुष्कर सरोवर की सफाई के लिए 15 लाख रुपए नगद के साथ अन्य समाग्री भेंट कर नर्मदा स्वच्छता में अग्रणी रहें। 

बुधवार, 20 जनवरी 2021

सोनमुड़ा का सोन टॉवर जर्जर,लोहे के गाटर में लगा जंग से हुआ खराब,अमरकंटक विकाश में शामिल


100 फिट नीचे सोन नदी के गिरते पानी और उगते हुए सूर्य देखने वाले की जान खतरे में

अनूपपुर/अमरकंटक मैकल पहाडिय़ों में स्थित पवित्र नगरी अमरकंटक से नर्मदा, सोन एवं जोहिला नदियों का उद्गम स्थल होने के साथ ही तीर्थस्थल व साधु संतो की तपोभूमि है। वनो एवं पहाडिय़ो से अच्छादित यह क्षेत्र पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन सोन नदी के उद्गम स्थल सोनमुड़ा प्रशासन की अनदेखी और राजनीति का शिकार हो रहा हैं। पर्यटकों के लिए पहाडिय़ों की सुन्दरता निहारने के लिए बना सोन टॉवर (सनराइज प्वांइट) र्जजर हालत में हैं जहां रोज सैंकड़ों लोग यहां से घाटी और जंगल से ढ़की पहाडियों के सुंदर दृश्य तथा झरने के रूप से गिरती सोन नदी को देखने आते हैं। र्जजर हो चुके सोन टॉवर पर चढ़कर कई दर्जनों पर्यटक 100 फीट नीचे का नाजारा देख आनंद लेते है। जों कभी भी धरासाई हो सकती हैं जिसस बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी हुई है। इस सम्बध में महंत सोमेश्वर गिरी स्थानिय प्रशासन के साथ एसडीएम से शिकायत भी की हैं। वहीं प्रशासन का कहना हैं कि भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। जिसमे इसे शामिल किया गया हैं।


सोन टॉवर जर्जर,
प्रशासन दुर्घटनाओं के इंतजार में

सोनमुड़ा में 100 फिर नीचे गिरते सोन नदी के पानी को देखने के लिए प्रशासन द्वारा सोन टॉवर बनवाया गया था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो गया है। सोन टॉवर में लगे दोनो ओर लोहे के गाटर जंग लग कर पूरी तरह से खराब हो चुके है, जिसके बाद भी जिम्मेदार विभाग सोन टॉवर के मरम्मत के नाम पर खाना पूर्ति की गई थी, लेकिन सोन टॉवर में लगे लोहे के गाटरों को नही बदला गया। जिस पर चढऩे वाले दर्जनो श्रद्धालुओं एवं पर्यटको के वजन से कभी भी धरासाई हो सकता है। जबकि इस टॉवर की गहराई लगभग 100 फिट है फिर भी जिला प्रशासन बिना किसी सुरक्षा के बड़ी दुर्घटना के इंतजार में बैठे है।

महंत सोमेश्वर गिरी कर चुके है शिकायत

नर्मदाकुंड से लगभग 1.5 किलो मीटर दूर स्थित मैकन पहाडिय़ों के किनारे श्री सिद्ध शोणाक्षी शक्ति पीठ एवं सोनभद्र उद्गम स्थल की दयनीय हालत को सुधारने कई शिकायत नगर परिषद् अमरकंटक सहित पुष्पराजगढ़ राजस्व विभाग के अधिकारियों से की जा चुकी है। जिनमें सनराइज प्वांइट (सोन टॉवर) में सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी तरह की सुरक्षा नही होने से यह सनराइज प्वांइट की जगह सोसाइट प्वांइट के नाम से नई पहचान मिलती जा रही है। इसके साथ ही यहां लगे लोगो के एंगल, गॉटर जंग लगकर पूरी तरह से जर्जर हो चुके है। जहां दर्शनार्थियो की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो रहा है।

महंत सोमेश्वर गिरी ने बताया कि सोन प्रपात व पहाडिय़ों में शराबियो और नशेडिय़ो का अड्डा बना हुआ है, जिससे स्थल की पवित्रता भंग हो रही है।

लगातार हो रही मिट्टी का कटाव

महंत शोमेश्वर गिरी महराज ने बताया कि पर्यावरण की दृष्टि से निरंतर मिट्टी का कटाव हो रहा है, मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए वृक्षो का रोपण आवश्यक है। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सोनमुड़ा स्थल पर किसी तरह की ध्यान नही दिया जा रहा है। अमरकंटक क्षेत्र में पन्नी के बैन होने के बाद भी ऊपर खुले दुकानदारों द्वारा पन्नी में भरकर समान की बिक्री की जा रही है। जिसके कारण उक्त स्थल के चारो ओर गदंगी फैली हुई है। जिसके कारण अमरकंटक मेकल पर्वत की दुर्लभ जड़ी बूटी विलुप्त के कागार पर है।

नगर परिषद के सीएमओं रविकरण त्रिपाठी ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी पर्यटक विभाग की हैं। हमारा काम साफ -सफाई का जिसे हम कराते हैं।

पर्यटक विभाग का कहना हैं कि सोनमूड़ा सहित पूरे अमरकँटक को भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। जिसमे इसे शामिल किया गया हैं।

विभिन्न संस्थानों के बैनर,पोस्टर अन्य प्रचार सामग्री से हरे भरे पेड़ों को नुकशान,नियमों का उल्लधं


पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान युवा संघ ने चलाया अभियान

अनूपपुर प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया गया सबसे मूल्यवान उपहारों में से एक पर्यावरण (वन) आदिकाल से प्रकृति की उपासना भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे,पेड़- पौधे, जल व जीव संरक्षण की वैज्ञानिक दृष्टिकोण समाहित रही है। शासन पर्यावरण संरक्षण के तहत विभिन्न कार्यक्रम चला रही हैं। वहीं दूसरी ओर पेड़ व प्रकृति के साथ हो रहे दोहन को नजरंदाज कर मनुष्य स्वार्थपरता को साबित कर रहे हैं। सड़क के किनारे हरे भरे पेड़ों पर विभिन्न संस्थानों के बैनर, पोस्टर व अन्य प्रचार सामग्री पेड़ों में बड़ी-बड़ी कीले लगाकर नुकसान पहुंचा रहे है। जबकि पेड़ों पर कील लगा पोस्टर लगाना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 का सीधा उल्लंघन हैं। इसके लिए जनजातीय कल्याण के साथ नर्मदा व पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य करने वाली संस्था प्रणाम नर्मदा युवा संघ ने इसके सरंक्षण के लिए अभियान चलाया हैं।

युवा संघ ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रिय हरित कोर अधिनियम 2013 के अनुसार पेड़ों पर बैनर, पोस्टर का प्रयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही यह अमानवीय हैं। सभी नियमों के बावजूद भी इसका उलंघन सरेआम हो रहा हैं और प्रशासन अंजान बना हैं। एक शोध के अनुसार यह साबित हो गया हैं कि पेड़ - पौधे में भी जान होती है। पेड़-पौधों को भी उतना ही दर्द होता है जितना एक जीव को चोट लगने पर होती हैं, इसके बावजूद स्वार्थ के लिए बड़ी बेरहमी से पेड़ों पर कील लगाकर बैनर, पोस्टर का प्रयोग होता हैं। पेड़ों को दर्द देकर ना केवल हम जंगल को नुकसान नहीं पहुंचा रहे वरन्  प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे इस पृथ्वी पर निवास करने वाले हर उस प्राणी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जिनकी सांसें इस सुंदर सी प्रकृति पर निर्भर हैं।

युवा संघ ने बताया कि विगत दिनों में पेड़-पौधों का दोहन कर के अपने पर्यावरण का संतुलन को बिगाड़ रहें हैं। जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहा है इसका सिर्फ कारण पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने के नतीजा है। मौसम में तेजी से बदलाव,जलवायु परिवर्तन इसमें संतुलन ना होना इन सभी का कारण सिर्फ और सिर्फ प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना है।

युवा संघ ने बताया कि पेड़ों पर बैनर, पोस्टर लगाना लोगो को आम बात लगती है। अमरकंटक वनीय क्षेत्र के साथ सभी जगह पेड़ों में बैनर,पोस्टर दिख जाते है। साल 1901 में 10 मई को भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बोस ने साबित कर दिया था कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। 1901 में ये सच सब को पता चल गया था मगर यह सब जान कर भी हम उन्हें बेजान समझ कर इन खूबसूरत से पेड़- पौधे पर हम अत्याचार कर रहे है। हर दिन,हर पल उन्हें चोट ओर दर्द पहुंचा रहे है। उनके तकलीफ से खुद को अनजान बना कर रखे है।

जब तक हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे,हमारा विकास नहीं होगा - खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री


रजिस्टे्रशन 1322
रोजगार मिला 431 को

अनूपपुर। जब तक हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तब तक हमारा और आपका विकास नहीं होगा। बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार से जोडऩे के लिए आज पूरे मध्यप्रदेश के जिलों में एक साथ रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। उद्देश्य है कि हम आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश और देश का विकास करें तथा देश को हर मामलों में आत्मनिर्भर बनाएं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अनूपपुर में आयोजित जिला स्तरीय रोजगार मेले का शुभारंभ करते हुए बेरोजगार युवक-युवतियों को सम्बोधित कहीं। इस मौके पर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मिलिंन्द कुमार नागदेवे, एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी, विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष रामदास पुरी, सहकारी बैंक के पूर्व संचालक बृजेश गौतम सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।


खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनने पर जोर देते हुए कहा है कि राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने को कृत संकल्प है। इस दिशा में लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। जब तक हमारे युवा रोजगार या व्यवसाय में स्थापित नहीं होंगे, तब तक हम विकास की कल्पना नहीं कर सकते। यही वजह है कि अनूपपुर के बच्चों को रोजगार एवं व्यवसाय में स्थापित करने के उद्देश्य से तकनीकी शिक्षा देने के लिए अनूपपुर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययनरत बच्चों का आव्हान किया कि वे खूब मन लगाकर पढ़ाई करें, ताकि अब्बल योग्यता हासिल कर स्वरोजगार या व्यवसाय में स्थापित हो सकें।

मंत्री ने कहा कि जिस तरह अनूपपुर जिले के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, उसी तरह अमरकंटक के चहुंमुंखी विकास की कार्ययोजना भी बनाई गई है। रोजगार हेतु चयनित युवक-युवतियों को प्रमाण-पत्र बांटे गयें। रोजगार मेले में रायपुर, बिलासपुर, पीथमपुर, धार सहित स्थानिय कम्पनियों ने हिस्सा लिया। रोजगार के लिए 1322 रजिस्टे्रशन कराएं  रोजगार के लिए 431 का चयन हुआ।

अमरकंटक के कायाकल्प के लिए 49.98 करोड़ के कार्यो की गुरूवार को रखी जायेगीं आधारशिला


मुख्यमंत्री
,
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री एवं खाद्य मंत्री होगें शामिल

अनूपपुर भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। योजनांतर्गत आकल्पित विकास कार्यों में क्षेत्र के सौंदर्यिकरण, संरक्षण, संवर्धन एवं पर्यटन विकास के कार्यों को समाहित किया गया है। जिसे 2 वर्ष की अवधि में अमलीजामा पहनाया जाएगा। कार्यों का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा किया जाएगा। प्रमुख सचिव/ सचिव मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग उक्त कार्यों के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए नोडल अधिकारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री Ÿप्रहलाद सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में 21 जनवरी को जिले के अमरकंटक में करोड़ो रुपये लागत के निर्माण कार्यों एवं विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह करेंगे तथा पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री ऊषा बाबू सिंह ठाकुर विशेष अतिथि होंगी। आदिम जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह, सांसद हिमाद्री सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह एवं पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण कार्यक्रम में शामिल करेंगे।

प्रसाद योजनांतर्गत माँ नर्मदा उद्गम मंदिर में 4.12 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यिकरण, संरक्षण एवं दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु कार्य किए जाएँगे। 17 करोड़ 72 लाख की लागत से इन्द्रदमन ताल एवं दक्षिणी तट का सौंदर्यिकरण पदयात्री पुल,इंद्रदमन ताल में 1 करोड़ 11 लाख की लागत से सौंदर्यिकरण का कार्य,माँ नर्मदा के उद्गम दक्षिणी तट में 16 करोड़ 11 लाख की लागत से लैंडस्केपिंग, उद्यान विकास, डेकोरेटिव पोस्ट लाइटिंग, चेन लिंक फेंसिंग, पाथवे, कार्व्ड स्टोरी पैनल, सीसीटीवी, जनसुविधाएँ टॉयलेट ब्लॉक, कपड़े बदलने हेतु कीयोस्क, वाहन पार्किंग क्षेत्र, स्टोन बेंच आदि का कार्य होगा। माँ नर्मदा पर 7 करोड़ 81 लाख की लागत से पदयात्री पुल का निर्माण कार्य होगा। 8 करोड़ से मेला ग्राउन्ड,1 करोड़ 32 लाख की लागत से बनेगा 1290 वर्ग मीटर का विशाल कथा मंडप,2 करोड़ 14 लाख की लागत से बनेगा टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर, आगंतुक पर्यटकों की सुविधा हेतु 2 करोड़ 14 लाख की लागत से अमरकंटक में टुरिस्ट फैसिलिटी सेंटर बनाया जाएगा। जिसमें ऑडीओ विज़ूअल हाल, लैंडस्केपिंग, डेकोरेटिव बेंच एवं आंतरिक रोड सहित अन्य सम्बंधित कार्य शामिल हैं। माई की बगिया, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में 5 करोड़ 40 लाख रुपए से सौंदर्यिकरण कर उन्हें और आकर्षक बनाना, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में पर्यटकों के आकर्षण हेतु 75 लाख रुपए की लागत से कैंटिलीवर ग्लास ब्रिज का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही अमरकंटक क्षेत्र में जनसुविधाओं, पैदल पथों, आंतरिक मार्गों, इनफॉर्मेशन साइनेज, बस स्टैंड में जन सुविधाओं के विकास सहित क्षेत्र के सौंदर्यिकरण हेतु योजनांतर्गत विभिन्न विकास कार्य किए जाने हैं।


खाद्य एवं मंत्री ने किया कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 21 जनवरी को अमरकंटक में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होगें जिसे देखते हुए बुधवार को खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह, संभागायुक्त नरेश पाल, एडीजीपी जी. जनार्दन तथा कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने विभिन्न अधिकारियों के साथ कायक्रम स्थल निरिक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया।

इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मिलिन्द कुमार नागदेवे समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री एवं संभागायुक्त ने कार्यक्रम स्थल पर की गई विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा और अधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली।

बुधवार, 13 जनवरी 2021

केंद्रीय पर्यटन विभाग ने प्रसाद योजना में अमरकंटक को किया शामिल,50 करोड़ से होगा विकाश

 


स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन मिलेगा बढ़ावा, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा होगा विकसित

अनूपपुर अमरकंटक मां नर्मदा का उद्गम स्थल के चहुमुखी विकास के लिये केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत मध्य प्रदेश के अमरकंटक का चयन किया है। केंद्रीय पर्यटन विभाग ने देश के मप्र का अमरकंटक सहित 5 अन्य प्रदेश के धार्मिक स्थलों को इसमे शामिल किया गया हैं,जिसमें अमरकंटक के विकास हेतु सबसे अधिक राशि भी अन्य धार्मिक स्थलों की तुलना में दी जा रही है जो करीब 50 करोड़ है।

राष्ट्रीय मिशन तीर्थयात्रा कायाकल्प प्रसाद


तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (प्रसाद) एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था। यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय रूप से वित्त पोषित है। जिसमे धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर के तीर्थ स्थलों की पहचान और विकास पर केंद्रित है। इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान कराना और साथ ही प्राथमिकता वाले और स्थायी तरीके से तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है। जानकारी अनुसार वर्ष 2020 में प्रसाद योजना में पर्यटन मंत्रालय ने देश के त्रिपुरा राज्य के त्रिपुर सुंदरी मंदिर,तेलंगाना राज्य के जोगुलंबा देवी मंदिर,अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड, सिक्किम के युकसोम व छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित बमलेश्वरी देवी मंदिर शामिल हैं।

उद्देश्य

स्थायी रूप से पर्यटन आकर्षण,धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसका प्रत्यक्ष और बहुमुखी प्रभाव पड़े। स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि को बढ़ावा देना है। धार्मिक स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करना। तीर्थस्थलों के विकास के लिए कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और प्रो-पुअरटूरिज्म कांसेप्ट का भी पालन करना। पब्लिक कैपिटल से लाभ प्राप्त करना। आय के स्रोतों में वृद्धि करना। समग्र विकास के लिए क्षेत्र में पर्यटन के महत्व के बारे में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना

पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम:

प्रदेश में और भी कई धार्मिक स्थल हैं जिनकी अपनी अपनी ख्याति पूरे देश भर में हैं। अमरकंटक का चयन केंद्र सरकार द्वारा किए जाना यहां की पहचान और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत के मानचित्र में अमरकंटक मां नर्मदा उद्गम स्थल पहचान का मोहताज नहीं है लेकिन केंद्र सरकार की पहल से अमरकंटक का विकास और बेहतर होगा जो कि अभी तक अमरकंटक उपेक्षा का शिकार होता आया है। बताया गया इन स्थलों पर श्रद्धालुओं से जुड़ी सुविधाओं को जुटाने सहित पूरे क्षेत्र का समग्र विकास किया जाएगा।

मिनी स्मार्ट सिटी पर भी कार्य चल रहा:

वर्तमान समय अमरकंटक में मिनी स्मार्ट सिटी पर कार्य योजना पर कार्य हो रहा है लेकिन 3 वर्ष में यहां की कार्य प्रगति बेहद धीमी है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली विकास राशि से अमरकंटक और आसपास क्षेत्र का समुचित विकास और विस्तार होगा जानकारी अनुसार इस हेतु राशि भी जारी कर दी गई है। बताया गया इन छह स्थलों के विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय ने कुल 268 करोड रुपए से ज्यादा की राशि स्वीकृत की है। 

संघर्ष सपूत कामरेड अतुल कुमार अंजान के निधन से प्रदेश में शोक की लहर

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