घरो में हो
रही आदिशक्ति माता की आराधना
अनूपपुर। कोरोना जैसी महामारी का असर धार्मिक अनुष्ठान पर पड़ा है। बुधवार
को प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजन के साथ आरम्भ हुआ। हिन्दु नववर्ष व शक्ति
उपासना का महापर्व चैत नवरात्रि दूसरे दिन २६ मार्च को दूसरे स्वरूप में
ब्रह्मचारिणी देवी की विशेष पूजा अर्चना
मंदिरों में शंख और घंटा-घडियाल की आवाज के साथ 'या देवी
सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै, नमस्तस्यै,
नमस्तस्यै
नमो नम: के मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण गुजांयमान रहा। बिना भक्तों की उपस्थिति
की पूजा पुजारियों द्वारा सम्पन्न कराई गई, कोरोना
संक्रमण के साए के कारण सुरक्षा की दृष्टि में जिला प्रशासन ने समस्त धार्मिक
स्थलों पर आगामी आदेश तक तालाबंदी करवा दी है, ताकि धार्मिक
आयोजनों की आड़ में सामूहिक रूप में श्रद्धालुओं की तादाद मंदिर के अंदर नहीं
पहुंच सके और दूसरे को संक्रमण से प्रभावित नहीं कर सके। जिसके कारण भक्तों के लिए
मंदिर के दरवाजे बंद रहेंगे। भक्तों को माता की पूजा अर्चना अपने घर में ही करनी
पड़ रही है। यह सिलसिला आगामी नौ दिनों तक चलेगा। पुजारी पं.नरेन्द्र शुक्ला के
अनुसार इस बार मां का आगमन नाव पर हुआ है जो समृद्धि दायक है। जबकि विदाई हाथी पर
होगी जो अति वृस्ट का योग बना रहा है। नवरात्रि में मां के आगमन और विदाई का काफी
महत्व है, क्योंकि इसी आधार पर फल मिलता है।
बुधवार से
शुरू होकर 2 अप्रैल तक पूरे 9 दिनों की चैत्र नवरात्रि रहेगी। इस बार चैत्र
नवरात्रि पर कई शुभ योग भी बन रहा है। इस बार चैत्र नवरात्रि में चार सर्वार्थ
सिद्धि योग, पांच रवियोग, एक द्विपुष्कर योग, एक
गुरु पुष्य योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसे शुभ संयोग में नवरात्रि पर देवी
उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। यह नवरात्रि धन और धर्म की वृद्धि के
लिए खास होगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा दिन बुधवार को चैती नवरात्र रेवती नक्षत्र एवं
ब्रह्म योग में शुरू होकर दो अप्रैल गुरूवार को रामनवमीं के साथ संपन्न होगा।
चैत्र नवरात्रि में मां भगवती के सभी नौ रूपों की उपासना की जाएगी। रामायण के
अनुसार भगवान श्रीराम ने चैत्र नवरात्र में देवी दुर्गा की उपासना के बाद रावण का
वध करके विजय हासिल किया था। जिला मुख्यालय अनूपपुर के रामजानकी मंदिर, सामतपुर
तालाब, माई की मढिया मंदिर चचाई, सामतपुर
त्रिमूर्ती मढिय़ा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हो रही है।
कोतमा में भी
जगत जननी मां जगदम्बे की आराधना का पर्व नवरात्रि प्रारंभ हो गया है। नगर की श्री
आदिशक्ति पंचायती मंदिर, शारदा काली मंदिर, धर्मशाला
मंदिर, ठाकुर बाबा धाम, गोहन्ड्रा मंदिर सहित अन्य
मंदिरो पूजा अर्चना की जा रही है। श्री आदिशक्ति पंचायती मंदिरों में अखंड ज्योति
कलश भी जलाया गया है। इसी तरह जैतहरी में भी चैत नवरात्र का महापर्व मनाया जा रहा
है। नगर के देवी मढिय़ा, शारदा मंदिर, छींदी माता
मंदिर सिवनी, पंचमुखी हनुमान मंदिर आदि देव स्थलों पर आदिशक्ति मां जगदम्बे
का जलाभिषेक विधि विधान से पूजा अर्चना पंडितों द्वारा की जा रही है।
नर्मदा मंदिर
में ताला,पंडितों द्वारा की जा रही विशेष पूजा अर्चना
कोरोना
संक्रमण और जिला प्रशासन के लॉक डाउन आदेश में अमरकंटक में पहली बार नवरात्र के
मौके पर मंदिर परिसर के मुख्य दरवाजे पर ताला लटका हुआ है। मंदिर पुजारी द्वारा
माता नर्मदा सहित आदिशक्ति दर्गा की विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। लेकिन
श्रद्धालुओं की आवाजाही नहीं होने के कारण नर्मदा मंदिर सहित पूरा अमरकंटक वीरान
पड़ा है।
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