सर्वे जारी
आंकड़ा बढऩे की सम्भावना, आकाशीय बिजली से युवक की मौत
अनूपपुर। जिले
में शनिवार को भी रूक रूककर हो रही बारिश और ओलावृष्टि से अनूपपुर के पुष्पराजगढ़
और जैतहरी विकासखंड के दर्जनभर गांव में प्रकृति का कहर बरपा रही है। शनिवार को
जिला मुख्यालय समेत जैतहरी विकाशखड़ के गांव में ओलावृष्टि और बारिश से किसानो के
माथो में बल पडऩे लगा है।
पिछले छह
दिनों की बारिश से पुष्पराजगढ़ विकासखंड के नर्मदा बेसिन से जुड़े तथा अन्य 7
गांवों में ओलावृष्टि ने कहर बरपाते हुए खेतों में लगी रबी फसल को नुकसान पहुंचाया
है। जबकि जैतहरी विकासखंड में भी ओला की मार में छह गांव प्रभावित हुए हैं।
पुष्पराजगढ़ के खांटी, बेनीबारी, लालपुर,
कछराटोला,
नरदहा,
तुलरा,
इटौर
गांव के 687 किसानों की खेतों में लगी 235.702
हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है। इनमें सबसे अधिक चना की फसल को नुकसान पहुंचा
है। जबकि दूसरे स्थान पर गेहूं की फसल रही है। राजस्व विभाग अमला ने इसे
प्रारम्भिक सर्वेक्षण के आधार पर इन सात गांवों की पुष्टि की है। साथ ही बताया है
कि जैसे जैसे सर्वेक्षण का कार्य आगे बढ़ता जा रहा है और सूचनाएं मिल रही नुकसान
का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
विभागीय
अधिकारियों का मानना है कि पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में लगभग 15-20
गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हो सकते हैं। एसडीएम पुष्पराजगढ़ विजय डहेरिया ने
बताया कि ओलावृष्टि से फसलों को 25 से 35 प्रतिशत तक
नुकसान पहुंचा है। जिसमें सात गांव के 235.702 हेक्टेयर का
रकबा प्रभावित हुआ है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में 150 किसानों की 64.747
हेक्टेयर रकबा में लगी गेहूं की फसल, 145 किसानों की 65.975
हेक्टेयर रकबा चना की फसल, 177 किसानों की 30.053
हेक्टेयर रकबा मटर की फसल, 175 किसानों की 63.135
हेक्टेयर रकबा मसूर की फसल, और 40 किसानों की 11.972
हेक्टेयर रकबा अलसी की फसल प्रभावित हुई है। इनमें लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
खेतों में पानी भर गया है।
जैतहरी
विकासखंड के छह गांवों में ओलावृष्टि का कहर बरपा है। इनमें उमरिया, गोरसी,
मानिकपुर,
मनौरा,
चोरभटी,
क्योंटार
गांव शामिल हैं। अनुमानित है कि यहां लगभग 450 से अधिक
किसान प्रभावित हुए हैं। जैतहरी एसडीएम कमलेश पुरी ने बताया कि अभी सर्वेक्षण का
जारी है। इनमें किसानों की संख्या के साथ साथ फसल का रकबा भी बढेगा। यहां भी
ओलावृष्टि में 25 फीसदी से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं अनूपपुर
विकासखंड में बारिश का कहर से लगभग 25 फीसदी तक फसलों को नुकसान के
अनुमान लगाए गए हैं। एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी का कहना है कि अनूपपुर जिला
मुख्यालय से सटे गांव पिपरिया, दुलहरा, कांसा,
लखनपुर,
अगरियानार,
ताराडांड,
अढैरा,
पंगना,
अकुआ,
सेंदुरी,
हर्री-बर्री
गांवों की खेतों में पानी भर आया है, जहां तेज हवा के दौरान खेतों में
बिछी फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी तरह कोतमा विकासखंड से बारिश और ओलावृष्टि से
फसलों को हुए नुकसान की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट अबतक नहीं पहुंची है। राजस्व
विभाग ने एकाध दिनों में जानकारी सामने आने की बात कही है। विदित हो कि पिछले एक
सप्ताह से जिले में लगातार जारी बारिश और ओलावृष्टि के कहर ने किसानों की मेहनत पर
पानी फेर दिया है। बारिश और तेज हवाओं के कारण तैयार गेहूं सहित अन्य दलहनी व
तिलहनी फसलें झुककर खेतों में बिछ गई और वहीं जमे हुए पानी के कारण दाने खराब हो
गई है। वहीं आंवला आकार की गिरी ओलावृष्टि से खेतों में पौधे खड़े नजर आ रहे हैं
लेकिन उनके पत्तों सहित दानों का कहीं अता पता नहीं है।
उल्लेखनीय है
कि इससे पूर्व जिले में 22 से 25
फरवरी के बीच लगातार हुई बारिश और ओलावृष्टि में 58 गांव
प्रभावित हुए थे। इनमें अनूपपुर तहसील के 10 गांव जहां 10-15
फीसदी तक फसलों को नुकसान, जैतहरी में सर्वाधिक 45
गांव जहां 15-20 फीसदी तक फसलों के नुकसान, पुष्पराजगढ़
के 3
गांव प्रभावित माने गए थे। लेकिन यहां औसत नुकसान 20 फीसदी तक
पहुंचा था। जबकि इस वर्ष गेहूं की निर्धारित लक्ष्य से 10 हजार हेक्टेयर
अधिक बुवाई हुई थी। लक्ष्य 22 हजार हेक्टेयर रकबा था। लेकिन खेतों
में नमी के कारण 32 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बुवाई हुई है। इसके अलावा चना 10
हजार हेक्टेयर, मटर 2 हजार हेक्टेयर, मसूर 15
हजार हेक्टेयर, अन्य दलहनी फसल 220 हेक्टेयर कुल दहलन 27.22
हजार हेक्टेयर, सरसों ८ हजार हेक्टेयर, अलसी 6
हजार हेक्टेयर कुल तिलहन 5.35 हजार हेक्टेयर, तथा गन्ना 10
हेक्टेयर पर फसल बुवाई हुई थी।
जिले में 20.3
मिलीमीटर औसत वर्षा
अधीक्षक
भू-अभिलेख अनूपपुर के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 20.3
मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। अनूपपुर में 48.2, कोतमा में 11.3,
जैतहरी
में 21.0 पुष्पराजगढ़ 31.0, अमरकंटक में 11.4, बिजुरी
में 11.2, वेंकटनगर में 25.0 तथा बेनीबारी में 3.0
मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
आकाशीय बिजली
से 30
वर्षीय किशोर की मौत
जैतहरी
विकासखंड के ग्राम मुंडा में 14 मार्च की शाम आकाशीय बिजली की चपेट में
आने से 30 वर्षीय किशोर सोनेलाल राठौर की मौत हो गई। परिजनों ने बताया
कि 14 मार्च को सोनेलाल मवेशी चराने जंगल गया था, जहां
बारिश आरम्भ होने पर वह पेड़ के नीचे छिप गया था, इसी दौरान
आकाशीय बिजली पेड़ पर आ गिरी, जिसमें सोनेलाल बुरी तरह झुलस गया,
उपचार
के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
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