बिसाहूलाल के
वापस लौटने पर पुष्पराजगढ़ विधायक की
प्रतिक्रिया
अनूपपुर। पिछले एक सप्ताह की उठा पटक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक
बिसाहूलाल सिंह रविवार को भोपाल वापस आ गये और पार्टी के साथ रहने की बात कही। वही
इनके बयान से कांग्रेस के उन बड़े नेताओ और मंत्री के बयान की कलई भी खोल दी।
जिसमे कैमरे के सामने चीख - चीख कर कहा जा रहा था कि यह सब भाजपा का काम है हमारे
विधायको के साथ मारपीट कर बंधक बनाया है। विधायक बिसाहूलाल सिंह ने इसे अपनी नराजी
जताते हुए तीर्थयात्रा में जाने की बता कर सबकी बोलती बंद कर दी,और
कहा कि इस सरकार में मेरी नही सुनी जाती।
एक ओर
मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी सरकार को बचाने में लगे है तो दूसरी ओर पाटी विधायक अपने
वरिष्ठो को सद्बुद्धि और दूध पीते बच्चो से तुलना कर रहे है। जिले के पुष्पराजगढ़
के दो बार के विधायक फुंदेलाल सिंह ने मंत्री
बनने की चाह में जिसके शर्गिद रहे उन्हे ही नसीहत दे रहे है।
सोमवार ९मार्च
को छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के माँ नर्मदा उद्गम मंदिर अमरकंटक में
सोमवार को माँ का दर्शन के बाद विधायक फुंदेलाल सिंह ने पत्रकारो के सवाल पर जबाब
देते हुए कहा सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए तो भूला नही कहते भगवान उन्हे
सद्बुद्धि दे। बिसाहूलाल कोई दूध पीते बच्चे थोड़ी हैं जो लापता हो जाएंगे,
उन्होंने
यह भी कहा कि यदि कोई मंत्री बनने के लिये इस प्रकार के दबाब बनाता है तो ठीक नही,
प्रदेश
के कई विधायक हैं जो फिर इस प्रकार करेंगे यह नई परम्परा होगी उन्होंने डॉ गोविन्द
सिंह के बन्दरों के दिये गये उदाहरण का समर्थन किया।
ज्ञात हो कि
पहले विधानसभा चुनाव में दोनो साथ - साथ रहे बिसाहूलाल सिंह के चुनाव पराजय के साथ
धीरे-धीरे दूरिया बढ़ती गई और आज यह दूरी पूरी खाई का रूप ले लिया है। जो लगता नही
की जल्द भर पायेगीं। इतना ही नही 2013 में नये - नये कोतमा विधायक बने सुनील सराफ ने चुनाव
के बाद बिसाहूलाल सिंह से अच्छी खासी दूरी बना ली है। इसके पीछे दोनो के अहम सबसे
बड़ा करण है। होली के बाद बड़े उलट पलट के असार बन रहे है जिसमें विधायक बिसाहूलाल
सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है तब विधायक फुंदेलाल सिंह की प्रतिक्रिया का
इंतजार होगा।
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