अनूपपुर। जिले में लगभग 70 हजार हेक्टेयर की फसल तैयार खड़ी है फसलों की
कटाई को लेकर किसान चिंतित नजर आने लगे हैं। वही कलेक्टर ने फसल कटाई के लिए लगे
मजदूर एवं हार्वेस्टर पर प्रतिबंध नही होने की बात कहीं है। जिला प्रशासन ने जिले
भर में धारा 144 के साथ साथ लॉकडाउन के आदेशों का पालन करवा रही है, वहीं
दूसरी ओर इससे होने वाली परेशानियों और प्रतिबंध के बीच दिए गए छूट के समय संक्रमण
के चेन बनने की आशंकाओं में जरूरत की चीजों को घर घर पहुंचाने की व्यवस्था भी बनाई
है। अब जिला प्रशासन किसानों के खेतों में तैयार रबी की फसल की कटाई को लेकर भी
चिंतित है।
किसानों का
कहना है कि पूर्व में असामायिक बारिश और ओलावृष्टि में जहां फसलें बर्बाद हो गई है,
अब
शेष फसलें लॉकडाउन और कोरोना के संक्रमण के खतरे में मजदूरों के अभाव में पूरी तरह
खेतों में गिरकर बर्बाद हो जाएगी। ग्राम सेदुरी के युवा किसान छत्रशाल राठौर ने
बताया कि शासन द्वारा लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक लागू बढ़ाये जाने व अभी बढऩे
के आसार दिख रहे है। इस दौरान अगर प्रशासन किसानों को छूट भी देता है तो मजदूर और
मशीनों के अभाव में फसलों की कटाई और गहाई नहीं हो पाएगी। इसमें किसानों को दोहरा
नुकसान होगा। किसान गुलाब पटेल ने कहा कि तीन एकड़ में गेहूं की बुबाई की गई थी
लेकिन प्रकृति की मार से बालियो में दाना भी नही पड़ पाया जो कुछ बचा है अब कोरोना
के डर से कटाई के लिए मजदूर भी नही मिल रहे ताकि जानवरो के लिए व्यवास्था की जा
सके। कोरोना के डर से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जिला प्रशासन की
सख्ती 24 घंटे में मात्र तीन घंटे की छूट है। लेकिन मजदूरों में कोरोना का डर से
किसानो की बची फसल की कटाई में सबसे बड़ी चुनौती है। जिला दंडाधिकारी व कलेक्टर
चंद्रमोहन ठाकुर ने सुरक्षा व्यवस्था में लगे कार्यपालिक दंडाधिकारियों एवं पुलिस
प्रशासन को यह निर्देश दिए हैं कि फसल कटाई कार्य में लगे मजदूरों एवं
हार्वेस्टर्स को आवश्यक सुविधा प्रदान की जाए,ताकि फसल
कटाई प्रभावित न हों।
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