एफआइआर के
लिए लिखा पत्र, एक दूसरे के पाले में डाल रहे गेंद
अनूपपुर। सजहा वेयरहाउस से 23 हजार क्विंटल चावल लगभग 6.4
करोड़ की चोरी के मामले में एमडी भोपाल के दिए निर्देश के चार माह बाद भी दोषियों
के खिलाफ एफआईआर का मामला अटका पड़ा है। एमडी के लिख पत्र के बाद कार्रवाई को लेकर
विभागीय अधिकारी व पुलिस एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहें हैं। जिसके कारण छह
करोड़ के चावल के हेरफेर के मामले में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी
है। वहीं हाल के दिनों में प्रदेशभर में खाद्यान्नों को लेकर आई गड़बडिय़ों में
मामला ईओडब्ल्यू जाने के बाद अब अनूपपुर के इस प्रकरण के भी ईओडब्ल्यू के पास जाने
की आशंका जताई जा रही है।
मामले को
लेकर अनूपपुर कोतवाली में दिए गए एफआईआर के आवेदन में पुलिस ने मूल दस्तावेजों की
कमी बताई है। पुलिस ने अन्य मूल दस्तावेजों के साथ आरएम सतना को उपस्थित होने को
कहा है। हालांकि 20 दिन पूर्व आरएम सतना ने पुलिस अधीक्षक
को कुछ दस्तावेज सौंपे थे। लेकिन कार्रवाई को उलझाने और दस्तावेज की मांग की जा
रही है। आरएम सतना का कहना है कि 15 दिनों में मूल दस्तावेज पुलिस
अधीक्षक अनूपपुर को सौंप दिया जाएगा, और एफआईआर की
प्रक्रिया पूरी की जाएगी। क्षेत्रीय प्रबंधक सतना रवि सिंह ने बताया कि वेयरहाउस
अनूपपुर, सतना सहित अन्य स्थानों से दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं।
इस कार्य मे 15 दिन का समय लगेगा। दरअसल 26 मई को
प्रबंध संचालक भोपाल अभिजीत अग्रवाल ने वसूली और कार्रवाई को लेकर जारी निर्देश के
साथ राज्य शासन की ओर से जारी पांच अन्य पत्रों दिनांक 26
सितम्बर 2019, प्रबंधक संचालक भोपाल से 6 दिसम्बर 2019,
27
जनवरी 2020, 7 फरवरी 2020 तथा 12
मार्च 2020 का हवाला देते हुए आजतक सम्बंधित दोषियों के विरूद्ध कोई भी
कार्रवाई नहीं किए जाने की बात और ना ही इस सम्बंध में कॉर्पोरेशन मुख्यालय को
अवगत कराने की बात कही है।
उल्लेखनीय है
कि वर्ष 2016-17 के दौरान सजहा वेयरहाउस से लगभग 23
हजार क्विंटल चावल चोरी हो गई थी। जिसकी भोपाल टीम द्वारा की गई जांच पड़ताल में
यह बात सामने आई कि अनूपपुर में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 22573.12
क्विंटल चावल खुर्दबुर्द किया गया है। इसमें शासन को 6
करोड़ 4 लाख 8 हजार 826 रूपए की
आर्थिक क्षति हुई है। जिसे लेकर एससीएससी (मप्र स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन
लिमिटेड, भोपाल) प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने सतना आरएम रवि सिंह को
पत्र लिखते हुए आर्थिक क्षति की राशि 6 करोड़ 4 लाख
8 हजार 826 रूपए वसूली केन्द्र प्रभारी
रज्जू कोल, तथा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन शाखा प्रबंधक वायपी त्रिपाठी तथा
सम्बंधित मिलर्स से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रबंध संचालक ने केन्द्र
प्रभारी रज्जू कोल तथा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के शाखा प्रबंधक वायपी त्रिपाठी और
सम्बंधित मिलर्स के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने तथा उन्हें सेवा से पृथक किए जाने
के लिए नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करने निर्देशित किया था।
मिलिंग की
कभी नहीं हुई मॉनीटरिंग
बताया जाता
है कि वर्ष 2016-17 के दौरान
धान की हुई उपज के उपरांत चावल के लिए मिलर्स को आवंटन दिए गए। जिसमें मिलर्र्स ने
विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत में औने पौने कागजों पर धान का उठाव किया। लेकिन
उठाए गए धान के बदले चावल की खेप को गोदामों तक नहीं पहुंचाया। इसे लेकर कभी
विभागीय अधिकारी भी मॉनीटरिंग नहीं की। जबकि प्रावधानों के अनुसार जिला कलेक्टर
सहित जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी(जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक) ने कभी मिलों का
निरीक्षण नहीं किया और ना ही गोदामों तक पहुंचने वाले चावल की खेपों का मिलान
किया। यहीं नहीं विभाग ने मिलिंग और ट्रांसपोटिंग का भी पूरा भुगतान कर दिया था।
क्षेत्रीय
प्रबंधक एससीएससी सतना रवि सिंह ने बताया कि 20 दिन पूर्व
पुलिस अधीक्षक को कुछ मूल दस्तावेज सौंपे हैं। औ मूलदस्तावेजों की मांग की गई है।
सम्बंधित स्थानों से दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे हैं। 15
दिनों में पुलिस को सौंप दिए जाएंगे।
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