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गुरुवार, 10 सितंबर 2020

ग्रापं ने नहीं बनाई सड़क तो ग्रमीणो ने आपसी सहयोग से बना डाली 200 मीटर की सड़क



तीन दिनों में 4 हजार किया खर्चे,पीसीसी सड़क रही होती रही मांग
अनूपपुर जब आम जनों की समस्याओं के प्रति जनप्रतिनिधि और प्रशासन आंखें मूंद ले तो परेशानियों से जूझने वाला बेवश हर ग्रामीण दशरथ मांझी बन जाता है। दशरथ मांझी ने अकेले पहाड़ का सीना छलनी कर हजारो लोगों के लिए राह आसान किए थे। वहीं अनूपपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत दैखल के सैकड़ो ग्रामीणों ने बदहाल सड़क से उबडऩे खुद ही अपने खर्चो पर मिट्टी डालकर सड़क बनाकर दो गांवों के बीच रास्ता जोड़ दिया। अब इस मार्ग से दो गांवों के बीच सम्पर्क बढऩे के साथ दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को आवाजाही सुविधाजनक होगी, गांव में एम्बुलेंस वाहन सहित अन्य वाहनों की पहुंच हो सकेगी।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत दैखल के वार्ड क्रमांक 11 छिनमना टोला में आवागमन योग्य सड़क नहीं थी। सर्दी गर्मी में किसी तरह ग्रामीण गुजर जाते थे, लेकिन बारिश के सीजन में लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता था। यहां तक कि आपातकालीन वाहनें गांव तक नहीं पहुंच पाती थी। इस समस्या को देखते हुए वार्ड क्रमांक ११ वासी सहित अन्य ग्रामीणों द्वारा कई बार ग्राम सभा एवं सरपंच सचिव को अपनी इस समस्या से अवगत कराते हुए सड़क निर्माण कराने की मांग रखी। लेकिन समस्या को ग्राम पंचायत द्वारा नजर अंदाज कर दिया जाता रहा। इससे क्षुब्ध और हताश ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क बनाने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने बैठक आयोजित की और चंदा स्वरूप राशि एकत्रित किया। 4 हजार राशि जमा होने के बाद कुछ ग्रामीणों ने मिट्टी कटाव के लिए अपने खेत चिह्नित किए। जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव से ट्रैक्टर किराया पर लेकर मिट्टी गिरवाना आरम्भ कर दिया। बताया जाता है कि 200 मीटर लम्बी सड़क के मरम्मत कार्य में 12 ट्रेलर मिट्टी का उपयोग किया गया।
ग्रामीण नर्वद सिंह बताते है कि कुछ दिनों से बारिश थमी होने पर मिट्टी गिराया गया। इसकें अगली सुबह हरेक घर से आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण युवा-अधेड़ फावड़ा और टोकरी लेकर सड़क पर उतरे। तेज धूप से बचने पिछले तीन दिनों से प्रत्येक सुबह 5 बजे से 9 बजे सड़क मरम्मत का कार्य किया गया है। अब यह 200 मीटर लम्बी सड़क पर मिट्टी भराव के साथ समतलीकृत होकर आम लोगों की आवाजाही का मार्ग बन गया है।
नर्वद सिंह ने बताया कि हमारे वार्ड में सड़क नहीं होने की वजह से वाहनों का निकलना क्या पैदल चलना मुश्किल हो गया था। यहां तक की आपातकालीन वाहन भी नहीं आ पा रहे थे। हमारे द्वारा कई बार ग्राम पंचायत को इस संबंध में अवगत कराया गया। लेकिन ग्राम पंचायत ने ध्यान नहीं दिया। इसलिए स्वयं वार्ड वासियों के साथ अपने खर्चे से मिट्टी डालकर सड़क बनवाने पहुंच गए। कार्य के दौरान पटेल सिंह पंच, राम प्रताप सिंह, ईश्वर सिंह, भारत सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, ईश्वरदीन, शोभनाथ सिंह, धनीराम सिंह सहित अन्य ग्रामीणों का विशेष योगदान रहा।

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