दर्जनों गांव
का जिला मुख्यालय से जुड़ेगा सम्पर्क
अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर के सामतपुर से हर्री-बर्री गांव सहित फुनगा तक के
दर्जनों गांव को जोडऩे वाली तिपान नदी पर क्षतिग्रस्त हुई 60
मीटर लम्बी पुल पर फिर से निर्माण की आस जगी है। ग्रामीणों की मांग पर प्रदेश
खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री और पूर्व
अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह ने मुख्यमंत्री से 6.80 करोड़
रूपए की मांग रखी है। जिसपर मुख्यमंत्री ने पुल की जरूरतों को देखते हुए जल्द राशि
आवंटन के आश्वासन दिए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही प्रस्ताव की स्वीकृति और राशि
आवंटन पर पुल का निर्माण कराया जाएगा। जिसके बाद फिर से दर्जनों गांव से जिला मुख्यालय
की ओर आवागमन करने वाले ग्रामीणों को राहत मिल सकेगी। साथ ही ग्रामीणों को अनूपपुर
जिला मुख्यालय आने के लिए 5 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय नहीं करनी
होगी।
वर्तमान में
यह पुल दो स्थानों से पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर वी सेप में 5-6 फीट
नीचे नदी की तल में बैठ गया है। दोनों स्थानों पर 8-10
खम्भों के साथ 40-45 फीट के
स्लैप टूटकर खम्भो के साथ क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पुल क्षतिग्रस्त हुए लगभग एक साल
बीत गए हैं, जहां ग्रामीणों की सुविधा के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग तैयार
नहीं कराया गया। यह पुल वर्ष 2009 में 1
करोड़ 27 लाख की लागत से निर्माण कराया गया था। जिसकी लम्बाई लगभग 60
मीटर है, पुल आम व्यक्तियों के लिए वर्ष 2010 में
खोला गया था। लेकिन अक्टूबर 2019 में यह क्षतिग्रस्त होकर बैठ
गया।
जलसंसाधन
विभाग का कहना था कि वर्ष 2009-10 के दौरान
निर्माण से पूर्व विभाग द्वारा तकनीकि रूप में किए गए सर्वेक्षण में नदी के नीचे
लगभग 35 फीट गहराई में हार्ड रॉक होने की जानकारी दी गई थी। साथ ही
निर्माण पर अधिक लागत आने की बात कहते हुए निर्माण से मनाही कर दी थी। लेकिन बाद
में ग्रामीणों की मांग पर शासन के निर्देश में नदी के रेत पर मात्र सात फीट गहराई
पर ही टाईबीम के रूप में बेस तैयार कराया गया था। निर्माण के दौरान ही इंजीनियरों
ने स्पष्ट कह दिया था कि नदी की रेत पर बने इस पुल के नीचे से बहने वाली नदी की
धार में पुल लम्बे समय टिक नहीं पाएगा और जल्द क्षतिग्रस्त हो जाएगा। वर्तमान में
पुल जहां निर्मित है वहां से एक किलोमीटर की परिधि में रेत की ही सिर्फ चादर बिछी
है और हार्ड रॉक 35 फीट नीचे हैं। यहां पुल निर्माण के लिए
जल संसाधन विभाग ने लगभग 10 करोड़ बजट की मांग रखी थी।
दर्जनों गांव
का सहारा
यह पुल
सामतपुर जिला मुख्यालय से फुनगा तक शॉटकट होने के कारण हर्री, बर्री,
भगताबांध,
पसला,
बिजौड़ी,
चातरहिया,
रक्शा,
कोलमी,
अमगंवा,
छुलकारी,
फुनगा
के ग्रामीणों का सहारा है। ग्रामीणों का कहना है कि शॉटकट रास्ते में यह मार्ग
बहुपयोगी है। लेकिन अब इस पुल के क्षतिग्रस्त से हजारों ग्रामीणों की यातायात
प्रभावित है। गांवों तक चार पहिया वाहन अन्य धुमावदार रास्ते से गांव में पहुंच
रहे हैं। इसमें समय व धन भी अधिक खर्च होता है।
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