अनूपपुर। जिला मुख्यालय से 40 किमी. दूर आदिवासी बाहुल्य ग्राम कदमसरा के जंगल में बकरियों को चराने गए 65 वर्षीय चरवाहा राममिलन पिता अकालू भैना पर भालूओं ने हमला दिया। जिसमें चरवाहा गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल चरवाहे ने अपने पुत्र को मोबइल पर घटना की जानकारी देकर मदद के लिए बुलाया, जहां परिजनों ने जैतहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया, लेकिन यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय अनूपपुर रेफर कर दिया। फिलहाल राममिलन का उपचार जारी है। वन विभाग द्वारा उपचार के लिए घायल को प्राथमिक सहायता राशि दिया गया है।
बताया जाता है कि वन परिक्षेत्र जैतहरी के वेंकटनगर बीट अंतर्गत कदमसरा ग्राम के खिरनाटोला में चरवाहा राममिलन शनिवार २६ सितम्बर की दोपहर घर के 6 बकरियों को लेकर घर से 5-6 किमी. दूर बघोरी के जंगल की खाई में चरा रहा था। तभी खाईयों से निकले दो भालुओं ने उसे खदेडऩा आरम्भ कर दिया। वह भागा लेकिन भागते समय एक भालू ने पंजे से पीठ मुंह सहित शरीर के अन्य हिस्सों को काटकर जख्मी कर दिया। हल्ला मचाने पर भालू के झाडिय़ों की ओर भाग निकला। इस दौरान खून से लथपथ चरवाहा राममिलन किसी प्रकार पहाड़ी के उपर चढ़ आया और अपने पुत्र सोहन को फोन पर घटना की जानकारी दी। पुत्र सोहन एवं अन्य परिजन मौके पर पहुंचकर खून से लथपथ पिता को बाइक पर बैठाकर घर लाया, जहां से एम्बुलेंस 108 से जैतहरी स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया।
वनविभाग पदाधिकारी पहुंचे अस्पताल
जिला अस्पताल रेफर होकर आने पर वनविभाग के रेंजर सुरेश बहादुर सिंह, रामसुरेश शर्मा, शशिधर अग्रवाल, वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर, सतेन्द्र कुमार मिश्रा वनरक्षक राममिलने से मिलने पहुंचे, जहां प्रावधानों के अनुसार प्रारंभिक सहायता राशि दी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें