अनूपपुर। इंदिरा गॉधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के
अध्यक्ष डॉ. एसके पाण्डेय के निर्देशन में कृषि विज्ञान केंद्र तथा कृषि विभाग के
विषय विशेषज्ञो ने बुधवार को संयुक्त रूप से खेतो में लगी सोयाबीन तथा धान की
फसलों को नुकसान पहुचने वाले कीट-व्याधि के निरीक्षण किया। निरीक्षण में अनिल
कुर्मी विषय वस्तु विशेषज्ञ (पौध सुरक्षा),कृषि विभाग
से प्रभात सिंह टेकाम, अमर सिंह
टेकाम एवं कुवर सिंह उइके शामिल रहे।
निरीक्षण में
सोयाबीन की फसल तंबाकू की इल्ली तथा बिहार के कम्बल कीट से प्रभावित है। यह कीट
फसल को 5-20 प्रतिशत तक नुकसान पहुचा रहे है। इन
कीटो के नियंत्रण के लिए अनिल कुर्मी ने बताया की स्पाइनेटोरम 11.7 प्रतिशत
कीटनाशक की 180 मिली मात्रा या लेंबडासाइलोथ्रिन 5 प्रतिशत
कीटनाशक की 150 मिली मात्रा का प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए तथा धान की फसल
झुलसा रोग से प्रभावित पाई है जो यह गम्भीर समस्या के रूप मे उभर सकता है। झुलसा
रोग के नियंत्रण के लिए ट्राइसाइक्लोजोल 75 प्रतिशत
फफूंदनाशक की 120-140 ग्राम
मात्रा या एजोक्सोस्ट्रोविन 11 प्रतिषत टेबुकैनाजोल 18.3 प्रतिशत
फफूंदनाशक दवा की 300 मिली मात्रा को 150-200 ली.
पानी में घोलबनाकर प्रति एकड में छिड़काव की बात कहीं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें