जोगीटोला
अमानक चावल गड़बड़ी मामला: कोरोना काल में सही चावल के साथ मिलाकर बांट दिया
गरीबों को राशन
अनूपपुर। कोतमा जनपद पंचायत निजी वेयरहाउस गोदाम में दो मिलों से भंडारित 18 हजार
क्विंटल चावल की गड़बड़ी को छिपाने जिला खाद्य आपूर्ति विभाग की बड़ी लापरवाही
सामने आई है। जिसमें खुद विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा बताए गए आमनक
चावल को खाद्य अधिकारी ने बांटने के निर्देश दे दिए। जिसमें कोरोना काल के दौरान
खुद की गड़बड़ी छिपाने वेयरहाउस के साथ अधिकारियों ने सही राशन में 18 हजार
क्विंटल खराब चावल को मिलाकर गरीबों के बीच बांट दिया। सबसे आश्चर्य गोदाम से
निकलने वाले खराब चावल को क्वालिटी इस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने खराब तक
नहीं बताया और जिले के चारो विकासखंडों में खराब चावल की खेप का वितरण कराते हुए
गरीबों की थाली तक पहुंचा दिया।
बताया जाता
है कि वर्ष 2019-20 के दौरान आयशा और अन्नपूर्णा राइस मिल से कोतमा स्थित जोगीटोला
में बने निजी अन्नपूर्णा वेयरहाउस में चावल का भंडारण कराया गया था। जहां मिल से
आए चावल की खेप के भंडारण के बाद प्रबंधक द्वारा रख-रखाव में लापरवाही बरती गई।
आलम यह हुआ कि फरवरी 2020 के दौरान चावल में कीड़े लग गए और चावल खराब होकर अमानक
की श्रेणी में आ गया। जिसपर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर ने खराब चावल के
सम्बंध में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल को पत्राचार करते हुए चावल को
अमानक बताया। लेकिन इस सम्बंध में खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया।
इस सम्बंध में अधिकारी को 3-4 पत्र भेजे गए। लेकिन हरेक पत्र दबाकर रख लिा गया।
इसी बीच मार्च माह के दौरान नए चावल भंडारण के लिए गोदामों को खाली कराने के
निर्देश हुए। जिसमें पात्र हितग्राहियों को मार्च, अप्रैल और मई
तीन माह का एक साथ राशन वितरण कराया जाना प्रस्तावित हुआ। लेकिन तभी कोरोना ने
दस्तक दी और शासन ने आगामी आदेश तक लॉकडाउन की घोषणा करते हुए शासन की ओर से तीन
माह के अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन के आदेश जारी कर दिए। जिसका फायदा उठाते हुए
खाद्य विभाग ने सामान्य रूप में विभागीय स्तर पर वितरित होने वाले खाद्यान्न में
खराब चावल को भी मिलाकर बांट दिया।
माना जाता है
कि जिले में 1 लाख 49 हजार 882 पात्र परिवार है। लेकिन कोरोना संकट के दौरान बाहर
से आए प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक बढ़ जाने पर प्रतिमाह 3300 मीट्रिक चावल की
मांग के अनुरूप चावल कम पड़ गए। जिसमें अधिकारियों ने जोगीटोला में रखे 18 हजार
क्विंटल को मिलाकर वितरण करवा दिया और अपनी गड़बड़ी पर पर्दा डाल दिया।
सजहा
वेयरहाउस में लगभग 10 करोड़ से अधिक की खाद्यान्न गड़बड़ी मामले में प्रदेश खाद्य
आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल ने जल्द ही खुद जांच कार्रवाई कराकर दोषियों के खिलाफ
जिम्मेदारी तय करने की बात कही थी। लेकिन आश्चर्य मंत्री के आश्वासन के डेढ़ माह
बीत गए, न तो मंत्री द्वारा खराब खाद्यान्न को लेकर जांच कार्रवाई की
गई और ना ही दोषियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय की गई। और तो और पूर्व में एसडीएम
द्वारा की गई जांच और बताए गए 20 हजार क्विंटल गेहूं और 870 क्विंटल चावल के अमानक
पर कलेक्टर और शहडोल संभागायुक्त तक ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
सतना की टीम
ने लिया सैम्पल, दुकानों पर चावल का वितरण बंद
बालाघाट और
मंडला में अमानक चावल के प्रकरण के बाद क्षेत्रीय कार्यालय सतना से तीन सदस्यी टीम
अनूपपुर पहुंची,जहां जिले के विभिन्न गोदामों में
भंडारित चावल का सैम्पल लिया। नागरिक आपूर्ति प्रबंधक अनूपपुर हेमंत ने बताया कि
जिले में 12 गोदाम हैं, जिनमें लगभग 1 लाख 20 हजार मीट्रिक टन
चावल का भंडारण है। टीम ने अनूपपुर, कोतमा,
जैतहरी
और राजेन्द्रग्राम में बने शासकीय और निजी गोदामों से चावल का सैम्पल लिया है।
वहीं शासकीय आदेश में सभी वेयरहाउस से चावल की आपूर्ति शासकीय राशन की दुकानों तक
बंद करवा दी गई है। नान प्रबंधक ने बताया कि सैम्पल की जांच रिपोर्ट आने में 8-10
दिन का समय लगेगा। जिसमें अमानक पाए जाने पर सम्बंधित मिलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज
किए जाएंगे।
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