अनूपपुर। शासकीय बालक हाईस्कूल के लिए शासन द्वारा स्वीकृत नवीन भवन निर्माण के
लिए स्कूल प्रबंधक को शासकीय जमीन नहीं मिल रहा है। बार बार शिक्षा विभाग के
अधिकारियों और राजस्व विभाग को दी गई जानकारी के बाद न तो आजतक जिला प्रशासन और ना
ही विभाग ने अतिक्रमणों को हटाने रूचि दिखाई। आलम यह है कि जरूरतों की अनदेखी कर
स्कूल प्रबंधक द्वारा कम कक्षाओं मिडिल
सहित हाई और हायर सेकेंड्री की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए
कम्प्यूटर लैब के कमरे को आलमारी से घेर कर आधे कमरे में कक्षा तो दूसरी ओर लैब का
संचालन कराया जा रहा है। यहां तक कि परीक्षा संचालन की प्रक्रिया भी इसी कमरे में
कराई जाती है।
प्राचार्य
बीके यादव ने बताया कि यहां न्यूनतम 9 कमरों की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान में 7 कमरों
में लगभग 300 छात्रों से अधिक को बैठाना पड़ता है। हालांकि अभी कोरोना के कारण कक्षाएं
बंद है। लेकिन कक्षाओं के संचालन के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभागीय
जानकारी के अनुसार चंदास नदी तट स्थित शासकीय भूमि खसरा नम्बर 161/1 क/1 लगभग 1.009
हेक्टेयर भूमि पर लगभग .202 हेक्टेयर रकबे पर नवीन हायर सेकेंड्री भवन का निर्माण
कराते हुए वर्ष 2013-14 में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर से
मिडिल स्कूल और हाईस्कूल को नवीन भवन में स्थानांतरित किया गया था। वर्ष 2018-19 में
उन्नयन करते हुए हायरसेकेंड्री की मान्यता मिली। वहीं जिला प्रशासन ने बच्चों के
खेल मैदान सहित अन्य जरूरतों को देखते हुए अपर्याप्त साबित हो रही स्कूल के लिए
नवीन भवन निर्माण के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन की अनुमति
उपरांत विभाग ने नए भवन का प्रस्ताव शासन को भेजा।
इस दौरान
वर्ष 2018 दिसम्बर ने शासन ने नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए .322 हेक्टेयर
पर लगभग 1 करोड़ 73 लाख 35 हजार की राशि आवंटित कर दी। 14 कमरों वाली नवीन भवन के
निर्माण की जिम्मेदारी शासन ने पीआईयू को सौंपी। लेकिन आश्चर्य जब नवीन भवन
निर्माण की प्रक्रिया आरम्भ की गई तो अतिक्रमणकारियों ने शासकीय भूमि पर अपना
स्वामित्व जताते हुए जमीन देने से इंकार कर दिया। वहीं मामले में राजस्व विभाग ने
भी शासकीय भूमि पर सीमांकन करने से मनाही कर दी। हालात यह रहे कि दो साल से नवीन
भवन के लिए राजस्व विभाग द्वारा जमीन आवंटन नहीं कराया जा सका और ना ही नवीन भवन
के निर्माण हो सके। शासन ने विभाग से यह भी निदेर्शित किया था कि अगर सम्बंधित
जमीन भवन निर्माण के लिए कम पड़े तो जी वन डिजाइन के भवन का निर्माण कराना
सुनिश्चित करें।
बताया जाता
है कि शासन ने दिसम्बर 2018 में राशि आवंटन के जारी आदेश के बाद पुन जनवरी 2019 में
रिमाईड पत्र जारी कर भवन के निर्माण कराने आदेशित किया था। लेकिन इसके बाद भी
विभागीय अधिकारियों की नींद नहीं खुली। बताया जाता है कि शासन के राजस्व रिकार्ड
में अनूपपुर-अमरकंटक मुख्य मार्ग से लेकर बालक छात्रावास तक लगभग 1.009 हेक्टेयर
भूमि अंकित है। इसमें शासकीय हाईस्कूल बालक .202 हेक्टेयर रकबे पर परिसर की
बाउंड्रीबॉल बनकर जमीन पर काबिज है। इसके अलावा स्कूल के दोनों छोर पर
अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा है।
एसडीएम
अनूपपुर कमलेश पुरी ने बताया कि हमने अतिक्रमणकारियों ो भूमि खाली करा कर निर्माण
के लिए विभाग को सौंप दिया था। कोई परेशानी हो तो थाने में रिर्पोट दर्ज करायें।
कार्यपालन
यंत्री पीआईयू शारदा सिंह ने बताया कि जब हम कार्य के लिए गये तो लोगो ने काम नही
होने दिया जिसकी जानकारी कलेक्टर को देदी गई है। हम पुलिस में शिकायत दर्ज करा रहे है।
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