अनूपपुर। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली मां नर्मदा जहां तीन राज्यों
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात को अपनी में ममता से
निरंतर सीचती रहतीं हैं वहीं दूसरी ओर मां नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में मां
नर्मदा की स्थिति अत्यंत दयनीय होती जा रही है,
अमरकंटक में
मां नर्मदा के तट पर एवं उनकी सहायक नदियों के तट पर अतिक्रमण किया जा रहा है
जिससे अमरकंटक में नर्मदा नदी के स्रोत पर खतरा मंडराने लगा है इन दिनों मां
नर्मदा की प्रथम सहायक नदी गायत्री के उद्गम वाले पहाड़ पर नगरपरिषद अमरकंटक
द्वारा मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग को रेस्ट हाऊस निर्माण के लिए भूमि आवंटित की गई।
पर्यटन विभाग द्वारा निर्माण कार्य आरंभ हो गया है जिससे मां नर्मदा की सहायक नदी
के स्रोत के साथ साथ मां नर्मदा के स्रोत को भी क्षति पहुंचेगी साथ ही पुराने शाल
के पेड़ भी कटेंगे जो कि प्रति वर्ष ग्रीष्म काल में लगने वाली आग के कारण वर्तमान
में शाल के एक भी नए पौधे पैदा हो ही नही पाते इसके अलावा जिस जगह पर मध्यप्रदेश
पर्यटन विभाग द्वारा रेस्टहाउस का निर्माण कार्य चल रहा है वहां तक पहुंचे के लिए
सीसी सड़क का निर्माण भी किया जाएगा, जल की
आपूर्ति के लिए बोरिंग होगा इस तरह अमरकंटक के ग्राउंड वाटर को भी प्रभावित किया
जाएग।
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