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शनिवार, 11 जनवरी 2020

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भ्रम फैला रहा विपक्ष -फग्गन सिंह कुलस्ते

अनूपपुर / राजेन्द्रग्राम जनजातीय समाज को नागरिकता संशोधन अधिनियम सहित देश हित के सभी मामलों में बहुत जागरुक रहने की जरुरत है। सरकार देश हित में बहुत से अच्छे कार्य कर रही है। पूर्वोत्तर भारत सहित जनजातीय बहुल अन्य क्षेत्रों में कुछ लोग समाज को कमजोर करने के लिये बरगलाने,भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं। हमारा कर्तव्य है कि सभी मुद्दों पर जनता को जागरुक करें। शनिवार को राजेन्द्रग्राम में केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कार्यकर्ताओं के बीच उपरोक्त विचार व्यक्त किये। सांसद हिमाद्री सिंह के निवास में बैठक के दौरान कही। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून प्रभावी होगा,पाकिस्तान,बांग्लादेश,अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने,उन्हे सुरक्षा प्रदान करने के लिये यह कानून लाया गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीडऩ का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
उन्होने कहा कि जेएनयू में फीस वृद्धि के मुद्दे को विपक्ष ने साजिश के तहत भुनाने की कोशिश की। छात्र - छात्राओं तथा मुसलमानों को भ्रमित किया गया। सभी को यह जानना चाहिए कि यह नागरिकता देने वाला अधिनियम है ,किसी की नागरिकता छीनने के लिये नहीं है। देश को अशांत करने,लोगों को बगावत करने के लिये कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। आम जनता को जागरुक करने की जरुरत है। समाज से जुड़े सभी संगठन आगे आएं तथा जनता को जागरुक करें।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुताबिक छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। अभी तक यह समय सीमा 11 साल की थी। कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी। कानून के अनुसार यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा। आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है। सांसद हिमाद्री सिंह एवं

अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी ने संबोधन किया। इस दौरान पूर्व विधायक सुदामा सिंह, नमो एप के संभागीय संयोजक मनोज द्विवेदी, भारत विकास परिषद के विंध्य प्रांत के महासचिव डा.देवेन्द्र तिवारी, जनपद अध्यक्ष हीरासिंह श्याम,नवल नायक,विनोद बनाफर, मुन्ना लाल गुप्ता, बालकृष्ण शुक्ला,मनोज शुक्ला,केशव सिंह, मधुकर चतुर्वेदी साहित अमरकंटक जनजातीय विवि के बहुत से छात्र उपस्थित रहे।

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