संस्कृति,परम्पराओं की
शिक्षा मिले तो विश्वविद्यालयों से अराजकता के समाचार बन्द हो जाएंगे-डॉ.त्रिपाठी
अनूपपुर। इं.गा.रा.ज.वि.अमरकंटक में संचालित मॉडल ट्राइबल स्कूल का वार्षिक समारोह
बुधवार को विश्वविद्यालय के लक्ष्मण हावनूर सभागार में नन्हें मुन्हें बच्चों की
शानदार सजेधजे परिधान में नन्हें मुन्हें बच्चों ने अभूतपूर्व प्रस्तुति से मंत्र
मुग्ध किया। समारोह में कुलपति प्रो.प्रकाश मणि त्रिपाठी एवं उ.प्र.माध्यमिक
शिक्षा सेवा आयोग के सदस्य एवं शिक्षाविद् डॉ.दिनेश मणि त्रिपाठी उपस्थित रहे।
इस दौरान कुलपति प्रो.प्रकाशमणि
त्रिपाठी ने कहा संस्कारित प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थी उच्च शिक्षा
के मेरूदंड होते हैं। प्रतिभावान बच्चे आगे चलकर समाज और देश का नाम रोशन करेंगे।
नौनिहालों की प्रतिभा को देखकर विश्वास हो गया है कि यह विद्यालय राष्ट्रीय स्तर
पर एक आदर्श विद्यालय की पहचान अवश्य बनाएगा। उन्होने कहा विद्यालय में छात्रों
एवं शिक्षकों की संख्या में वृद्घि होने से दूरस्थ आदिवासी अंचल के अभिभावक अपने
बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला सकेगें।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
के सदस्य डॉ.दिनेश मणि त्रिपाठी ने आदिवासी बच्चों द्वारा सामाजिक और राष्ट्रीय
सरोकारों को स्पर्श करते हुए दी गई प्रस्तुतियों को देखकर कहा कि विद्यालय का नाम
मॉडल ट्राइबल स्कूल नहीं बल्कि मॉडल स्कूल ऑफ इंडिया होना चाहिए। उन्होने कहा यदि
बचपन से देश की संस्कृति,मूल्य और परम्पराओं के अनुरूप शिक्षा दी
जाय तो विश्वविद्यालयों से अराजकता के समाचार मिलने बन्द हो जाएंगे। विद्यालय के
प्राचार्य डॉ.राजनारायण ओझा ने विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए शिक्षकों
एवं कर्मचारियों के सहयोग की सराहना की।
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