अधिकारियो ने नही ली सुध
कोतमा। धान उपार्जन की अंतिम
तिथि समाप्त होने के दूसरे दिन २२ जनवरी को भी देवगवां, छिलपा,
जैतहरी,
धनगवां,
वेंकटनगर
एवं सिंघौरा उपार्जन केन्द्र में किसान आज भी अपनी धान बेचने के इंतजार में
उपार्जन केन्द्र में पड़े हुए है। जहां जिले के देवगवां उपार्जन केन्द्र की हालत
सबसे गंभीर बनी हुई है,लगभग 100 से अधिक ट्रेक्टर वाहन धान लोड
कर उपार्जन केन्द्र परिसर में बाहर खड़े है। तिथि समाप्त होने के दूसरे दिन भी
सैकड़ो किसान परेशान है। जैतहरी उपार्जन केन्द्र में बारदाने नही होने के कारण
किसान बारदाने के इंतजार में केन्द्र में अपनी धान लिए बैठे है। वेंकटनगर, सिंघैरा,धनगवां
में आज भी किसानो की धान खरीदी अभी प्रारंभ है। देवगवां में किसानो की संख्या अधिक
होने के बाद किसानो को धान बेचने में हो रही परेशानियों एवं जैतहरी उपार्जन
केन्द्र में बरदाने के इंतजार में बैठे किसानो की सुध लेने अधिकारी उपार्जन
केन्द्रो का निरीक्षण तक नही पहुंचे। विभाग ने २१ जनवरी को ९०६ किसान की १ लाख १५ हजार
४४९ किसानो को टोकन एवं १ हजार ३६२ बोरियो, किसानो की ५ हजार
१ हजार ८५० क्विंटल धान की तौल होने के बाद पोर्टल में नही चढऩे के कारण प्रस्ताव २१
जनवरी को बनाकर भोपाल भेजा गया है, जानकारी के अनुसार जिले से किसानो की
धान खरीदने के प्रस्ताव पर अब तक कोई जवाब नही आया है। जिस पर असमंजस्य की स्थिति
भी बनी हुई है। वहीं तिथि समाप्त होने के दूसरे दिन भी खरीदी पूर्ण नही हो पाने पर
जिला खाद्य आपूर्ति द्वारा उपार्जन केन्द्रो में व्यवस्था बनाए जाने की ओर किसी
तरह का ध्यान ही दिया जा रहा है।
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