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शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

कुर्सी एक अधिकारी दो,कलेक्टर का आदेश बना असमंजस्य की स्थिति

अनूपपुर आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में पदों की होड़ को लेकर मचे दो दिनी विवाद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था, कि जिला शिक्षा कार्यालय विभाग में एक ही पद के दो अधिकारी सामने आ गए। सबसे आश्चर्य की बात की दोनों अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी यूके बघेल और कलेक्टर के द्वारा प्रभारी रूप में नियुक्त डीएस राव ने अपने कक्ष के बाहर अपने नाम के साथ जिला शिक्षा अधिकारी पदभार को प्रदर्शित कर दिया। जिसके बाद अब विभागीय कर्मचारियों में अधिकारियों के फरमान की तामीली को लेकर असमंजस्य की स्थिति बन गई है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर ऐसी परिस्थितियां बनी रही तो विभागीय कार्य को सम्पादित करना मुश्किल हो जाएगा। वहीं दोनों अधिकारियों में पदभार की जिम्मेदारियों को लेकर विवाद की स्थिति बनती जा रही है। उल्लेखनीय है कि 12 जनवरी को अमरकंटक नर्मदा जयंती महोत्सव सहित अन्य विषयों के लिए आयोजित बैठक में जिला प्रभारी मंत्री प्रदीप जायसवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए थे, जिसमें जिला शिक्षा कार्यालय अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए, जिसे लेकर जिला प्रभारी मंत्री ने नाराजगी जताई थी। वहीं जनसुनवाई सहित जिला स्तरीय प्रशासकीय बैठक में जिला शिक्षा की अनुपस्थिति लगातार बनी रहने पर कलेक्टर ने गम्भीरता दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी यूके बघेल की जगह पूर्व सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग व कन्या स्कूल प्राचार्य जैतहरी डीएस राव को जिला शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसमें कलेक्टर के आदेश के बाद पूर्व सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग डीएस राव ने जिला शिक्षा कार्यालय विभाग का पदभार ग्रहण करते हुए कार्यालय का संचालन आरम्भ कर दिया। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी यूके बघेल ने भी अपने कक्ष में ही ड्यूटी के दौरान समय व्यतीत कर रहे हैं। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी यूके बघेल का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा अबतक इस सम्बंध में कोई भी जानकारी या किन कारणों में उन्हें पद से अलग किया है नहीं दी है। जबकि पूर्व प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अधिकारी डीएस राव के सम्बंध में जिम्मेदारी सम्बंधित बातों को उल्लेखित कर उन्हें विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि जिला शिक्षा कार्यालय में सहायक अधिकारी पूर्व से मौजूद हैं, जिसे कानूनन मेरी असमर्थता में विभाग की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जानी चाहिए थी। वहीं डीएस राव का कहना है कि जिला प्रशासन ने उन्हें विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है, जिसका मैं पालन कर रहा हूं।
विदित हो कि 20 दिसम्बर को कलेक्टर कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग में एक ही पद को लेकर तीन अधिकारी आमने सामने आ गए थे। जिसमें पूर्व सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग पीएन चतुर्वेदी, प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अनूपपुर डीएस राव तथा मप्र शासन द्वारा स्थानांतरित होकर बड़वानी से अनूपपुर आए नवीन सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अधिकारी विवेक पांडेय रहे। वहीं 18 दिसम्बर को पूर्व सहायक आयुक्त पीएन चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट जबलपुर से अपने स्थानांतरण पर स्थगन आदेश लाते हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी और अपने विभागीय कार्यालय पर अपना ताला लगा दिया। जिसकी सूचना पर एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी ने कलेक्टर के निर्देश में कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार को ही सील कर दिया और बिना प्रशासनिक अनुमति कार्यालय में प्रवेश पर प्रतिबंध के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद आगामी दो दिनों तक विभाग में पदस्थापना को लेकर नाटकीय स्थिति बनी रही। 22 दिसम्बर को कलेक्टर ने बड़वानी से आए सहायक आयुक्त विवेक पांडेय को विभाग की जिम्मेदारी सौंपते हुए प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग डीएस राव को मूल पद शासकीय कन्या स्कूल जैतहरी प्राचार्य पर वापस भेज दिया। वहीं स्थानांतरण पर स्थगन आदेश लाने पर पूर्व सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग को इसी कार्यालय में आगामी आदेश तक कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी।

अपर कलेक्टर बीडी सिंह बताया कि विभागीय की प्रशासकीय जिम्मेदारी डीएस राव तथा वित्तीय अधिकार अपर कलेक्टर के नाम आदेशित है। यूके बघेल के सम्बंध में जानकारी लेकर मामला देखता हूं।

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