किसानो को फसल और सब्जियों में
निगरानी की सलाह
अनूपपुर। बादल इन दिनों सूरज के साथ लुकाछिपी कर
रहे हैं। इससे तापमान भी प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार की सुबह आसमान में बादलो का
डेरा है। बादलो की वजह से धुप का असर नही दिखा। सुबह कोहरा की वजह से लोगो की रफ्तार घीमी रही, 9 बजे धुप
दिखने से थोड़ा राहत मिला। 4 से 5 किमी की
रफ्तार से हवाएं चल रही है।
गुरूवार-शुक्रवार की रात में
अचानक पारा गिरा शुक्रवार की सुबह का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस पार कर गया तो रात
का तापमान भी 13 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। अगले दो दिनों तक हवाओं के चलने के
कारण वातावरण में ठंडक रहेगी,इससे बारिश होने की संभावना रहेगी।
मौसम विभाग ने के अनुसार जिले के
अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम बादल रहने के आसार बताए हैं। दिन का तापमन 22 से 26 डिग्री
सेल्सियस और रात का 11 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना बताई गई है।
हवाएं उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ छह से 5 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से
चलेंगी।
गेहूं, चना पर ध्यान
दे किसानों
कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं और
चना की फसल ले रहे किसानों से मौसम को देखते हुए फसल पर ध्यान देने के लिए कहा है।
गेहूं की फसल में सिंचाई लगभग 20 दिन के अंतराल पर करें और खेतों में जलभराव न
होने दें। गेहूं की फसल में बालिया निकलने की अवस्था हैं। इसलिए जो किसान बीज
उत्पादन करना चाहते हैं उन्हें विजातीय पौधों को निकालकर खेत से अलग कर देना
चाहिए। यूरिया का छिडकाव करते समय इस बात का ध्यान रखने कहा गया है कि पत्तियों पर
पानी न हो। चने में फूल आना प्रारम्भ हो गया है। जब वह दाने में बदलते हैं ऐसे समय
पर फल छेदक कीट आने की आशंका रहती है। इसलिए अभी से खेतों में किसानों को निगरानी
रखने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों ने कहा कि चना में म्लानि या उकठा रोग के
लक्षण किसी भी अवस्था में देखें जा सकते हैं, इस रोग के
निदान के लिए कुछ दिनों तक सिंचाई न करने कहा गया है।
सब्जियों में कीड़े दिखने पर करें उपाय
मटर की फलियों में कीट प्रकोप की
अधिकता होने पर स्पाईनोसेड नामक कीटनाशक 0.3 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से
छिड़काव करने कहा जा रहा है। इसी में अगर चुरणी फफूंदी का प्रकोप दिखे तो 3 ग्राम
सल्फेक्स प्रति लि पानी में घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है। आलू में अगेती और
पिछेती अंगमारी का प्रकोप दिखाई देने पर मेंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर
से छिडकाव किसान कर सकते हैं। आम, नीम्बू, संतरा और
मौसमी में गमोसिस तथा एन्थ्रोकनोज रोगों के नियंत्रण के लिए 2.5 ग्राम ब्लाइटाक्स
प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
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