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सोमवार, 13 जनवरी 2020

तीन साल से बिना शिक्षक संचालित हाईस्कूल

अधूरी तैयारियों में बोर्ड परीक्षार्थी,विधायक के निर्देश बेअसर
अनूपपुर पसान नगर के एकमात्र शासकीय हाई स्कूल भालूमाड़ा क्रमांक 1 का उन्नयन हुए 3 वर्ष बीत गए हैं। इसके बाद भी स्कूल में छात्रों के पढ़ाई के लिए शिक्षकों की व्यवस्था जिला प्रशासन नहीं करा पाया है। पिछले 3 वर्षों से शासन स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से 2 सालों से छात्रों का भविष्य खराब होता रहा है। जिले में पिछले सत्र बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम सबसे न्यूनतम केवल हाई स्कूल भालूमाड़ा का रहा है। वही इस वर्ष भी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ स्कूल के बच्चे बोर्ड परीक्षा से खौफजदा बने हुए हैं। हाल के दिनों में अभिभावकों, समाजसेवियों ने अनूपपुर विधायक बिसाहू लाल सिंह से स्कूल में शिक्षकों की समस्या से अवगत कराया था, जिसमें तत्कालीन आदिवासी विकास प्रभारी डीएस राव ने 24 सितम्बर 2019 को आदेश जारी करते हुए शिक्षक की व्यवस्था होने तक शिक्षक निर्भय सिंह सहायक अध्यापक गणित शासकीय प्राथमिक विद्यालय बीमा ग्राम व शिक्षक लक्ष्मीकांत तिवारी अध्यापक हिंदी जनशिक्षक भाद के शिक्षकों को शासकीय हाई स्कूल भालूमाड़ा में शैक्षणिक व्यवस्था के तहत कार्य के लिए निर्देशित किया था। लेकिन इसी विभाग से तीन माह बाद 31 दिसम्बर को नए आदेश में शिक्षक निर्भय सिंह को भालूमाड़ा से हटाकर बीमा ग्राम भेज दिया गया।  आश्चर्य की बात है जिस एसी कार्यालय से शिक्षकों की बहाली की गई, उसी कार्यालय से प्रभारी अधिकारी के बदलने के बाद शिक्षक को वापसी का आदेश जारी किया जाता है। जबकि वर्तमान में हाईस्कूल की दोनों कक्षाएं 9वीं व 10वीं के लिए 100 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। शिक्षको के अभाव में दिनभर कक्षाएं खाली रह जाती है। यहां तक कि कक्षाओं के अंतर्गत आने वाले विषयवार पाठ्यक्रमों की तैयारी भी अधूरी है। जबकि आगामी मार्च माह के दौरान माशिमं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन होगा, जिसमें एक बार फिर भालूमाड़ा शासकीय हाईस्कूल क्रमांक 1 के बच्चे बिना पाठ्यक्रम की तैयारियों के बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। अभिभावकों का कहना है कि अब विभागीय अधिकारियों में विधायक के निर्देश और खुद विभाग के जारी आदेशों के विपरीत कार्य का खौफ नहीं है। विधायक ने बिना शिक्षक संचालित हाई स्कूल पर तत्काली आदिवासी विकास विभाग अधिकारी को फटकार भी लगाई थी और तत्काल ही बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक आने तथा पाठ्यक्रमों की तैयारियों के लिए ही शिक्षकों की व्यवस्था के निर्देश दिए थे। लेकिन आश्चर्य विभाग विधायक के आदेश को ही दरकिनार करते हुए अपने कार्यालय द्वारा जारी आदेश को धता बता दिया।
विभाग को दी जा रही गलत जानकारी
विभागीय सूत्रों के अनुसार जब नवागत आदिवासी विकास विभाग अधिकारी ने सम्बंधित स्कूल से शिक्षकों को मूल स्कूल भेजने के आदेश जारी तो इस सम्बंध में पूर्व आदेश को विभागीय कर्मचारी ने अधिकारी के समक्ष जानकारी नहीं प्रस्तुत की। ऐसे में पूर्व आदेश में मात्र तीन माह ही शिक्षक आगामी शिक्षक व्यवस्था बनाए जाने के जारी आदेश में कार्य कर सके। वहीं अब विभागीय अधिकारियों ने मामले में जानकारी नहीं होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया है।


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