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शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

व्यापार में छूट,शिक्षा में सुधार एवं किसानो ने फसल के लिए गोदाम की लगाई आश

बजट को लेकर लोगो की उम्मीद
अनूपपुरअर्थ व्यवस्था उठ रहे सवाल और गिरती जीडीपी के बीच आ रहे बजट 2020 से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. लोगों के मन में बस एक ही बात है कि इस बार के बजट में क्या खास होगा। क्या मौजूदा समय में चल रही सुस्ती कम हो पाएगी। इसे लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है,मन में बस एक ही बात है, कि इस बार के बजट में क्या होगा खास व्यापार, शिक्षा और कृषि से जुड़े विशेषज्ञ क्या मानते हैं।
बजट से व्यापारी वर्ग को बड़ी उम्मीद
ऑटोमोबाइल व्यापारी संत्तू पटेल ने बताय कि इस बार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में व्यापारी वर्ग के क्षेत्र को सरकार की ओर से कुछ ऐसी रियायत मिलनी चाहिए, जिससे व्यापार आगे बढ़ सके। पटेल का कहना हैं टैक्सेसन में भी छूट मिलनी चाहिए और टैक्सेशन में जो कर लिया जाता है, उसमें भी छूट मिले,जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सके, नए-नए उद्योग धंधों के स्थापना के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए। जिससे लोगों का झुकाव भी व्यापार और उद्योग धंधों की ओर हो सके और खुद का रोजगार स्थपित कर दूसरों को भी रोजगार दें आत्मनिर्भर बन सके।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी है आस
शहर के स्कूल के संचालक रानू गुप्ता का कहना है इस बार के बजट से वो शिक्षा के क्षेत्र को लेकर काफी आशान्वित है। उम्मीद है कि इस बार का बजट निश्चित ही कुछ नया पैगाम देने वाला होगा,बजट में निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े में सुधार की गुंजाइश के हिसाब से आएगा। कारण शिक्षा के क्षेत्र में आज भी देश में काफी सुधार की जरूरत है।
गुप्ता का कहना है ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल तो हैं लेकिन उनमें बहुत कमिया है। स्कूल तो खोले जा रहे है लेकिन बुनियादी समस्याये जस की तस बनी हैं। शिक्षकों की कमी बराबर बनी हुई है,जिससे अच्छी शिक्षा देने में समस्या होती है। स्कूल भवन जर्जर हालातों में है,ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की जरूरत है और इस बार के बजट में उम्मीद है कि कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएंगे जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देश में आए।
बजट पर बोले किसान नेता
बजट को लेकर भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि इस बार के बजट में किसानों को बहुत उम्मीद है, कृषि उत्पादन में तो किसान आत्मनिर्भर बन गया है, लेकिन जो अनाज का उत्पादन होता है, उसे रखने की जगह सरकार के पास नहीं है और हर साल किसान की मेहनत पानी में खराब हो रही है।
परिहार ने बताया देश का जो कृषि उत्पादन होता है उसमें विभिन्न कारणों से कटाई गहाई के बाद लगभग आठ प्रतिशत अनाज किसी न किसी कारणों से खराब हो जाता है। ऐसे में फसल को बचाने के लिए गोदाम की बहुत जरूरत हैं, इसके अलावा इस बार कुछ ऐसा बजट रहे कि सरकार बीज उत्पादन के प्रति बराबर लाभांश दे, जिससे वो बीज उत्पादन में आगे आए,इसके अलावा जो सरकारी योजनाएं आती हैं वो आसानी से लोगों तक पहुंचना चाहिए और उसका फायदा किसानों को सीधा मिलना चाहिए।


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