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शनिवार, 20 जून 2020

नदी में ग्रमीणो का बनाया अस्थायी मार्ग बहा, क्षतिग्रस्त पुल से आवाजाही

नौ माह से क्षतिग्रस्त पुल की जिला प्रशासन ने नहीं ले रहा सुध

अनूपपुर जिला मुख्यालय अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 01 सामतपुर से ग्राम हर्री सहित एक दर्जन गांवो आवाजाही के लिए जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाए गए 60 मीटर लम्बे पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद नदी में ग्रामीणों द्वारा बनाया गया अस्थायी मार्ग एक फिर नदी के तेज बहाव में कटकर बह गया है। जिसके कारण दर्जनभर से अधिक गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। इस मार्ग से कम दूरी तय कर मुख्यालय पहुंच रहे ग्रामीणों को लम्बी दूरी तय कर अनूपपुर आना पड़ रहा है। इससे समय और परेशानी दोनों बढ़ गई है। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीणों को रात के समय मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाने में हो रही है।

नदी में ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर बनाए गए अस्थायी मार्ग के बहने की घटना के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उसकी न तो सुधी ली है और ना ही सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। परिणामस्वरूप जान जोखिम में डालकर ग्रामीण क्षतिग्रस्त पुल से ही आवाजाही कर रहे हैं। पुल का क्षतिग्रस्त हिस्सा इतना खतरनाक और भयावह है कि वह सामानांतर पुल से पांच छीट से अधिक नीचे वी शेप में खम्भों पर टिकी है, जो दिनोंदिन धारा के कटाव में नदी में समाने आतुर है। लेकिन ग्रामीणों की मजबूरी कि वे बेधड़क क्षतिग्रस्त पुल से उपर से गुजर रहे हैं।

बताया जाता है कि इस मार्ग से जिला मुख्यालय सहित हर्री, बर्री, भगताबांध, पसला, बिजौड़ी, चातरहिया, रक्शा, कोलमी, अमगंवा, छुलकारी से लेकर फुनगा तक के ग्रामीण आवाजाही करते है। 7 अक्टूबर 2019 की रात तेज बारिश और नदी में बने बहाव में पुल का 40 फीट से अधिक का हिस्सा 8 खम्भों सहित क्षतिग्रस्त होकर बैठ गया। क्षतिग्रस्त हिस्सा लगातार नदी के तल में समाता हुआ लगभग 5 फीट से अधिक नीचे बैठ गया है। जानकारों का कहना है कि जिस प्रकार से पुल की स्थिति बनी है, यह कभी भी धराशायी हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जलसंसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2009 में 1 करोड़ 27 लाख की लागत से 180 मीटर लम्बी पुल का निर्माण कराया गया था। लेकिन 10 साल बाद पुल का 40 फीट हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। विभागीय जानकारी के अनुसार नदी के 35 फीट नीचे हार्ड रॉक है। इसके अलावा एक किलोमीटर की परिधि में पुल निर्माण के लिए बेहतर जमीन नहीं है। ऐसे स्थल पर पुल के लिए कम से कम 10 करोड़ रूपए की बजट की आवश्यकता थी, लेकिन ग्रामीणों की मांग पर उपर ही बेस डालकर पुल का निर्माण करा दिया गया था।

एसडीएम ने सुधार के दिए थे आश्वासन

क्षतिग्रस्त पुल में सुधार कार्य कराए जाने का आश्वासन एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी ने दिया था। जिसमें जलसंसाधन विभाग की मदद से वैकल्पिक मार्ग या क्षतिग्रस्त पुल के हिस्से को ही सुधार कर बनाए जाने की बात कही थी। इसके लिए एसडीएम अनूपपुर ने जून-जुलाई माह के दौरान मरम्मती कार्य कराया जाना बताया था। ताकि बारिश के दौरान ग्रामीणों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। लेकिन एसडीएम के आश्वासन के भी तीन माह से अधिक समय बीत गए।

इस सम्बंध में एसडीएम कमलेश पुरी ने बताया कि जानकारी मिली है लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजकर वैकल्पिक व्यवस्था बनवाने का प्रयास करता हूं। पुल पर आवाजाही खतरनाक है।

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