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बुधवार, 10 जून 2020

इंगांराजविवि में आदिवासी जननायक बिरसामुंडा की पुण्यतिथि मनाई गई

अनूपपुर/अमरकटंक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में आदिवासी जननायक बिरसामुंडा की पुण्यतिथि पर कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्घांजलि दी। इस अवसर पर कुलपति ने जननायक बिरसा मुण्डा को नमन करते हुए कहा 1857 में छोटा नागपुर में सुगना नामक संत आदिवासी के परिवार में पैदा हुए बिरसा मुण्डा मात्र पच्चीस वर्ष की उम्र में ही अपने कार्यो और समूह के उन्नयन की गतिविधियों के कारण नौजवान से महामानव के रूप में प्रसिद्घ हो गये। उन्होंने जल, जंगल, जमीन और जानवर को बचाने अपना उत्सर्ग कर दिया। सन् 1882 में अंग्रजों ने फारेस्ट एक्ट पारित कर आदिवासियों से जंगल छीनने का प्रयास किया तो इसका सर्वप्रथम विरोध बिरसा मुण्डा ने किया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन प्रारंभ किया। आदिवासी अस्मिता के लिए, देश की स्वाधीनता तथा आदिवासी अंचल की स्वायत्ता के लिए आदिवासी युवाओं के साथ मिलकर अभियान चलाने लगे और सम्पूर्ण भारत में जागृति उत्पन्न की। इस अवसर पर प्रो. तीर्थेष्वर सिंह, कुलसचिव पी. सिलुवैनाथन, सहायक कुलसचिव डॉ. सजीव सिंह, प्राचार्य ट्रायवल मॉडल स्कूल आर.एन. ओझा, एनएसएस सन्वयक डॉ. राघवेन्द्र मिश्रा, सिस्टम एनालिस्ट अरविंद गौतम एवं विश्वविद्यालय के, शिक्षक, अधिकारी, और कर्मचारी उपस्थित रहें। 


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