अनूपपुर। मोजर बेयर पावर प्लांट प्लांट जैतहरी के द्वारा कराए गए अनुबंध एवं म.प्र. आदर्श पुनर्वास नीति 2020 की शर्तो के अनुसार प्रभावित खातेदार के सदस्य भीमसेन केवट पिता छोटेलाल केवट निवासी ग्राम क्योंटार को नौकरी नही दिए जाने के कारण पढे-लिखे होने के बावजूद बेरोजगार व बेकारी की हालत पर दोनो हाथ कटवाए जाने की कलेक्टर अनूपपुर को शिकायत पत्र सौपतें हुए अनुमति मांगी है। भीमसेन ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि वह मोजर वेयर प्लांट जैतहरी का प्रभावित खातेदार है जिसका खाता क्रमांक 20 एवं खाता से म.प्र. आदर्श पुनर्वास नीति 2020 एवं अनुबंध 25 मार्च 2010 के शर्तो के अनुसार नौकरी हेतु नामित सदस्य हैं जहां उसकी योग्यता बीएससी एवं वेल्डर ट्रेड से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान जैतहरी से डिप्लोमा किये हुए है।
मोजर वेयर पावर प्लांट के ठेकेदार शिव शक्ति पावर सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड में 11 फरवरी 2015 से 30 अप्रैल 2018 तक एवं प्रेसीजन के नियोजन में 11 जुलाई 2018 से 15 फरवरी 2020तक कार्य अनुभवन प्राप्त किया है। 25 फरवरी 2020 को नियोजक प्रेसीजन के द्वारा अचानक बिना कोई कारण बताए काम से हटा दिया, जिसके संबंध में मोजर वेयर प्लांट के प्रबंधन को समय-समय पर काम से हटाए जाने की सूचना देकर काम की मांग करता रहा, लेकिन आज तक काम नही दिया गया, जिसके कारण बेरोजगारी की हालत में दयनीय जिंदगी जीने को मजबूर है।
पावर प्लांट के प्रबंधन द्वारा आवेदक को आदर्श पुनर्वास नीति 2002 के शर्त क्रमांक 1.8 एवं अनुबंध दिनांक के शर्त क्रमांक 10(11)(25) के मुताबिक योग्यता के अनुसार नौकरी लिए जाने का प्रावधान है का उल्लंघन करते हुए आवेदक को नौकरी नही दिया जा रहा है, नौकरी के नाम पर कंपनी द्वारा ठेकेदार प्रथा पर काम उपलब्ध करा दिया जाता है और बाद में काम से हटा दिया जाता है। जिसके कारण वह शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहा है। जिसकी शिकायत भी 29 मई 2018 को पुलिस अधीक्षक कर कार्यवाही किए जाने का आवेदन दिया था किन्तु उक्त शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नही हो सकी है।
भीमसेन केवट ने प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश आदर्श पुनर्वास नीति के अनुबंध के शर्तो के अनुरूप योग्यता रखते हुए भी आवेदक को काम नही दिया जा रहा है, क्योंकि प्रशासन उपरोक्त शर्तो का पालन करवाए जाने के संबंध में कोई कार्यवाही नही कर रहा है। आवेदक ने बताया की वह अपने परिवार का एकमात्र जिम्मेदार सदस्य है और उसके पिता लकवा ग्रस्त है ऐसी हालत में आवेदक के ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारी का बोझ है, जहां कानूनी पक्ष मजबूत रखते हुए भी प्रशासनिक सुनवाई के अभाव में उसके हाथ अब बेकार हो चले है। जिस पर आवेदक ने बेकार प$डे दोनो हाथ कटवाए जाने हेतु अनुमति प्रदान किए जाने की मांग की है।
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