इंगांराजवि में विश्व जनजातीय
दिवस पर यूजीसी के पूर्व चेयरमैन को सम्मानित किया गया
अनूपपुर।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो.वेद प्रकाश ने उच्च शिक्षण संस्थानों
का आह्वान किया कि वे अध्ययन-अध्यापन के साथ स्वयं को समाज के साथ जोडकर सामाजिक मूल्यों
और पिछड़े वर्गों के आर्थिक स्तर में गुणात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाएं। प्रो.
वेद प्रकाश इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक के तत्वावधान में आयोजित विश्व जनजातीय दिवस कार्यक्रम
को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों
को वैज्ञानिक शोध और अनुसंधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे जिससे उत्पादन
में योगदान देने वाले छात्रों को प्रशिक्षित किया जा सके। पिछले 800 वर्षों से भारत
में नालंदा, तक्षशिला जैसे उच्च शिक्षण संस्थान और विश्व के अनेक विश्वविद्यालय ज्ञान
और बुद्घिमता के प्रमुख केंद्र रहे हैं। जिनमें विभिन्न विषयों का संयुक्त अध्ययन करके
समाज को एक नई दिशा प्रदान की गई। उन्होंने जनजातीय ज्ञान को आधुनिक ज्ञान के साथ जो$डने
में विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान बताया। उनका कहना था कि भारत में अद्भुत
प्राकृतिक संपदा उपलब्ध है जिसे वैज्ञानिक शोध के विभिन्न पैमानों पर संरक्षित करने
की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों से जीवनभर नया सीखने, किताबों में ज्यादा से ज्यादा
निवेश करने और नित नए सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया।
कुलपति प्रो. टी.वी.कटटीमनी
ने जनजातीय विकास के लिए विश्वविद्यालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों का विस्तार से वर्णन
करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित
है और उनके सामाजिक और आर्थिक स्तर को बढाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। इससे
पूर्व प्रो. कटटीमनी ने प्रो. वेद प्रकाश और डॉ. शिमला का उच्च शिक्षा के क्षेत्र में
अतुलनीय योगदान के लिए सम्मान किया। डीन प्रो. प्रसन्ना कुमार सामल ने अतिथियों का
स्वागत किया। अंत में प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी ने धन्यवाद दिया। डॉ. संतोष सोनकर के
निर्देशन में पलाश थियेटर ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रो.
आलोक श्रोत्रिय, कुलसचिव पी. सिलूवेनाथन, प्रो. प्रसन्ना कुमार सामल, प्रो. तीथेश्वर
सिंह, डॉ.तरूण ठाकुर, डॉ.पूनम शर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षकों और छात्रों ने भाग
लिया। संचालन पूजा तिवारी ने किया।
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