
अनूपपुर। साथ जीने
का एक दूसरे की देखभाल कर जीवन के सफर को तय करने का सपना देख शब्बीर खान ने कनिसा
बेगम से निकाह किया। जीवन के सफर में एक दूसरे का सहयोग कर उनका परिवार चलने लगा। समय
गुजरा परिवार बड़ा हुआ छोटी मोटी समस्याओं का सामना कर दोनो आगे बढते रहे। शब्बीर खान
खेती करते तो कनीसा चूड़ी बेचती थीं दोनो परिवार को आगे ले जाने में सदैव प्रयासरत
रहते थे। परंतु समय का चक्र बहुत शक्तिशाली होता है। इसके सामने किसी की भी नही चलती
है। लम्बा समय साथ गुजारने के बाद जुदाई और भी दुखदायी हो जाती है। नगरपालिका अनूपपुर
के वार्ड क्र 14 के निवासी शब्बीर खान के साथ भी ऐसी ही दुखद घटना हुई। अपनी जीवनसाथी कनिसा बेगम
को खोने के बाद भविष्य में क्या करना है धुँधला सा हो गया था शब्बीर खान के लिए। शब्बीर
जब भी घर में चूडि़यों को देखते उन्हें कनीसा की याद सताती। शब्बीर खान को सम्बल योजनांतर्गत
२ लाख रुपए प्राप्त हुए। इन पैसों से दु:ख तो कम नही हुआ पर शब्बीर की आँखो के सामने
पड़ा धुँधलका जरूर हटा। शब्बीर कहते हैं इन रुपयों का प्रयोग वे चूड़ी के धंधे के लिए
घर की कुछ जरूरतों को पूरा करने में करेंगे जैसा कनीसा चाहतीं थी।
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