बरसात के बाद इस गड्डे में होता है
मूर्ती विसर्जन
अनूपपुर। जिला मुख्यालय में वर्ष 2014 से खनिज विभाग एवं नापतौल विभाग के कार्यालय का भवन
निर्माण के बाद से इन दोनो जिला कार्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं
को तरस रहा है, जहां 20 अगस्त की शाम हुई जोरदार बारिश में दोनो कार्यालयो के
परिसर पानी से भरकर तालाबनुमा हो गया है, जहां विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों
को कार्यालय पहुंचने से पहले पानी से भरे तलाबनुमा गड्डो को पार कर पहुंचना पड़ रहा
है। वहीं जिला स्वच्छ व सुगढ बनाने की परिकल्पला
वाले इस जिले में तालाब के बीच संचालित दोनो कार्यालयो का नजारा लोगो के लिए अकार्षण
का केन्द्र बना है। इतना ही नही बरसात के बाद इस गड्डे में मूर्ती विसर्जन भी किया जाता है।
नापतौल प्रयोगशाला सह कार्यालय २५ लाख २४ हजार की लागत से बना
वर्ष 2003 में जिला बनने के बाद वर्ष
2005 में जिला नापतौल विभाग का
संचालन किराए के भवन में किया गया और वर्ष 2010 में इस कार्यालय के भवन का निर्माण संयुक्त कलेक्ट्रेट
परिसर के अंदर बनाए जाने की प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन भूमि की कमी के कारण बाद इसे
संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाउंड्रीवॉल के बगल से भूमि आवंटित कर दी गई और लोक
निर्माण विभाग द्वारा 25 लाख 24 हजार की लागत से वर्ष 2012 में जिला नापतौल का प्रयोगशाला
सह कार्यालय बनाया गया और 28 जुलाई 2014 को नए भवन में इस कार्यालय का संचालन किया गया। वहीं
वर्ष 12-13 में नाप तौल विभाग के बगल से खनिज विभाग का कार्यालय निर्माण लोनिवि द्वारा 18 लाख की लागत से बनाया गया
लेकिन दोनो कार्यालय तक पहुंचने के लिए मार्ग न होने के कारण लगातार विभाग द्वारा जिला
प्रशासन सहित उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया, लेकिन 7 वर्ष बीत जाने के बाद इस
ओर किसी तरह का ध्यान नही दिया गया।
पानी से भरे तलाबनुमा गड्डो तक पहुंचते
लोग
संयुक्त कलेक्ट्रेट के बगल से संचालित
खनिज भवन एवं नापतौल विभाग का परिसर 20 अगस्त की शाम से लगातार हुई बारिश के कारण पानी से पूरी
तरह भर गया है, एक तरफ नापतौल विभाग का कार्यालय मार्ग विहीन है वहीं दूसरी
तरफ पानी की निकासी नही होने के कारण दोनो कार्यालयो के बीच गड्डो में पानी भर जाने
के बाद कार्यालय तक पहुंच गया है, जहां तालाब के बीच में दोनो कार्यालयो का दृश्य लोगो
को अचंभित कर रहा है। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा इस ओर किसी तरह का ध्यान नही
दिया जा रहा।
मार्ग विहीन कार्यालय
जिला नापतौल विभाग एवं खनिज विभाग
कार्यालय का भवन निर्माण और उसके संचालन के बाद से यहां तक पहुंचने के लिए अब तक मार्ग
की व्यवस्था नही होने से परेशानी बनी हुई है, कार्यालय के सामने बड़े-बड़े गड्ढो
के साथ ही मूर्तियों के विसर्जन के लिए अस्थाई कुंड बने होने के कारण सड़क निर्माण
की व्यवस्था नही हो पाई है, प्रारंभ में माप तौल कार्यालय में आने जाने के लिए संयुक्त कलेक्ट्रेट
परिसर के बाउंड्रीवॉल के बीच से रास्ता भी छोड गया गया था। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा
भी संयुक्त कलेक्ट्रेट की सुरक्षा को देखते हुए भी बाउंड्रीवॉल को बंद करा दिया गया।
जिसके अब जिला नापतौल तक पहुंचने के लिए मार्ग नही होने के कारण भी अधिकारियों और कर्मचारियों
सहित कार्यालय पहुंचने वाले लोगो एवं व्यापारियों के लिए परेशानी बनी हुई है।
बाउंड्रीवॉल और पानी की समस्या
9 वर्ष तक किराए के भवन में संचालन के बाद नापतौल विभाग
वर्ष 28 जुलाई 2014 को स्वयं के भवन स्थानातरित किया गया, लेकिन इस कार्यालय के चारो ओर न तो
बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया गया और न ही पानी की किसी भी प्रकार की व्यवस्था की गई
जिसके कारण यहां पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों को पेयजल के लिए संयुक्त कलेक्ट्रेट
में जाना पड़ता है जहां पर भी पेयजल की व्यवस्था हितग्राही एवं आवेदक के लिए पहले से
बनी हुई है। वहीं पानी की व्यवस्था न होने कारण ाी कार्यालय में साफ-सफाई का अभाव बना
हुआ है साथ ही पानी की समस्या के कारण यहां बने शौचालय का उपयोग अधिकारी कर्मचारी नही
पा रहे है।
दोनो कार्यालयो तक पहुंचने भटकते
लोग
जिले के चारो विकासखंड से पहुंचने
वाले व्यापारी अपने कांटा, बांट का सत्यापन करने के लिए जिला नापतौल विभाग कार्यालय के
पास तो पहुंच जाते है, लेकिन नापतौल कार्यालय का रास्ता नही मिलने के कारण उन्हे परेशान
होना पड़ता है और वे कार्यालय के सामने बड़े-बड़े गड्ढो को पार कर जद्दोजहद करनी पड़
रही है, वहीं जिला प्रशासन ने प्रारंभिक समय में इस कार्यालय के लिए रास्ता न होने के कारण
संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर की बाउंड्रीवॉल में जगह छोड कर मापतौल कार्यालय तक पहुंचने
के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई, लेकिन अब संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर की सुरक्षा को देखते
हुए भी बिना मार्ग के वैकल्पिक व्यवस्था किए मार्ग बंद करा दिया गया था, तब से नापतौल विभाग मार्ग
विहीन हो गया है।
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