कलेक्टर से शिकायत के बाद भी नही
मिला न्याय
अनूपपुर। शासकीय अनुसूचित
जाति सीनियर कन्या (हरिजन) छात्रावास कोतमा में बीते तीन वर्ष 2015-16 से मजदूरी दर पर भृत्य के
पद पर संरक्षित बैगा जनजाति की महिला अमर कली बैगा की पति की मृत्यु 3 वर्ष पूर्व हो चुकी है।
किसी तरह बालिका छात्रावास में अनियमित चपरासी की नौकरी कर अपने दो छोटे बच्चो का पेट
पाल रही थी। जिसे छात्रावास अधीक्षिका राधा प्रजापति द्वारा सहायक आयुक्त विभाग में
पदस्थ अपने रिश्तेदार द्वारा नियमित कराने के नाम पर 30 हजार रूपए की मांग की गई
थी। जिसमे अमर कली द्वारा 12 हजार रूपए दे दिया गया था। शेष रकम देने के लिए छात्रावास अधीक्षिका
राधा प्रजापति द्वारा लगातार दवाब बनाया जा रहा था। जिसमे अमरकली शेष रकम देने में
असमर्थता बताई। रकम न मिल पाने के कारण अमरकली बैगा को छात्रावास अधीक्षिका द्वारा
नौकरी से निकाल कर दूसरे को रख लिया गया। नौकरी से निकाले जाने और रिस्वत की रकम वापस
न मिलन से दुखित हो शासन से की न्याय की मांग, जिस पर अमरकली बैगा द्वारा अनपुपर
कलेक्टर से 13 जुलाई को लिखित शिकायत की गयी थी। जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच करवाकर न्याय
दिलाने की बात कही गई थी। मगर शिकायत के एक माह बीत जाने पर कोई कार्यवाही न होने पर
महिला द्वारा जनसुनवाई में 7 अगस्त 2018 को भी अनूपपुर कलेक्टर के यहां दोबारा लिखित शिकायत
की गई फिर भी आज तक न कोई जांच हुई और न न्याय मिला।
छात्रावास सहित घरेलू काम भी कराती
थी अधीक्षिका
शासन के नियमानुसार दैनिक वेतन भोगी
कर्मचारी से छात्रावास में मात्र 10 महीने ही नौकरी का प्रावधान है चूंकि गर्मी में बच्चो
की छुट्टी रहती है। वावजूद उसके अधीक्षिका द्वारा ड्यूटी टाइम के अलावा पूरी गर्मी
में अपने घर का काम भी कराया जाता रहा है। वहीं नौकरी से निकाले जाने एवं आर्थिक तंगी
सहित बीमारी से जूझ रही संरक्षित बैगा द्वारा की गई शिकायत पर कोई कार्यवाही नही हो
हुई जिस पर अमर कली बैगा की शासन से अधीक्षिका द्वारा लिए गए रिश्वत का पैसा वापस दिलाने
और नौकरी दिलाने की मांग है ताकि अपने गरीब बच्चो का पेट पाल सके।
इनका कहना है
पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी
पर कार्यवाही होगी।
अनुग्रह पी, कलेक्टर
अनूपपुर
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