रिमझिम बारिश की फुहार भी नहीं रोक
सकी बहनों के पांव, ट्रेनें और बसें रही फुल
अनूपपुर। सावन मास
के पूर्णिमा को मनाई जाने वाली भाई-बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन
का पर्व रविवार २६ अगस्त को हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर बहनों ने अपने
भाईयों के माथे पर चंदन वंदन के साथ कलाई पर रेशम की पवित्र डोर को बांध अपने रक्षा
का वचन लिया। ग्रह-नक्षत्रों के चक्र में इस बार का रक्षा बंधन का शुभ मुहत्र्त रविवार
की सुबह 5.59 मिनट से दोपहर 3.37 बजे तक रहा। मंदिरों में पूजा पाठ कर भाईयों के लिए राखी से
सजाया हुआ थाल बहनों ने भाईयों के समक्ष रखें, तथा भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसे
यशस्वी होने की दुआएं की और उसकी बलाओं को अपने हाथों में समेट मिलया। इस मौके पर भाई
भी रेशम की डोर की लाज निभाने तत्पर्य दिखें। रक्षा बंधन पर स्थानीय बाजारों में राखियों
व मिठाईयों की दुकानों पर खासा चहल बना रहा। खासकर उपहार की दुकानों से लेकर कपड़ों
व अन्य धातु के दुकानों पर भाईयों के द्वारा जमकर खरीदारी की गई। राखी खरीदारी व मुंह
मीठा के साथ उपहार देने की रस्म ने बाजार के सभी दुकानों को गुलजार रखा। चाहे व किराना-गल्ले
की दुकान हो या फिर मिठाई की, फल की दुकान हो या फिर उपहार की सभी दुकानों पर लोगों
की भीड़ बनी रही। इस दौरान प्रशासन ने भी बाजार की गलियों से लेकर रेलवे स्टेशन व बस
स्टंैड में सुरक्षा की व्यवस्था बनाई रखी। जबकि जिले के नगरीय क्षेत्र कोतमा,
बदरा,
भालूमाड़ा,
राजनगर,
बिजुरी,
अमरकंटक,
जैतहरी,
सहित अन्य ग्रामीण
इलाकों में हर्षोउल्लास के साथ भाई बहन के स्नेह प्रेम, आत्म सम्मान, पवित्रता का व्रत,
आत्म रक्षा
का संकल्प, सुखमय और खुशहाल जीवन के लिए अनेक शुभकामनाओं का रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के
साथ मनाया गया। रक्षा बंधन में भाई-बहन के मिलन पर अनूपपुर-कटनी-बिलासपुर सहित मनेन्द्रगढ़
रूट की ट्रेनों से लेकर बसों तक में खचाखच भीड़ बनी रही। बसों में तो पैर रखने के स्थान
तक नहीं थे। जबकि ट्रेनों की सामान्य बोगी हो या फिर एसी सभी एक सामान्य भीड़ से दिख
रहे थे। रविवार की सुबह से लेकर शाम तक रह-रह कर बारिश की रिमझिम बौछार होती रही। लेकिन
भाई-बहन के स्नेह मिलन में बारिश की बौछार भी उनके कदम नहीं रोक सकी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें