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गुरुवार, 16 अगस्त 2018

यादों की परछाईयों में अनूपपुर से जुड़ी अटल की यादें, बस वक्त गुजर गया, यादें ठहर गई:



....पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के गम में डूबा अनूपपुर, नगर में शोक की लहर
अनूपपुर। मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था। रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई, मौत की उमर क्या है, दो पल भी नहीं। जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं...कुछ ऐसी ही साहित्यिक प्रखर विस्मितियों के जनक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी गुरूवार १६ अगस्त की शाम मौत से दो-दो हाथ करते-करते आखिर गहरी नींद में सो गए। कलम प्रतिभा के धनी, मिलनसार, सहजभाव, अच्छे वक्ता, पत्रकार, राजनीतिज्ञ, तथा भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने गुरूवार को दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में अपनी अंतिम सांसे ली। किडनी और यूरिनल इंफेक्शन से ग्रस्ति पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ११ जून को गम्भीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन पिछले ९ सप्ताह से लगातार उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई, जहां आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। अटल बिहारी वाजपेयी की सुनहीरी यादों से मध्यप्रदेश का अनूपपुर जिला भी नाता जुड़ा हुआ, जहां उनके निधन से गम का माहौल बना हुआ है। सुबह से उनकी लम्बी आयु की कामना लिए बैठे उनके शुभचिंतकों ने शाम को आखिर निराशा हाथ लगी। माना जाता है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ७ फरवरी १९८८ को पहली बार अनूपपुर जिले की सरजमीं पर अपना पैर रखा था, जहां पार्टी नेता सुंदरलाल पटवा के साथ जनसंघ पार्टी के कार्यकर्ता मूलचंद अग्रवाल के घर वार्ड क्रमांक ५ पैदल ही पहुंचे थे। घर पहुंचने पर कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों व अन्य नगरवासियों ने अटल बिहारी वाजपेयी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। यहीं नहीं कार्यकर्ता के घर पहुंचकर फल और दूध नाश्ता लिए और फिर नगरवासियों की अपील पर स्टेशन चौराहा पर ही आमसभा को सम्बोधन करने चल दिया। अपने एक घंटा के प्रवास के दौरान उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर आमसभा को सम्बोधित किया, फिर अगली ट्रेन से चिरमिरी छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गए। सुनहरी यादों को समेटे कार्यकर्ता मूलचंद अग्रवाल का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी पहली बार सुबह ८ बजे उत्कल एक्सप्रेस से अनूपपुर रेलवे स्टेशन उतरे थे। जनसंघ की ओर से अकेला प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकर्ता के कारण वे सीधा उनके घर पहुंचे थे। इससे पूर्व १९६७ में रीवा सम्भाग और जबलपुर सम्भाग का कटनी में जनसंघ पार्टी कार्यकर्ताओं के आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने मित्र लालकृष्ण आडवानी कटनी आए थे। कार्यक्रम के दौरान सवाल जबाव में कार्यकर्ता मूलचंद अग्रवाल ने अटलबिहारी वाजपेयी से सवाल किया था कि जनसंघ पूंजीपूतियों से जुड़ी लोगों की पार्टी है। जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने जवाब दिया था राजनीति में बदनामी के लिए इस प्रकार के प्रोपगेंडा चलाए जाते हैं। वहीं नगरपालिका वार्ड क्रमांक ८ निवासी राजेश शिवहरे ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए पल को यादकर उन्हें अद्भूत व्यक्तित्व धनी राजनीतिक बताया। उनके अनुसार जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अनूपपुर पहुंचे, तो उन्होंने उतरने के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं से पूछा क्यों? आज अनूपपुर में क्या है खास। मूलचंद अग्रवाल ने कहा, नाश्ते का प्रबंध है। जिसपर अटल बिहारी वाजपेयी ने जोरदार हंसी के साथ कहा वाह, अनूपपुर में नाश्ते का मजा आएगा। यहीं नहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकर्ताओं से बताया कि शहडोल के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने नेता के बजाय हमें ही माला पहना दिया।

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