कोतमा, जैतहरी
और पुष्पराजगढ़ में ओलो की मार, 50 फीसदी फसल के नुकसान के अनुमान
अनूपपुर। लगातार मौसम के मिजाज में आ रही तब्दीली और असामायिक बारिश के साथ
हो रही ओलावृष्टि में 5 मार्च की दोपहर जैतहरी सहित
पुष्पराजगढ़ में फिर से आसमान से आफत रूपी बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को नुकसान
पहुंचाया है। जिसमें पुष्पराजगढ़ के लगभग अधिकांश हिस्सों में लगी रबी की दलहनी और
तिलहनी फसलों के 50 फीसदी फसल के नुकसान का अनुमान हैं। जबकि जैतहरी विकासखंड के
लगभग आधा दर्जन गांवों में बारिश और ओलावृष्टि से सैकड़ों हेक्टेयर की फसल को
नुकसान पहुंचाया है। इसी तरह कोतमा विकासखंड में भी हल्की ओलावृष्टि के साथ तेज
हवाओं में बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। इन तीनों ही
विकासखंड में कहीं आंवला से कम तो कहीं आंवला आकार की ओलावृष्टि होने की जानकारी
किसानों ने दी है। किसानों का कहना है कि इससे पूर्व भी पुष्पराजगढ़ और जैतहरी
विकासखंड के अधिकांश गांव में असामायिक बारिश और ओलावृष्टि से फसल प्रभावित हुए
थे। जिसमें जिले के तीन विकासखंड अनूपपुर, जैतहरी, पुष्पराजगढ़
के 58
गांव बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुए थे। अधीक्षक भू-अभिलेख विभाग अधिकारी
एसएस मिश्रा ने बताया कि बंगाल में बनी हवा के निम्न दवाब के कारण यह बारिश हुई
है। फरवरी-मार्च माह के दौरान होने वाली असामायिक बारिश में ओलावृष्टि की अधिक
सम्भावना बनी रहती है। 5 मार्च गुरूवार को भी अनूपपुर जिला
मुख्यालय सहित आसपास के गांवों के साथ साथ जैतहरी, बिजुरी,
भालूमाड़ा,
राजेन्द्रग्राम,
कोतमा
नगरीय क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। और कुछ स्थानों पर 2-5
मिनट तक आंवला आकार के ओलावृष्टि हुई। इस सम्बंध में अभी तक जिले के चारो विकासखंड
से राजस्व अमला द्वारा बारिश और ओलावृष्टि के सम्बंध में प्रशासनिक अधिकारियों को
कोई जानकारी नहीं दी है। सम्भावना है कि शुक्रवार 5 मार्च को
राजस्व अमला द्वारा फसलों के नुकसान की जानकारी भेजी जाएगी। एक ओर मौसम की मार में
लगातार बारिश और ओलावृष्टि से रबी की तैयार फसल को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं
आगामी फसलों में आम, महुआ, मुनगा सहित अन्य फसल प्रभावित हो रहे
हैं। इनके नुकसान से बाजार में इनका उत्पादन कम आएगा और बाजार महंगा होगा। फिलहाल
आसमान में काले बादलों की चादर बिछी है और बारिश की आशंका बनी हुई है वहीं बारिश
के कारण दबे पांव ठंडक भी अपना असर दिखा रही है।
उल्लेखनीय है
कि गुरूवार की सुबह से ही आसमान में काले बादलों की उमड़ घूमड़ बनी हुई थी,
जो
दोपहर सघन रूप में छाते हुए झमाझम बारिश के रूप बरसने लगी। इस दौरान जैतहरी
विकासखंड के जैतहरी, छुलहा, बेलियाफाटक, झाईंताल,
सिवनी,
नगदहा
क्षेत्र में आंवला आकार की ओलावृष्टि हुई। यह ओलावृष्टि ५ मिनट से अधिक समय तक बनी
रही। वहीं पुष्पराजगढ़ विकासखंड मुख्यालय राजेन्द्रग्र्राम सहित आसपास के दर्जनों
गांव में ओलावृष्टि के साथ तेज हवाओं में बारिश हुई। जिससे पुष्पराजगढ़ विकासखंड
में लगी दहलनी और तिलहनी फसलों को नुकसान होने के अनुमान लगाए हैं। यह अनुमान 50
फीसदी तक आंके जा रहे हैं। इसी तरह कोतमा में भी ओलावृष्टि हुई। जबकि बिजुरी
क्षेत्र में चने से बड़े आकार में ओलावृष्टि के साथ तेज बारिश हुई। कृषि विभाग
उपसंचालक एनडी गुप्ता ने बताया कि इससे पूर्व ही जिले के अधिकांश क्षेत्रों की
फसलों की नुकसान पहुंचा है। वहीं आज के बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को अधिक
नुकसान उठाना पड़ सकता है। सर्वेक्षण के बाद सही जानकारी और आंकड़े सामने आ
पाएंगे। लेकिन इस प्रकार की असामायिक बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के माथे चिंता
की लकीर अवश्य खींच दी है।
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