जिले के 8
उपार्जन केन्द्रो के 630 किसान धान बेचने के बाद भी हो सकते है
वंचित
अनूपपुर। जिले में बनाए गए 22 धान उपार्जन केन्द्रो में लगातार फैली
अव्यवस्था के कारण किसान परेशान रहे वहीं विभागीय लापरवाही के कारण 8
उपार्जन केन्द्रो के 630 किसानो की लगभग 31
हजार क्विंटल धान लिए जाने के बाद भी पोर्टल में नही चढ़ और उन्हे पावती नही मिल
सकी। जिसके विरोध में 3 मार्च को सिंघौरा के 107
किसानो ने चौकी प्रभारी वेंकटनगर को धान उपार्जन के संबंध में लिखित शिकायत की।
सैकडो किसानो ने धान उपार्जन केन्द्र सिंघौरा में धान विक्रय किए थे उसमें 107
किसानो की खरीदी पावती प्राप्त नही हुई है, वहीं उक्त
धान की परिवहन किए जाने पर समस्त किसानो ने पावती प्राप्त होने तक रोक लगाए जाने
की मांग की गई। इसके साथ ही किसानो ने सिंघौरा धान खरीदी केन्द्र से किसानो की
खरीदी गई धान के परिवहन कर रहे ट्रको को रोक दिया। किसानो ने कहा की पहले हमारे
द्वारा बेचे गए धान की पावती दी जाए जिसके बाद ही हम केन्द्र से धान का परिवहन
होने देगे।
छिल्पा
केन्द्र से सैकडो किसानो ने सौंपा था ज्ञापन
पूर्व में 11
फरवरी को उपार्जन केन्द्र छिल्पा के एक सैकड़ा किसानो ने कलेक्ट्रेट कार्यालय
पहुंच कर प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर से लिखित की थी। शिकायत में किसानो ने धान
बेचे जाने के बाद भी अब तक उन्हे पावती प्रदान नहीं किए जाने तथा उनका नाम पोर्टल
में दर्ज नही हुए जाने की शिकायत की थी, जिस पर भी अब तक कोई पहल नही की
गई।
8 खरीदी
केन्द्रो के 630 किसान परेशान
जिले में
बनाए गए २२ खरीदी केन्द्रो में से 8 खरीदी केन्द्र के 630
किसानो ने अपनी धान बेचे जाने के बाद पोर्टल में दर्ज नही होने के कारण वंचित हो
सकते है। जिनमें उपार्जन केन्द्र कोठी के 3 किसान, देवगवां के 75
किसान, देवगवां छिल्पा के 108 किसान, जैतहरी के 109
किसान, दुलहरा (फुनगा) के 110 किसान, वेंकटनगर के 74
किसान, धनगवां के 45 किसान एवं उपार्जन केन्द्र सिंघौरा के 107
किसानो द्वारा बेची गई धान के बावजूद वंचित हो सकते है। जिसमें जिला एवं खाद्य
आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल द्वारा अंतिम तिथि पर उपार्जन केन्द्रो में पहुंचे
किसानो की सूची का गलत आंकडा जिले में पेश किए जाने तक का आरोप लग चुका है। जिले
से किसानो की धान खरीदी किए जाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर 2
हजार 115 की जगह 1 हजार 485 किसानो की
सूची भेजी गई और इस गलत आंकडे के कारण अब उपार्जन केन्द्र में अपनी धान बेचे जाने
के बाद 630 किसान इस योजना से वंचित होने की संभावनाओं पर आ पहुंचे है।
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