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रविवार, 11 फ़रवरी 2018

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास



अनूपपुर अपर सत्र न्यायाधीश शरद भामकर के न्यायालय मे लंबित सत्र प्रकरण क्रमांक 16/2016 जो कि 10 अक्टूबर 2015 को थाना कोतमा में धारा 363, 366 क, 376 (2) (आईकेएन) तथा धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत आरोपी गुमान सिंह पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 366 क भादवि के तहत दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 1 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। वहीं अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई। एजीपी गणेश अग्रवाल ने बताया कि आरोपी गुमान सिंह उर्फ राज सिंह पिता रामलाल सिंह गोंड उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम मनमारी ने 10 अक्टूबर 2015 की रात्रि लगभग 11 बजे 16 वर्षीय नाबालिग को उसके ग्राम रेउला स्थित घर से बहला फुसलाकर ग्राम पयारी अपने घर ले गया तथा उसके साथ लगातार 15 दिसम्बर 2015 तक दुष्कर्म करता रहा। जहां पर परिजन गुलाब ङ्क्षसह गोड की शिकायत पर पुलिस १२ अक्टूबर २०१५ को गुम इंसान के तहत मामला दर्ज किया था। जहां 15 दिसम्बर 2015 को ग्राम पयारी स्थित मकान में तलाशी लिए जाने पर आरोपी गुमान सिंह गोंड के साथ नाबालिग मिली, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी गुमान सिंह को गिरफ्तार कर एवं नाबालिग को उसके परिजनो को सुपुर्द कर दिया गया। वहीं न्यायालय के समक्ष गवाहों एवं एजीपी गणेश अग्रवाल के तर्क पश्चात आरोपी गुमान सिंह को आरोपित अपराध धारा 363, 366-ग, 376 (2)(एन) एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध प्रमाणित होने से उक्त अपराध में गुमान सिंह को दोषी सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश शरद भामकर ने अपराध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 366-क भादवि के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।

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