अमरकटंक (अनूपपुर)।
नई पीढी को नवोन्मेष उन्मुखी बनाने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय
विश्वविद्यालय अमरकटंक के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में सोमवार को दो
दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार
कल्याण मंत्री के सलाहकार प्रो.राजेंद्र प्रताप गुप्ता ने न्वोन्मेष आधारित समाज
की स्थापना के लिए कई प्रकार की अवधारणाओं को समाप्त कर नए सिरे से विचार करने पर
जोर दिया।
वीएमओ
विश्वविद्यालय, कोटा
के डीन (प्रबंधन) प्रो.पी.के. शर्मा ने कहा कि निरंतर विकास की अवधारणा प्राचीन
भारतीय ग्रंथों में भी उपलब्ध है। इसके लिए भारत को पश्चिमी देशों की अवधारणों को
ग्रहण करने के बजाय भारतीय मॉडल विकसित करने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि
योग के माध्यम से स्वयं को नई सोच प्रदान कर समाज को नई दिशा देने में अहम योगदान
दिया जा सकता है। अत: सर्वप्रथम स्वयं को नई ऊर्जा से सिंचित करने की आवश्यकता है।
कुलपति प्रो.
टी.वी. कटटीमनी ने जनजातियों के नवोन्मेषों का जिक्र करते हुए शोधार्थियों को इनके
संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। इससे पूर्व डीन प्रो. शैलेंद्र सिंह भदौरिया और
विभागाध्यक्ष प्रो. ए.पी. सिंह ने आईजीएनटीयू में नवोन्मेष की विस्तार से जानकारी
प्रदान की। सेमीनार के संयोजक डॉ. नेनावथ श्रीनू ने बताया कि सेमीनार में 38 शोधपत्र प्रकाशित
किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राहिल युसूफ जई ने किया। इस अवसर पर अतिथियों
ने सेमीनार स्मारिका का विमोचन भी किया।
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