देशभर के
प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक ले रहे भाग
अमरकटंक (अनूपपुर)।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में रासायनिक विज्ञान में हो रहे
बदलावों के बारे में शिक्षकों और शोधार्थियों को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य
से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार शुक्रवार से प्रारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में
प्राकृतिक उत्पादों से बनाई जाने वाली उपयोगी और प्रभावी दवाइयों के बारे में
जानकारी प्रदान की गई। आईआईटी गुवाहटी के रसायन विभाग के डॉ. अनिल के. सेकिया ने
उद्घाटन सत्र में बताया कि प्राकृतिक उत्पादों से बनने वाली दवाइयां विभिन्न
बीमारियों के उपचार में अधिक उपयोगी होती हैं। वर्तमान में बनने वाली दवाइयों में
से २५ प्रतिशत का आधार प्राकृतिक उत्पाद होते हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप
से बनाई जाने वाली दवाइयों में अधिक परिश्रम और समय जरूर लगता है परंतु इनके
नकरात्मक प्रभाव कम होते हैं।
उन्होंने
कैंसर और त्वचा से संबंधित कई बीमारियों के इलाज में प्रयुक्त की जाने वाली
प्राकृतिक दवाइयों के निर्माण संबंधी जटिल प्रक्रिया को आसान शब्दों में
शोधार्थियों को समझाया। उन्होंने कहा कि दवा उद्योग को प्राकृतिक उत्पादों पर
आधारित दवाइयों को विकसित करने के लिए और गहन शोध करने की आवश्यकता है। दो दिवसीय
इस राष्ट्रीय सेमीनार में प्रतिष्ठित संस्थानों के कई विशेषज्ञ अपने अनुसंधान को
शोधार्थियों के समक्ष प्रस्तुत कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत करेंगे। इनमें आईआईआईटी
मुंबई,आईआईटी
रू$डकी,आईआईटी इंदौर, एनआईटी राउलकेला
सहित कई प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक शामिल हैं। सेमीनार का आयोजन
डीन प्रो. नवीन कुमार शर्मा के निर्देशन में डॉ. तन्मय के. गोहराई, डॉ. बिस्वाजीत माजी, डॉ.सुब्रता जना,डॉ.खेमचंद देवानगन
और डॉ.अदिश कुमार जायसवाल द्वारा किया जा रहा है।
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