भाकपा ने दिये गये ज्ञापन में कहा डीजल पेट्रोल की कीमतो पर शीध्र लगाम लगाने, बढ़ती महंगाई, आंगनबाड़ी सहायिका की दुर्दशा, प्रवासी मजदूरों के साथ भेदभाव , किसानों को खाद और बीज, महिला उत्पीडऩ, बढ़ती बेरोजगारी के साथ 2 से 4 जुलाई तक कोयला खदान में राष्ट्रव्यापी आंदोलन के समर्थन किया।
उन्होने कहा जब देश में बेरोजगारी चरम पर है किसान और मजदूर आर्थिक तंगी की हालत से गुजर रहे हैं और छोटे व्यापारियों के भी हालत अच्छी नहीं है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम हो गई तो फिर भारत में डीजल और पेट्रोल की कीमत बढऩे का कारण पूछा। भाजपा सरकार 2014 के पहले छाती पीट-पीटकर के और सरकार को कोषती थी। आज वही सरकार लगातार डीजल और पेट्रोल की कीमत पर बढ़ोतरी कर रही है।
इस दौरान भाकपा राज्य परिषद के सदस्य का. विनोद ओगरे, जिला सचिव संतोष केवट, विधानसभा परिषद के सदस्य भाग्वेन्द्र तिवारी,भारतीय महिला फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष निशा मिश्रा, गीता विश्वकर्मा,सुषमा कैथल सहित कार्यकर्ता शामिल रहे।
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