क्षेत्रीय
प्रबंधक रीवा ने सेवानिर्वत कर्मचारी को भेज
बिना आदेश जांच के लिए, खाने योग्य नही अनाज
अनूपपुर। सजहा वेयर हाउस में भंडारित खाद्यान्न के खराब हो जाने की जानकारी के बाद
जहां संभायुक्त शहडोल के निर्देश पर दो बार एसडीएम अनूपपुर खाद्य विभाग की टीम के
साथ पहुंचकर जांच की गई, जहां दोनो ही जांच में टीम ने पंचनामा
बनाते हुए प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा है। जिसमें 11 स्टैक के 32 हजार
गेहूं की बोरियां वजन 16 हजार क्विंटल कीटग्रसित होकर डस्ट
फार्मेशन में बदल चुका है। जिसकी कीमत 4 करोड़ रूपए
है। इसके साथ ही सजहा गोदाम में रखे 1 हजार 746 बोरी
चावल वजन 873 क्विंटल खाने लायक नही, जिसकी कीमत 26
लाख
19 हजार है। संचालक पंकज तिवारी ने समय पर भंडारित खाद्यान्न का
उपचार नही किए जाने से परिस्थिति निर्मित हुई और 4 करोड़ 26 लाख
19 हजार का चावल व गेहूं खराब हो गया, जो
वितरण योग्य ही नही है।
विन्ध्या
इरेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड गोदाम म.प्र. वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन
अनूपपुर द्वारा संयुक्त भागीदारी योजना के तहत अनुबंधित है। जहां वर्ष 2019-20 का
गोदाम में भंडारित गेहूं खराब हो जाने व पूर्व में की गई कीटोपचार के उपरांत भी
उक्त 10 स्टैक का गेहूं पीडीएम में वितरण योग्य नही पाया गया। 11 जुलाई
को डीके श्रीवास्तव सहित प्रदाय केन्द्र प्रभारी सुनील कुमार गर्ग, वेयर
हाउस अनूपपुर शाखा प्रबंधक प्रीति शर्मा, सहायक
आपूर्ति अधिकारी वॉयएस तिवारी जांच में पहुंचे और जांच में गोदाम में रखे 18 स्टैक
गेहूं को गुणवत्ताविहीन पाया। टीम ने पंचनामा बनाते हुए स्कंध में गेहूं के दाने 3 प्रतिशत
से 9.5 प्रतिशत घुन लगा होना तथा कुछ गेहूं की बोरियां फेयर एवरेज क्वालिटी
के कारण छांट कर पुन: जांच कराते हुए पीडीएस में प्रदाय कराने की टीप दी गई है।
जबकि गेहूं के आटा बनने के साथ दाने में घुन लग जाने के बाद खराब गेहूं को खपाने
की योजना है। इस मामले में गोदाम संचालक पंकज तिवारी तथा प्रदाय केन्द्र प्रभारी
अनूपपुर सुनील कुमार गर्ग द्वारा मिलीभगत कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में
कीटग्रस्त स्कंध को भेजने पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अपराध
पंजीबद्घ किया जाना चाहिए।
4 करोड़
26 लाख 19 हजार का खाद्यान्न हुआ खराब
5 जुलाई
को एसडीएम सहित खाद्य विभाग के निरीक्षण व पंचनामा के बाद बनाए गए प्रतिवेदन में 16 हजार
क्विंटल गेहूं एवं 873 क्विंटल चावल खाने योग्य नही पाया गया,
जहां
हर स्टैक की कीमत निकाली गई है। जिसमें गोदाम नंबर 15बी में स्टैक
नंबर 3 में 1828 बोरियों में 914 क्विंटल
का कीमत 22 लाख 85 हजार,
स्टैक
4 में 2633 बोरी में वजन 1316.5 क्विंटल
की कीमत 32 लाख 91 हजार 250, स्टैक 5 में
2630 बोरी वजन 1315 क्विंटल की कीमत 32 लाख
87 हजार 500, स्टैक 6 में
3240 बोरी वजन 1620 कीमत कॉस्ट 40 लाख
50 हजार, स्टैक 7 में 3147 बोरी
वजन 1573.5 क्विंटल की कीमत 39 लाख
33 हजार 750, स्टैक 8 में
2792 बोरी वजन 1396 क्विंटल की कीमत 34 लाख
90 हजार, स्टैक 9 में 3240 बोरी
में 1620 क्विंटल की कीमत 40 लाख 50 हजार,
स्टैक
10 में 3240 बोरी में 1620 क्विंटल
की कीमत 40 लाख 50 हजार, स्टैक 11 में
3240 बोरी में 1620 क्विंटल की कीमत 40 लाख
50 हजार, स्टैक 12 में 1560 बोरी
में 1560 क्विंटल 1620 क्विंटल की कीमत 39 लाख
50 हजार तथा गोदाम नंबर 15 सी के स्टैक
नंबर 8 में रखे 2890 बोरियो में 1445 क्विंटल
की कीमत 36 लाख 12 हजार 500 रूपए आई है।
वहीं गोदाम नंबर 15ए के स्टैक 1 में
1746 बोरी में ८७३ क्विंटल चावल की 1620 क्विंटल
की कीमत २६ लाख 19 हजार कुल 4 करोड़
26 लाख 19 हजार का चावल और गेहूं सजहा में पूरी
तरह से खराब हो गया है।
सजहा गोदाम
में गेहूं के गुणवत्ता की जांच करने पहुंचे दीपक कुमार श्रीवास्तव बीते तीन से चार
वर्षो पूर्व संवानिर्वत हो चुके है। जिन्हे कई बार उन्हे अनूपपुर जिले में देखा
गया है। संवानिर्वत कर्मचारी क्षेत्रीय प्रबंधक रीवा रवि सिंह के मौखिक आदेश का
हवाला देते हुए शाखा प्रबंधक डब्ल्यूएलसी, प्रदाय
केन्द्र प्रभारी अनूपपुर, सहायक आपूर्ति अधिकारी के साथ खराब हो
चुके गेहूं की जांच की गई। जब श्रीवास्तव नागरिक आपूर्ति के संवानिर्वत है, जिन्हे बेसक
क्षेत्रीय प्रबंधक खाद्यान्न के क्वालिटी की जांच के लिए एडवाईजरी व कॉसलटेंट के
रूप में रख सकता है, लेकिन इसके लिए क्षेत्रीय प्रबंधक का
सजहा वेयर हाउस में गेहूं जांच का कोई लिखित आदेश नही था, जिस
पर अब सरकारी तंत्र पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। खाद्यान्न के जांच के लिए
नॉन अनूपपुर के क्वालिटी निरीक्षको से भरोसा उठ गया है। एसडीएम अनूपपुर एवं खाद्य
विभाग की टीम द्वारा की गई जांच पर कौन सा कारण बना की गेहूं के घुन जाने के साथ
डस्ट फॉर्मेशन की रिर्पोट देने के बाद भी गेहूं के खपाने की नई-नई योजनों को अंजाम
देने का प्रयास किया जा रहा है।
नॉन के डीएम
लगा चुके प्रतिबंध
जानकारी के
अनुसार सजहा वेयर हाउस में भंडारित गेहूं के ऑटा फारर्मेशन होने के कारण नॉन
अनूपपुर के डीएम ए.के.द्विवेदी ने म.प्र. वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पो.अनूपपुर
के शाखा प्रबंधक को सजहा गोदाम नंबर15 में भंडारित
गेहूं को सार्वजनिक वितरण हेतु प्रतिबंधित किए जाने का आदेश दिया गया है। आदेश 4 जुलाई
को जारी किया गया। जिसमे उपमहाप्रबंधक भोपाल द्वारा दिए गए निर्देश में सजहा गोदाम
क्रमांक 15 में भंडारित वर्ष 2019-20 का
गेहूं कीटग्रस्त हो जाने के कारण उचित मूल्य की दुकानो से प्राप्त शिकायतो के आधार
पर भंडारित गेहूं के गोदाम नंबर 15बी के स्टैक नंबर 3 से 12 तक
एवं गोदाम नंबर 15 सी में स्टैक क्रमांक 7 एवं
8, गोदाम नंबर 15डी में स्टैक क्रमांक 2, 3 एवं
9 तथा 15 ई में स्टैक नंबर 12 को
आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया गया है।
अब गेहूं को
खपाने सॉलवेजिंग की तैयारी
भंडारित 16 हजार
क्विंटल से अधिक मात्रा में खराब हुए गेहूं को खापाने के लिए संचालक पंकज तिवारी
एवं प्रदाय केन्द्र प्रभारी अनूपपुर सुनील कुमार गर्ग ने मिलीभगत कर खाद्य सुरक्षा
अधिनियम के विपरित जाकर गुणवत्ताविहीन व घुन चुके गेहूं की तैयारियों में जुट गए
है।
शाखा प्रबंधक
अनूपपुर डब्ल्यूएलएलसी प्रीति शर्मा का इनका है कि मुझे सिर्फ सजहा वेयर हाउस में
जांच के लिए फोन के माध्यम से सूचना मिली थी, जिसके बाद मै
वहां पहुंची। नॉन के रिटायर्ड कर्मचारी को सजहा गोदाम के जांच के लिए क्षेत्रीय
प्रबंधक रीवा द्वारा कोई आदेश दिया गया है या नही मुझे नही मालूम।
सहायक खाद्य
एवं आपूर्ति अधिकारी अनूपपुर वॉय.एस. तिवारी ने बताया कि मेरे द्वारा नॉन के
रिटायर्ड कर्मचारी से जांच के आदेश व उनका परिचय पत्र मांगा गया था, जहां
उन्होने मौखिक आदेश का हवाला दिया। जिसके बाद नागरिक आपूर्ति के डीएम के निर्देशन
पर जांच में पहुंचे थे।
वहीं नागरिक
आपूर्ति निगम अनूपपुर प्रबंधक ए.के. द्विवेदी ने बताया कि आरएम के आदेश में जांच करने पहुंचे थे, ये
मै नही बता सकता की उनके पास कोई लिखित आदेश था या नही ये आरएम ही बता पाएंगे।
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