मांग पूरी न
होने पर कृषक, व्यापारी, हम्माल-तुलावटी 21 को
घेरेंगे विधानसभा
अनूपपुर। म.प्र. शासन के अध्यादेश 1 मई भारत
सरकार का अध्यादेश 5 जून एवं मंडी अधिनियम 1972 में
विरोधाभास होने से कृषक, व्यापारी, हम्मला-तुलावटी
एवं मंडी बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारी के हितो के संरक्षण के लिए 16
जुलाई को संयुक्त संघर्ष मोर्चा म.प्र. मंडी अनूपपुर ने 4
बिन्दुओ का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर सरोधन सिंह को सौंपा।
ज्ञापन में
बताया गया कि म.प्र. शासन द्वारा मॉडल एक्ट लागू करने का अध्यादेश जारी किया गया,
किन्तु
उसके विस्तृत नियम, दिशा-निर्देश वर्तमान तक जारी नही हुए
है केन्द्र शासन द्वारा कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अध्यादेश
जारी किया गया किन्तु राज्य शासन द्वारा आज तक उक्त अध्यादेश के संबंध में कोई
स्पष्ट नियम, दिशा-निर्देश जारी नही होने सें कृषक, व्यापारी,हम्माल-तुलावटी
एवं मंडी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी मांगो को तीन दिवस में स्वीकृत किए
जाने की मांग की है, जिसमें कृषकों से पैन कार्ड के आधार पर
बिना लाइसेंस, बिना प्रतिभूति व बिना किसी बंधन के सीधी खरीदी करने वाले
व्यापारी से समर्थन मूल्य पर खरीदी विक्रय,मंडी प्रांगण
के अंदर मंडी फीस के भुगतान के साथ-साथ नियमों का पालन करते हुए कर सकें।
मंडियो में
वितग 30 से 40 वर्षो से हम्माल-तुलावटियों द्वारा
मंडियो से लाइसेंस प्राप्त किया जाकर अपनी सेवाएं मंडी प्रांगण में एक परिवार के
सदस्य के रूप में दी जा रही है,अध्यादेश लागू होने से इनके
परिवारों पर भरण-पोषण का संकट खड़ा होगा। मंडी बोर्ड व मंडी के अधिकारी कर्मचारी
की मुख्य रूप से एक ही मांग है कि सभी अधिकारी-कर्मचारी को संचालनालय विपणन में
शामिल किया जावे, जिससे कि कर्मचारियों के वेतन, पेंशन
की जिम्मेदारी शासन स्तर पर हो जिस पर विभन्न पत्रो के माध्यम से शासन प्रशासन को
अवगत कराया गया। इन मुद्दो को लेकर समय पर मांगे नही मानी जाने पर 21
जुलाई को प्रदेश के सभी कृषक, व्यापारी, हम्माल-तुलावटी,
मंडी
व मंडी बोर्ड केअधिकारियों एवं कर्मचारी द्वारा विधानसभा का घेराव करेंगे।
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