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बुधवार, 1 जुलाई 2020

चचाई से बकेली सोन नदी पुल का कार्य 3 साल से अधर में बारिश में नाव का सहारा

अनूपपुर। चचाई से बकेली गांव को जोडऩे वाला सोन नदी में पुल निर्माण की स्वीकृति 2017 में मिली थी। 3 वर्ष बीत गए लेकिन पुल बनाने का कार्य अभी आधा भी नहीं हो सका है। पुल के निर्माण में हो रही लेटलतीफी के चलते ग्रामीणों को नाव या फिर जान जोखिम में डालते कर नदी पार करना होता है। पुल न बनने से स्कूली विद्यार्थी और चचाई प्लांट में काम करने वाले मजदूरो को सबसे अधिक परेशानियो का समाना करना पड़ता है।

जैतहरी विकासखंड के चचाई ग्राम से सोन नदी में बाबा कुटी से बकेली गांव को जोडऩे वाले पुल निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी ब्रिज कारपोरेशन को स्वीकृति 2017 में मिली। 3 वर्ष बीत गए लेकिन पुल बनाने का कार्य अभी आधा भी नहीं हो सका है।

जनदर्शन यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जब चचाई आए थे तब क्षेत्र के नागरिकों ने सोन नदी पुल बनाए जाने की मांग रखी थी। जिस पर उन्होंने घोषणा की थी। निर्माण की राशि 469 लाख रुपए शासन ने मंजूर की और इस कार्य का टेंडर अमफा इंफ्रास्ट्रक्चर न्यू दिल्ली को मिला। पुल बनाने का कार्य आदेश 9 मार्च 2017 को जारी हुआ था और 8 मई 2019 पुल बनाने की तारीख निर्धारित की गई थी। एक वर्ष का समय और लग गया लेकिन पुल का काम अभी अधूरा पड़ा है। बताया गया कि जिस एजेंसी को पहले टेंडर दिया गया था, उसने कार्य बीच में छोड़ दिया। अब दूसरी एजेंसी इस कार्य को कर रही है। लेकिन कार्य में गति नहीं आ पा रही है।

पुल निर्माण के बाद अनूपपुर और कोतमा मार्ग सहित केशवाही जाने का मुख्य मार्ग राहगीरों के लिए नजदीक होगा। साथ ही नदी के दूसरी तरफ बकेली, खाड़ा, मानपुर, बरबसपुर, पौड़ी जैसे गांव के लोग सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। जहां ग्रामीण मजदूर जो कि चचाई पावर प्लांट में मजदूरी करने आते हैं, उन्हें पुल के अभाव में कई बार नदी के पानी को पार करके आना पड़ता है। इसी तरह नदी किनारे गांव के स्कूली छात्र-छात्राएं चचाई हायर सेकंडरी स्कूल में पढऩे आते हैं। उन्हें वर्षा काल में आने-जाने काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। नदी पार कर गांव से चचाई की तरफ आने वाले ग्रामीणों को बारिश के दिनों में नाव का सहारा लेना पड़ता है। एक बार का करीब 20 रुपये देने पड़ते हैं। कई बार नाव बंद रहने के कारण मजदूरों, दूध विक्रेताओं और स्कूली छात्रों को 20 किमी अनूपपुर होकर चचाई आना पड़ता है।

210 मीटर लंबा पुल ठेका एजेंसी ने नदी के दोनों किनारों पर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया है। नदी में पुल बनने से नदी किनारे स्थित गांव का विकास तेजी से होगा लोगों को रोजगार मिलेंगे और एक स्थान से दूसरे स्थान आने जाने की सहूलियत होगी। पुल बनाए जाने की मांग वर्षों से क्षेत्र के नागरिक करते आ रहे थे लेकिन अब पुल निर्माण में हो रही देरी से हर वर्षाकाल में लोगों को नदी से उस पार जाने की समस्या अब भी बनी हुई है। नदी के बीच का पूरा हिस्सा अभी शेष है। रास्ता निर्माण कार्य धीमी गति से हो रहा है। बताया गया कि सेतु निर्माण विभाग के अधिकारी शहडोल से इस कार्य की निगरानी रख रहे हैं जो नियमित रूप से यहां नहीं आते। इसके कारण पुल निर्माण कार्य में विलंब होता चला जा रहा है।

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