तेलंगाना
सरकार ने केन्द्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आईजीएनटीयू से मांगा
सहयोग
अनूपपुर। इंदिरा गांधी
राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर तेलंगाना में प्रस्तावित केंद्रीय
जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु विचार-विमर्श के लिए आए तेलंगाना के
उप-मुख्यमंत्री कदियाम श्रीहरी ने छात्रों का आह्वान किया कि वे कठिन परिश्रम और
नई तकनीक के सद्पयोग से अपने करियर को नई ऊंचाइयां तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि
कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है और इसी की मदद से समाज में नई पहचान बनाई जा
सकती है। केंद्र सरकार ने बजट में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अलग-अलग केंद्रीय
जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए बजट आवंटित किया है। इस बारे में
इंगांराजवि की स्थापना से जुड़े शिक्षकों और कर्मचारियों से विचार-विमर्श और यहां
आने वाली चुनौतियों के बारे में जानने के उद्देश्य से तेलंगाना राज्य सरकार की ओर
से दो सदस्यीय दल इंगांराजवि का दौरा करने के लिए बुधवार को विश्वविद्यालय पहुंचा
था। दल में उपमुख्यमंत्री कदियाम श्रीहरी और महबूबाबाद के सांसद प्रो.अजमीरा
सीताराम नायक उपस्थित रहे। दोनों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों
का दौरा किया और यहां छात्रों को प्रदान करने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी
ली। कुलपति प्रो.टी.वी.कटटीमनी ने जनजातीय छात्रों के सर्वागींण विकास के लिए उठाए
जा रहे कदमों के बारे में जानकारी प्रदान की। दल ने विश्वविद्यालय के डीन और
शिक्षकों के साथ भी विमर्श किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से श्रीहरी और
प्रो.नायक को समारोह पूर्वक सम्मानित किया गया। श्रीहरी ने अपने संबोधन में दस
वर्ष में विश्वविद्यालय की प्रगति को अतुलनीय बताया। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों
को अगले कुछ वर्षो में इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल करने
के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे इंटरनेट जैसी तकनीक का प्रयोग
करके व्यावसायिक जीवन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि
इसके लिए छात्र जीवन का सद्पयोग कर कठिन परिश्रम कर स्वयं के विषय में विशेषज्ञता
प्राप्त कर समाज को इसका लाभ प्रदान करना होगा।
उन्होंने
तेलंगाना का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश का गठन अभी होन के बावजूद यह देश में
सबसे अधिक 16.5 जीडीपी वाला प्रगतिशील प्रदेश बन गया है, जिसका हैदराबाद
मैट्रो शहर ग्लोबल हब के रूप में उभर के सामने आ रहा है। प्रस्तावित जनजातीय
विश्वविद्यालय में जनजातीय छात्रों के लिए 70 प्रतिशत आरक्षण का सुझाव दिया।
उन्होंने नए विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए इंगांराजवि में अर्जित अनुभवों को
अहम बताया। सांसद श्री नायक ने छात्रों से स्वयं को लक्ष्य पर केंद्रित कर स्वयं
में निरंतर नए कौशल का विकास करने का आह्वान किया। उनका कहना था कि छात्र जीवन
स्वर्णिम युग होता है जिसका सद्पयोग करके जीवन को सफलता के नए मुकाम तक पहुंचाया
जा सकता है। इससे पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत डीन (अकादमिक) प्रो. आलोक
श्रोत्रिय ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राहिल यूसुफ जई ने किया।
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