मुख्यालय तक
सीमित रहा परीक्षा पर चर्चा
अनूपपुर।
परीक्षा पर चर्चा विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का प्रसारण
दूरदर्षन सहित आकाशवाणी के सभी चैनलों पर किया गया। इसे जिले के विभिन्न
विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने देखा एवं सुना। 10वीं और 12वीं की परीक्षा से
पहले प्रधानमंत्री ने आज छात्रों से ''परीक्षा
पर चर्चा की।
परीक्षा के दबाव को दूर करने के लिए प्र.म. ने छात्र-छात्राओं को मंत्र दिए। पीएम
ने बच्चों के कहा, मैं
आपका दोस्त हूं। यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है।
इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने पीएम से परीक्षा के दबाव पर सवाल पूछे। पीएम
ने विवेकानंद जी का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा कि विवेकानंद जी कहा करते थे कि
अपने आप को कम नहीं आंको। ईमानदारी से
मेहनत के बाद भी अगर आत्मविश्वास नहीं होता है तो सब याद आता है लेकिन शब्द याद
नहीं आता। विवेकानंद जी ने कहा अहम ब्रह्मास्मि। विवेकानंद जी कहते थे कि 33 करोड़
देवी-देवताओं की पूजा करो,वे
आशीर्वाद दें लेकिन अगर अपने अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा, तो 33 करोड़ देवाता
भी कुछ नहीं करेंगे।
अभिभावओं से
की अपील
मैं अभिभावओं
को अपील करता हूं कि आप बच्चों को सोशल स्टेटस न बनाएं। कोई भी बच्चा ऐसा नहीं
होता जिसके अंदर कोई न कोई हुनर न होती हो। परिवार में एक खुला वातावरण होना जरूरी
है। बेटा-बेटी जब 18 साल के हो जाएं तो उन्हें मित्र मानना चाहिए। देशभर के
अलग-अलग कोनों से लाखों छात्र-छात्राएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम
में हिस्सा बने।
प्र.म.ने
छात्रों के लिए लिखी 'एग्जाम
वारियर
प्रधानमंत्री
ने कुछ दिन पहले ही छात्रों के लिए 'एग्जाम
वारियर नामक
किताब लिखी है, जिसमे
उन्होंने परीक्षा के लिए 25 मंत्र बताएं है,
जिससे छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ेगा। इस किताब में यह संदेश
दिया है कि परीक्षा कोई हौव्वा नहीं है। इससे डरने की कोई जरूरत नहीं होती है। यह
किताब बाजार में उपलब्ध भी है।193 पन्नों की इस पुस्तक में परीक्षा की तैयारी कर
रहे परीक्षार्थियों के लिए 25 अध्यायों में 25 नुस्खे दिए गए हैं। किताब के अंत
में परीक्षार्थियों के लिए योगासन भी बताए गए हैं।
मुख्यालय तक
सीमित रहा परीक्षा पर चर्चा
वही सूत्रो
ने बताया कि इसकी सूचना समय से न मिलने से कई स्कूलो में प्रधानमंत्री के इस
कार्यक्रम से वचिंत रहे। जिले के आलाधिकारीयो ने मुख्यालय की स्कूलो में देखकर इसे
पूरे जिले में सफल मान लिया जबकि कई स्कूलो के बच्चो को इस कार्यक्रम को सुन न
पाने का मलाल है।
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