आदिवासी
बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृ$ढ बनाने का प्रयास
अनूपपुर।
जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों विशेषकर पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत के दूरस्थ अंचल में
स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए प्रयास शुरु किए गए हैं। प्रयासों के तहत
जिला प्रशासन ने दूरस्थ अंचल पडमनिया, सरई, बडीतुम्मी,धुराधर,टिटही जैतहरी आदि से
लगे ७५ ग्रामों के लगभग ६० हजार जनसमूह को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने
हेतु शासन के प्रयासों के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाएं देने वाली
संस्था, जन
स्वास्थ्य सहयोग संस्था (जेजेएस) गनियारी से अनुबंध किया गया है। यह अनुबंध
मध्यप्रदेश सरकार तथा स्वयंसेवी संस्था के मध्य है। अनुबंध के तहत यह संस्था इन
ग्रामों में जहां स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन करेगी, वहीं ६ माह से तीन वर्ष तक के बच्चों के
सम्पूर्ण देखरेख तथा उनको कुपोषण से बचाने की दिशा में कार्य करेगी। इसके साथ ही
दूरस्थ अंचलों में संस्थागत प्रसव, मलेरिया
नियंत्रण सहित सीजनल बीमारियों में भी जनसामान्य को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध
कराएगी। गत दिवस ग्राम पयारी में जिला
पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह, कलेक्टर
अजय शर्मा, पुलिस
अधीक्षक सुनील जैन तथा सीईओ जिला पंचायत के.व्ही.एस.चौधरी एवं मुख्य चिकित्सा व
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.पी.श्रीवास्तव के साथ ही ग्रामीणजनों तथा के पत्रकारों की
उपस्थिति में फुलवारी केन्द्रों का शुभारंभ किया गया।
इस संस्था का
संचालन भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली से जन सेवा हेतु समर्पित चिकित्सक
जो नौकरी छो$डकर
इस कार्य से जु$डे
हैं क्रमश: डॉ.रमन तथा डॉ.योगेश का मार्गदर्शन एवं संचालन प्राप्त होगा। जिला
प्रशासन द्वारा इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस संस्था में सेवाएं
देने वाले चिकित्सकों का स्थापना व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। जिला प्रशासन द्वारा
जिला खनिज मद से अधोसंरचना सुदृ$ढीकरण
तथा फुलवारी संचालन हेतु राशि उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे ३ से ६ वर्ष तक के बच्चों
को कुपोषण से मुक्ति दिलाने हेतु सुबह, दोपहर
एवं शाम का कैलोरीयुक्त भोजन तथा इन फुलवारी केन्द्रों में प्रशिक्षित स्वास्थ्य
सेवा देने वाली स्थानीय महिलाओं को दिया जाने वाला मानदेय शामिल है। महिलाओं का
चयन ग्राम सभा के माध्यम से किया गया है।
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