अनूपपुर।
म.प्र.दीनदयाल अंत्योदय योजना,राज्य
ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत ग्राम बहपुरी की विमला मानिकपुरी की शादी छोटी उम्र
मे ही हो गई थी। घर की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नही थी, पति कृषि और मजदूरी
का कार्य करते थे। माता पिता भी दूसरे के यहॉ मजदूरी करने जाते थे। पैसे के अभाव
के कारण कोई नया व्यवसाय भी नही कर सकती थी,
लेकिन लक्ष्मी आजीविका स्व-सहायता समूह से जुडने के बाद समूह
से ऋण लेकर अपने लिए सिलाई मशीन व पति को
फर्नीचर (कारपेंटर)के कार्य मे लगाया। धीरे धीरे दोनों के काम अच्छा चल निकला और
आज वर्तमान मे विमला मानिकपुरी सिलाई के
साथ पीको फाल का काम भी करने लगी है तथा साथ में पति के साथ सब्जी उत्पादन कर व
पति के कारपेंटर के व्यवसाय में भी मदद कर रही हैं। सभी कामों से कम से कम 14000
रू. की मासिक आमदनी हो जाती है । अभी तक विमला मानिकपुरी के द्वारा समूह से 7 बार
ऋण के रूप में 73500/- रूपये लेकर नियमित ऋण वापसी करते हुए रू 38000/- ऋण समूह को
वापस कर चुकी हैं। इसके साथ ही विमला अपने ग्राम संगठन गुरूकृपा मे बुक कीपर के
रूप में भी कार्य कर रही हैं।
आजीविका मिशन
के माध्यम से ग्राम संगठन मे पद प्राप्त कर ग्राम मे होने वाले कार्यक्रमो मे
प्रतिभाग करना, ग्राम
सभा मे महिलाओ की भागीदारी बढ़ाने उन्हें प्रेरित करना अब विमला के कार्यो में
शामिल हो गया है। समूह से जुडऩे के बाद विमला की सामांिजक स्थिति मे परिवर्तन हुआ
है, अब
लोग उन्हें सम्मान के साथ देखते हैं। समूह से जुडऩे के बाद विमला ने 12 वीं की
परीक्षा भी पास की। विमला बताती है कि समूह से जुडने के बाद उनके जीवन मे बहुत ही
सुखद परिवर्तन हुए हैं और उन्हे गर्व है कि वे आजीविका मिषन परिवार की सदस्य है
आजीविका मिशन ने उनके सपनो को एक नई उंचाई तक पहुंचाया है और वे हमेशा इस परिवार
जुडे रहने की इच्छा रखती है।
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