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शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

सूदखोरो के जाल मे श्रमिको का भविष्य,बैंको मे रहता दलालो का जमघट

कोतमा कोयलांचल क्षेत्र मे सूदखोरी का अवैध कारोबार चरम पर है, जिसमें कई सफेदपोशो द्वारा कालरी श्रमिको को सूदखोरी के जाल मे फंसा उनके जीवन व परिवार के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए है। जिसके कारण कोतमा क्षेत्र मे सूदखोरी के आतंक से कई परिवारो का जीवन बरबाद हो चुका है। जिसके बाद भी प्रशासन एवं बैंक प्रबंधक द्वारा कोई प्रभावी कदम नही उठाया गया। पूर्व मे सूदखोरी के कारण घटित मुन्ना रजक सपरिवार आत्मदाह की घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने कडे कदम उठाए थे परिणामस्वरुप सूदखोरी मे कुछ दिनो के लिए अंकुश लगा था। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ सब कुछ सामान्य हो गया और फिर से तेज गति से कॉलरी कर्मचारियो की एटीएम, पासबुक सहित अन्य विड्रावल फार्म सूदखोरो के कब्जे मे गहन के रूप में रखा जाने लगा है। इसमें बैंक कर्मचारियो की मिलीभगत भी सामने आई है, जहां राशि का आहरण किया जाता है। क्षेत्र के कोतमा, भालूमाडा, जमुना, बिजुरी, राजनगर एवं आमाडांड के बैंको मे सूदखोरो का गिरोह बनाकर श्रमवीरो को फांसाया जाता है। कोयलांचल क्षेत्र होने के कारण सुबह बैंक खुलते ही  सूदखोर बैंक के बाहर डेरा जमा लेते है जो बैंक बंद होने तक डटे रहते है। वहीं इन सूदखोरो का पूरा व्यवसाय बैंक के आसपास चाय, पान एवं किराना दुकानो मे करते है। कोतमा क्षेत्र में चिन्हित सूदखोर है जिनके खिलाफ विभिन्न मामले दर्ज है और आतंक के कारण जिलाबदर भी किया जा चुका है साथ ही कई मामले लंबित है। स्थानीय लोगो ने पुलिस अधीक्षक से कोतमा एवं अनुभाग क्षेत्र मे सूदखोरी रोकने मांग की गई है।

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