अनूपपुर। एक ओर प्रदेश शासन
द्वारा छात्र-छात्राओ को अपनी शिक्षा पूर्ण करने के लिए 100 प्रतिशत
छात्रवृत्ति का लक्ष्य दिया गया था, जहां
प्रदेश के 51
जिलो में छात्रवृत्ति के भुगतान के मामले में अनूपपुर जिला पहले स्थान में है।
लेकिन कुछ प्राचार्यो की लापरवाही के कारण छात्रवृत्ति का लक्ष्य शत प्रतिशत
प्राप्त नही हो सका। जिसके कारण अब भी जिले के 2 हजार 355 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति समग्र
शिक्षा पोर्टल में दर्ज नही हो सकी। वहीं जिला प्रशासन व जिला शिक्षा अधिकारी के
सख्त निर्देशो के बावजूद जिले के कई प्राचार्यो द्वारा उदासीन रवैया अपनाते हुए
छात्रवृत्ति की ऑनलाईन फीडिंग समय पर नही किए जाने के कारण पात्र बच्चे
छात्रवृत्ति पाने से वंचित हो गए है।
जिले में
संचालित 1
हजार 905
विद्यालय संचालित है, जिनमें
शासकीय प्राथमिक विद्यालयो की संख्या 1
हजार 161,अशासकीय
28,माध्यमिक शाला
392, अशासकीय
131, शासकीय
हाई स्कूल 64, अशासकीय
29 तथा शासकीय
हायर सेकेण्ड्री विद्यालय 67
तथा अशासकीय 33
विद्यालय है। जहां पर प्राचार्यो की लापरवाही के कारण 112 छात्रो का ऑनलाईन
रजिस्ट्रेशन नही हो सका वहीं स्वीकृत छात्रो में भी २ हजार 355 बच्चो की छात्रवृत्ति
ही स्वीकृत नही की गई।
1
लाख 46
हजार 8
छात्र है नामांकित
जिले में
संचालित प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्ड्री विद्यालय में छात्रवृत्ति हेतु 1 लाख 46 हजार 08 छात्र नामांकित है, जिसमें से 1 लाख 45 हजार 896 छात्रो का शिक्षा
पोर्टल में ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन किया गया है। वहीं शिक्षा सत्र के समाप्त होने के
समय में भी 112
बच्चे अब भी पोर्टल में दर्ज नही हो सके। जिसके कारण कुल 1 लाख 43 हजार 541 छात्रो की
छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई लेकिन अब भी 2
हजार 355
छात्र की छात्रवृत्ति प्राचार्यो की लापरवाही से स्वीकृत हेतु शेष बची है।
इन
प्राचार्यो की लापरवाही से अटका छात्रवृत्ति
जिले में
संचालित कई ऐसे शासकीय विद्यालय है जहां पर प्राचार्यो की लापरवाही के कारण 2 हजार 355 बच्चो की
छात्रवृत्ति स्वीकृत ही नही हो सकी, जिनमें
प्रमुख रूप से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमुना कॉलरी में 392, शासकीय उत्कृष्ट
कोतमा 318, शा.
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निगवानी में 230,अमदरी
में 199, बिलासपुर
में 140
तथा शासकीय हाई स्कूल इटौर में 213
बच्चो की छात्रवृत्ति की स्वीकृति जिला प्रशासन के बार-बार निर्देशो की अव्हेलना
करते हुए विद्यालयो के प्राचार्यो द्वारा नही की गई है। जिससे छात्रवृत्ति पाने
छात्र वंचित है।
प्राचार्यो
ने किया श्रेष्ठ कार्य
जानकारी के
अनुसार शासन के निर्देशानुसार समय पर
छात्रो की छात्रवृत्ति प्रदान करने में तत्परता से कार्य किया गया, जिसमें प्रमुख रूप
से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मलगा, सीएलके
बिजुरी, अमरकंटक,भेजरी,देवगवां, पडमनिया, गौरेला, खाड़ा, बेनीबारी, अनूपपुर तथा हाई
स्कूल दुलहरा के प्राचार्यो द्वारा छात्रवृत्ति हेतु समग्र पोर्टल में बच्चो की
जानकारी 100
प्रतिशत फीडिंग कराई गई, जिसके
बाद सभी स्वीकृत छात्रो की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया।
प्रधानाध्यापक
पर डाला जाता दवाब
शासन द्वारा
9 विभाग की लगभग 30 प्रकार की छात्रवृत्ति का भुगतान पात्र विद्यार्थियों को किया
जाना है। इस पूरी प्रक्रिया में कक्षा 1
से 8 वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों का कार्य शासन के आदेशानुसार जनपद शिक्षा
केन्द्र द्वारा किया जाना है किन्तु वर्तमान समय में जनपद शिक्षा केन्द्र द्वारा
कक्षा 1 से 8 तक छात्रवृत्ति का कार्य कर प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में
पदस्थ प्रधानाध्यापकों पर दवाब डालते हुए इस कार्य कराया जा रहा है, जिसमें बिना संसाधन
के अभाव में प्राईवेट दुकानो में जाकर प्रति छात्र 15 से 20 रूपए भुगतान कर
छात्रवृत्ति के लक्ष्य का प्राप्त करने कार्य किया जा रहा है।
इनका कहना है
छात्रवृत्ति
में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने पर कुछ प्राचार्यो द्वारा लापरवाही बरती गई है, जिनके खिलाफ
कार्यवाही की जाएगी।
यू.के.बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी
अनूपपुर
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