कावडिय़ों व शिवभक्तों अमरकंटक और जालेश्वर धाम दर्शन के लिए उमड़े,
अनूपपुर। कोरोना काल में सावन ने प्रथम सोमवार को पहले के त्योहार की तरह फीका रहा किन्तु बीच- बीच में भक्तो ने शिव के जयकारो के साथ अमरकंटक हर-हर महादेव जयघोष से गुंजायमान हो गया। सुबह से कावडिय़ों व शिवभक्तों का जत्था अमरकंटक और जालेश्वर धाम पहुंचकर दर्शन के लिए उमड़ा।सावन मास के प्रथम दिन प्रथम सोमवार होने पर इन्द्रदेव ने भी महादेव को बारिश के रूप में वर्षा कर जलाभिषेक किया। सुबह से बारिश का सिलसिला दिनभर जारी रहा। वहीं लोगो ने बारिश के बीच घरो में शिव अराधना किया।
हालांकि ५ जुलाई को ही गुरू पूर्णिमा के मौके पर अपने गुरू के आशीवार्द प्राप्त करने आए बाहरी शिष्यों और शिवभक्तों ने प्रथम सोमवार में माता नर्मदा का दर्शन और पूजन अर्चन किया। वहीं स्थानीय और बाहर से आए कांवडिय़ों का जत्था कवर्धा छत्तीसगढ़ से अमरकंटक पहुंचा। कावडिय़ों व शिवभक्तों ने नर्मदा स्नान कर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की, और नर्मदा जल भरकर जालेश्वर धाम पहुंचकर महादेव का जलाभिषेक किया। मान्यता है कि श्रावण मास में सोमवार को नर्मदा में स्नान कर गीले वस्त्र में ही किसी हाथ में जल पात्र में नर्मदा जल लेकर पैदल जालेश्वर महादेव जाकर फूल व बेलपत्र के साथ जलाभिषेक करें तो महादेव भक्त पर प्रसन्न होते हैं, साथ ही अगर भक्त जालेश्वर के उपरांत लोढेश्वर महादेव व कोटेश्वर महादेव का भी दर्शन करें तो उससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। इस मौके पर दोनों ही धार्मिक स्थानों पर कांवडिय़ों व श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों में पूजन अर्चन किया। वहीं जालेश्वर में जल चढ़ाकर कावडि़ए पुन: अमरकंटक नर्मदा मंदिर पहुंचेंगे, जहां से जलभर कर कर्वधा स्थित बूढ़ा महादेव मंदिर के लिए रवाना होंगे।
प्रथम सोमवार पर जिला मुख्यालय स्थित रामजानकी मंदिर, दुर्गा माता मढिय़ा मंदिर, तिपाननदी शिवमंदिर, बस्ती मार्ग स्थित शिवमंदिर सहित अन्य मंदिरों पर शिव भक्तों खासकर महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना की। इसके अलावा जैतहरी, पसान, बदरा, कोतमा, बिजुरी, रामनगर सहित अन्य स्थानों पर शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं द्वारा जल चढाने एंव भोले शंकर को मनाने की होड़ लगी रही।
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